बारां: बीते एक सप्ताह से जिले के शाहबाद क्षेत्र में आ रहे कुपोषण के मामले पर जिला कलेक्टर रोहिताश्व सिंह तोमर ने कहा है कि दूषित पेयजल व सहरिया जनजाति के लोगों के पलायन कर जाने की वजह से ही क्षेत्र में कुपोषण फैल रहा है.
जिला कलेक्टर रोहिताश्व सिंह तोमर ने कहा कि हालांकि सरकार कुपोषण को मिटाने के लिए तरह-तरह की योजनाएं सहरिया जनजाति के लिए चला रही है. इस क्षेत्र में बच्चों को पूरक पोषाहार भी दोगुना दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जिले में कुपोषण के 2 बड़े कारण निकल के सामने आए हैं. एक तो बारिश के समय में पेयजल दूषित हो जाता है, जिससे बच्चों में उल्टी दस्त की शिकायत व डायरिया हो जाता है. जिसके चलते बच्चे बीमार पड़ जाते हैं. वहीं दूसरा कारण यह है कि सहरिया जनजाति के लोग काम को लेकर पलायन कर जाते हैं और पलायन के दौरान अपने बच्चों के खान-पान पर ध्यान नहीं दे पाते हैं और जब यह पलायन से वापस लोटते हैं. ऐसे बच्चे भी कुपोषण के शिकार हो जाते हैं.
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उन्होंने कहा कि अगस्त माह में जिला प्रशासन ने एक अभियान चलाकर कुपोषित बच्चों को चिन्हित करने का काम शुरू किया, तो काफी संख्या में कुपोषित बच्चे सामने आए हैं. उन्होंने बताया कि एमटीसी के नॉर्म्स के अनुसार हम सैम व मेडिकल जरूरत वाले बच्चों को ही एमटीसी में भर्ती करते हैं. जैसे किसी को एनीमिया या डायरिया की शिकायत हो तो ऐसे बच्चे अति कुपोषित बच्चों की श्रेणी में आते हैं, जिन्हें एमटीसी में भर्ती किया जाता है. उन्होंने कहा कि बच्चों की संख्या को देखते हुए हमने शाहबाद सीएचसी, समरानियां सीएचसी व जिला अस्पताल में भी एमटीसी वार्ड शुरू कर दिया है.