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बंधु तिर्की ने 150 करोड़ में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन को बेच दी भुईंहरी जमीन, एसटी कमीशन की सुनवाई में आए कई मामले - Bandhu Tirkey

Bhuinhari land deal in Jharkhand.एसटी कमीशन की सुनवाई के दौरान कई चौंकाने वाले मामले सामने आये हैं. सुनवाई के दौरान विधायक बंधु तिर्की से जुड़ी शिकायत भी सामने आई है. मामले में एसटी कमीशन की सदस्य डॉ. आशा लकड़ा ने जांच के निर्देश दिए हैं.

HEARING OF ST COMMISSION IN RANCHI
बंधु तिर्की . (फोटो-ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 27, 2024, 10:55 PM IST

रांचीः राजधानी रांची समेत झारखंड के अलग-अलग हिस्सों में आदिवासियों की जमीन के साथ-साथ भुईंहरी जमीन को फर्जी कागजात बनाकर हड़पा जा रहा है. इस तरह के कई मामले कोर्ट में लंबित हैं. इस बीच राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की सदस्य डॉ. आशा लकड़ा ने मंगलवार को मोरहाबादी स्थित राजकीय अतिथिशाला में रांची जिले से संबंधित आदिवासी जमीन समेत अन्य मामलों की सुनवाई की तो कई चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं.

कांग्रेस नेता बंधु तिर्की पर गंभीर आरोप

ईटकी निवासी उषा किरण केरकेट्टा ने बताया कि विधायक बंधु तिर्की ने 150 करोड़ में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन को जमीन बेच दी. गांव की पूरी जमीन भुईंहरी है. गांव के लोग 1944 तक संबंधित जमीन पर खेती करते थे. अब जमीन पर तीन घेरा बनाया गया है और मात्र आठ फीट का रास्ता दिया गया है, जिसमें ऑटो भी नहीं जा सकता. जबरन रास्ता की मांग करने पर तीन फीट जमीन दी गई.

2015 से उपायुक्त के पास आवेदन लंबित है.2017 में दोबारा आवेदन दिया गया था. गांव में कुल 50 परिवार रहते हैं. ब्लॉक और थाना भी खतियानी जमीन पर ही है. आयोग की ओर से उपायुक्त को निर्देश दिया गया कि दो सप्ताह के अंदर इस मामले की रिपोर्ट दें. आगामी सुनवाई नौ सितंबर को होगी. गांव वालों को कम से कम 220 फीट चौड़ी सड़क दी जाए.

फर्जी वंशावली बनाकर हड़पी जमीन

टाटीसिलवे (बड़ाम) निवासी सावना टोप्पो ने बताया कि कृष्णा टोप्पो नामक व्यक्ति ने फर्जी वंशावली बनाकर उनकी जमीन (खाता नंबर-293) की बिक्री कर दी है. स्थानीय थाना में इस मामले की शिकायत भी की गई है. थाना में प्राथमिकी भी दर्ज करायी गई है. फर्जी वंशावली और मारपीट के मामले में थाने में केस दर्ज है. आयोग की ओर से डीएसपी को निर्देश दिया गया कि थाना प्रभारी से बातचीत कर इस मामले में समझौता कराएं. वहीं डीएसपी ने बताया कि इस मामले में वंशावली फर्जी पाया गया है. चार्जशीट की जा रही है. आयोग की ओर से निर्देश दिया गया कि सावना टोप्पो को उनकी जमीन वापस दिलाई जाए.

संदीप उरांव की जमीन पर हरमू अस्पताल

हरमू स्थित टुंगरी टोली निवासी संदीप उरांव ने बताया कि उनकी जमीन बकास्त भुईंहरी है. एक एकड़ 14 डिसमिल जमीन पर गलत तरीके से कब्जा कर साल 2020 में हरमू अस्पताल का निर्माण कराया गया है. अरगोड़ा निवासी सोमरा उरांव और उनके परिवार ने गलत तरीके से अस्पताल प्रबंधन को जमीन दे दी है. जमीन उनके दादा मंगरा उरांव के नाम पर है. नगर निगम की ओर से हरमू अस्पताल का जी प्लस-2 नक्शा स्वीकृत किया गया था, लेकिन अस्पताल का निर्माण जी प्लस-3 कराया गया है.

