बीजापुर: जिला मुख्यालय बीजापुर में देव चिकटराज विराजमान हैं. बीजापुर के लोगों की देव चीकटराज में बड़ी आस्था है. बीजापुर के लोगों के ये आराध्य देवों में से एक हैं. हर साल देव चिकटराज तहसील कार्यालय आते हैं. खजाने के खंजाची के तौर पर सरकारी संपत्ति का मुआयना करते हैं. हर साल ये परंपरा पूरे विधि विधान के साथ निभाई जाती है. खुद कलेक्टर देव चिकटराज की पूजा अर्चना करते हैं. साल में एक बार होने वाले विशेष पूजा पाठ के बाद देव जिले के लोगों को दर्शन देते हैं.
कलेक्टर ने की देव चिकटराज की पूजा अर्चना: जिले में अराध्य देव चिकटराज का आगमन तहसील कार्यालय में हुआ. कलेक्टर अनुराग पाण्डेय ने देव चिकटराज की पूजा अर्चना कर जिले की सुख समृद्धि और शांति की कामना की. बस्तर अंचल का बीजापुर जिला सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से काफी समृद्ध रहा है. यहां की ऐतिहासिक विरासत अपने-आप में काफी समृद्ध रही है. जिला मुख्यालय में विराजमान चिकटराज देव जो न सिर्फ बीजापुर के अराध्य है बल्कि वर्ष में एक बार वार्षिक अनुष्ठान के दौरान अंचल वासियों को दर्शन देते हैं. मान्यता है कि तीन दिवसीय वार्षिक अनुष्ठान के दरम्यान ही चिकटराज देव नगर के तहसील कार्यालय पहुंचते हैं. रियासत काल में राजकोष में वित्तीय व्यवस्था और राजस्व टैक्स आदि के संग्रह के लिए खंजाची रखने की परंपरा रही. राजा महाराजा इस खजाने के निरीक्षण के लिए आते रहते थे. चूंकि अब रियासतों का दौर खत्म हो चुका है. रियासत की जगह तहसील कार्यालय ने ले ली है लिहाजा परंपरा अनुसार चिकटराज देव तहसील कार्यालय पहुंचते हैं और कलेक्टर उनकी पूजा अर्चना करते हैं.
भव्य मेले का शुरु हुआ आयोजन: वार्षिक अनुष्ठान के दूसरे दिन यह परंपरा निभाई गई. पूरे विधि विधान के साथ चिकटराज देव के साथ पुजारी मंदिर समिति और गणमान्य लोग तहसील कार्यालय में उपस्थित हुए. 23 अप्रैल से चिकटराज में भव्य मेला का आयोजन शुरु हो चुका है. आयोजन में 27 देवी-देवताओं को आमंत्रण भेजा गया है. मेले में देवी-देवताओं के प्रतीक चिन्ह के साथ ग्रामीण शामिल हो रहे हैं.