बस्ती : उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में सरकारी अस्पतालों की हालत में सुधार के बजाय हालात और भी खराब होते जा रहे हैं. बस्ती जनपद के महिला अस्पताल में आधी रात को उस वक्त अफरातफरी मच गई जब एक साथ वार्डों में एडमिट एक दो नहीं बल्कि 100 से अधिक मरीजों की जान पर आफत आ गई. मरीजों की सांस फूलने लगी. अस्पताल में लोगों को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि अचानक ये क्या हो रहा. कुछ देर पहले नर्स ने सभी प्रसूताओं को इंजेक्शन लगाया था. इसके बाद ही भर्ती मरीजों को दिक्कत होने लगी.
मरीज के परिजनों का आरोप है कि इंजेक्शन लगने के बाद किसी मरीज का बीपी लो हो गया तो किसी की सांस फूलने लगी, तो किसी को तेज बुखार हो गया. अचानक एक साथ सैकड़ों मरीजों को एक ही तरह के लक्षण दिखने के बाद हॉस्पिटल के जिम्मेदार नदारद हो गए. मरीजों व उनके परिजनों का गुस्सा सातवें आसमान पर आ गया. इस बात की जानकारी जैसे ही जिला प्रशासन को हुई तो डीएम रवीश कुमार खुद जिला महिला अस्पताल पहुंचे और स्थिति को अंडर कंट्रोल किया.
दरअसल, यह पूरा मामला महिला अस्पताल का है, यहां करीब 11 बजे नर्स ने वार्ड में एडमिट सभी प्रसूति महिलाओं को इंजेक्शन लगाना शुरू किया. नर्स के इंजेक्शन लगाने के कुछ देर बाद महिलाओं को असर दिखना शुरू हो गया. मरीजों का आरोप है कि उन्हें एक्सपायरी इंजेक्शन लगाया गया है, जिस वजह से मरीजों की तबीयत खराब हुई. इंजेक्शन लगने के बाद देखते ही देखते 100 से अधिक भर्ती मरीजों की हालत गंभीर होने लगी.
परिजनों को कुछ समझ नहीं आ रहा था. वार्डों में अधिकतर प्रसूता महिलाएं एडमिट थीं. लापरवाही का नतीजा ही है कि नर्स ने बिना चेक किए इंजेक्शन की डोज को मरीजों में लगा दिया. कई पेशेंट की हालत अब भी खराब है. डॉक्टर अब उनका चेकअप करके इलाज कर रहे हैं. कुछ मरीजों का आरोप है कि सरकारी अस्पताल होने की वजह से किसी की कोई सुनवाई नहीं होती है. जब मरीजों की हालत जब बिगड़ने लगी तो इमरजेंसी में न कोई डॉक्टर मिला और न कोई नर्स.
वहीं जिलाधिकारी रवीश कुमार गुप्ता से जब इस प्रकरण को लेकर बात की गई तो उन्होंने बताया कि अस्पताल कर्मियों द्वारा वार्ड में भर्ती सभी मरीजों को एक ही इंजेक्शन लगाया गया जो दर्द का था. इसके बाद सभी को दिक्कत होने लगी. एक साथ सभी मरीजों का बीमार होना अजीब बात है, जिसकी जांच की जा रही है. एक्सपायरी इंजेक्शन की बात सही नहीं है, जो इंजेक्शन मरीजों को लगाए गए वो अभी सही है, लेकिन दवा में क्या दिक्कत रही जिस वजह से मरीजों को समस्या हुई इसके लिए वे जांच करवा रहे हैं. फिलहाल 100 से अधिक मरीजों को इस तरह की समस्या पैदा हुई जो अब खतरे से बाहर हैं. डॉक्टर सभी मरीजों का ट्रीटमेंट कर रहे हैं, कोई अब गंभीर हालत में नहीं है.