बस्तर: 23 जुलाई मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट पेश करेंगी. इस आम बजट को लेकर छत्तीसगढ़ के बस्तरवासियों को भी काफी उम्मीदें हैं. लंबे समय से बस्तर में कनेक्टिविटी की सुविधाओं की मांग को लेकर बस्तरवासी आंदोलन करते आए हैं. सबसे जरूरी रेल सुविधाओं की मांग बस्तरवासी करते आ रहे हैं. इसके लिए "रेल रोको आंदोलन" करने से लेकर सैकड़ों किमी की पदयात्रा और धरना प्रदर्शन बस्तरवासी कर चुके हैं. बस्तरवासियों को इस बजट में इस बार कुछ मिलने की उम्मीद है. बस्तरवासियों का कहना है कि देश में सबसे पिछड़े क्षेत्रों में से एक बस्तर में रेल सुविधाओं का विस्तार किया जाता है, तो निश्चित तौर पर बस्तर का विकास होगा.
महिलाओं के बजट का रखा जाए ध्यान: बजट को लेकर बस्तर के लोगों से ईटीवी भारत ने बातचीत की. बातचीत के दौरान बस्तर की महिला कमरजीत कौर ने कहा, "बस्तर में पर्यटन कि अपार संभावना है. लेकिन रेल कनेक्टिविटी बस्तर में नहीं है. रेल कनेक्टिविटी होनी चाहिए. इसके अलावा एयर कनेक्टिविटी का भी विस्तार होना चाहिए. बस्तर के युवा बेहतर शिक्षा व्यवस्था नहीं होने के कारण शिक्षित नहीं है. इन युवाओं के लिए कुटीर उद्योग लगाने की आवश्यकता है, ताकि बस्तर के युवाओं को रोजगार मिल सके और जो युवा नक्सलवाद की ओर जाते हैं. वे नहीं जाएंगे और इससे बस्तर का विकास होगा.
महंगाई से राहत की उम्मीद: कमरजीत कौर ने आगे कहा कि" किसी भी घर की होम मिनिस्टर महिला होती है. जब घर का बजट बिगड़ जाता है, तो सबका बजट बिगड़ जाता है. देश में महंगाई बढ़ गई है तो महंगाई पर ध्यान देना चाहिए. जिस तरह से राशन का सामान महंगा हो गया है. युवतियों के लिए टेक्निकल एजुकेशन पर फोकस किया जाना चाहिए, क्योंकि पढ़ाई के बाद सभी को नौकरी नहीं मिल पाती है. यदि उनको ट्रेनिंग मिलेगी तो वे कुछ न कुछ रोजगार प्राप्त कर सकते हैं. स्व रोजगार के साथ आगे बढ़ सकते हैं. साथ ही हायर एजुकेशन के फीस को कम कर देना चाहिए, ताकि सभी बेहतर एजुकेशन प्राप्त कर सकें."
केंद्र के बजट में बस्तर की सबसे बहुप्रतीक्षित मांग रावघाट जगदलपुर रेल लाइन की मांग लंबे समय से रही है. इस बजट में इसे शामिल करके मंजूरी मिलनी चाहिए. काम विस्तार से शुरू हो जाना चाहिए. यदि यह शुरू होगा तो यह बस्तर के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होगी. इसके साथ ही युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बेहतर काम करने की आवश्यकता है. -ऋषि भटनागर, बस्तरवासी
अलग-अलग टैक्स न लिए जाएं: वहीं, बस्तर के अन्य नागरिकों ने कहा, "ग्रामीण क्षेत्र में छोटे-छोटे यूनिट पर काम होने से रोजगार मिलेगा. कई देशों में इनकम टैक्स का रेट कम है. टैक्स पेयर के लिए बेनिफिट ज्यादा है. एक तो भारत में 28 प्रतिशत टैक्स है जो हजम होने वाली बात नहीं है. इसके साथ साल भर में अन्य टेक्स मिलकर 30 प्रतिशत हो जाता है. देश के वित्त मंत्री से अपील है कि भारत से हर साल हजारों मिलिनियर्स पलायन करके अलग-अलग देशों में जाते हैं, क्योंकि टैक्स भरने के बाद भी कोई उनको सुविधाएं नहीं मिल रही है. इस प्रॉब्लम को अगर सरकार समझे तो काफी हद तक समस्या का समाधान होगा. इसके साथ ही GST जब शुरू हुआ, उस दौरान एक टैक्स एक देश की बात सामने आई. बाकी टैक्सों को हटाया जाएगा. अभी भी छत्तीसगढ़ में डेढ़ प्रतिशत मंडी टैक्स लिया जाता है, जो कि एक देश एक टैक्स को गलत साबित करता है. देश के अलग-अलग राज्य अलग-अलग टैक्स लगाते हैं. सभी को बंद कर देना चाहिए."
ऐसे में साफ है कि बस्तरवासियों को इस बार केन्द्रीय बजट से काफी उम्मीदें हैं. ऐसे में देखना होगा कि मंगलवार को पेश होने वाला आम बजट देश की जनता के साथ बस्तर की जनता को कितना खुश कर पाता है.