आवासीय भवन के नाम से नक्शा स्वीकृत है, लेकिन वहां कामर्शियल गतिविधि संचालित की जा रही है.इस मामले में दो लाख रुपये का जुर्माना और नियमानुसार भवन निर्माण कराने का निर्देश भी दिया जा चुका है. सीओ की रिपोर्ट भी है. सोमरा उरांव जमीन दलाल है. आयोग की ओर से कहा गया कि इस मामले में रांची नगर निगम के प्रशासक को एक पत्र भेजा जाएगा, ताकि जमीन से संबंधित जानकारी मिल सके. उपायुक्त को निर्देश दिया गया कि टीम गठित कर जांच कराएं और 9 सितंबर को इस मामले की रिपोर्ट दें. नगर निगम से यह भी पूछा जाएगा कि किस दस्तावेज के आधार पर हरमू अस्पताल या संबंधित भवन का नक्शा स्वीकृत किया गया है.

कांके थाना में अतीत कुमार लोहरा के साथ मारपीट

अतीत लोहारा ने बताया कि 5 जुलाई को कांके थाना में पुलिसकर्मियों ने उनके साथ मारपीट की थी. थाना में उपमुखिया के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा था तो मैंने कहा कि बदतमीजी क्यों कर रहे हैं. इसी बात पर थाना प्रभारी की ओर से चार जुलाई के एक मामले में मुझे थाना लाया गया. मामला कांके स्थित केसर अस्पताल का था. प्रत्यक्षदर्शी जिला विधिक सेवा प्राधिकार में पीएलवी के रूप में कार्यरत राजेंद्र महतो ने बताया कि बातचीत के दौरान राजीव थाना में थे.

उन्होंने तीन-चार पुलिसकर्मियों को बुलाया और थाना के अंदर अतीत कुमार लोहरा को घसीट कर ले गए और मुझे ढकेल कर बाहर कर दिया. यह सच है कि थाना के अंदर मौजूद पुलिसकर्मियों (राजीव कुमार, संजय नायक और बीरेंद्र मेहता) ने अतीत कुमार लोहरा के साथ मारपीट की थी. डीएसपी ने बताया कि इस मामले की जांच की जाएगी. आयोग की ओर से अतीत कुमार लोहरा और राजेंद्र महतो का बयान भी दर्ज किया गया. नौ सितंबर को इस मामले की सुनवाई होगी.

मांडर में महेश खलखो की जमीन पर अवैध कब्जा

मांडर प्रखंड स्थित कंजिया गांव निवासी आर्मी मैन महेश खलखो ने बताया कि उनकी जमीन पर साल 2016 से कब्जा है. वे हर साल अपनी जमीन पर धान की खेती करते हैं, लेकिन फसल तैयार करने होने के बाद दिनेश उरांव उनकी धान की फसल काट कर ले जाता है. 40 साल पहले उनके पिता ने पुंगी गांव में दिनेश उरांव और नारु उरांव से जमीन खरीदी थी. आयोग की ओर से कहा गया कि आर्मी मैन देश की सेवा करेंगे या अपने खेत में लगी फसल की सुरक्षा करेंगे. उपायुक्त को निर्देश दिया गया कि सीओ और थाना प्रभारी के माध्यम से इस मामले का समाधान कराएं.

असम निवासी पर आदिवासी जमीन कब्जा करने का आरोप

कुर्गी गांव के एतवा उरांव, सोनामनी उरांव (पत्नी), मांगा उरांव (भाई), अलन कुजूर (ग्रामीण) और तुनी उरांव (भाभी)ने बताया कि उनकी जमीन एनएच-23 पर है. जमीन की प्रकृति पुजारी जमीन (मुंडाइन भूमि) है. राजेश उरांव (जमीन दलाल) की ओर से साजिश के तहत रंगदार को पिला-खिलाकर जान मारने की धमकी दी जा रही है. साल 2020 में वंशावली भी बनाई गई है. इस मामले में ग्राम प्रधान की भूमिका संदिग्ध है. थाना में केस दर्ज नहीं किया जा रहा है.अंचल में भी इस मामले की सुनवाई नहीं की जा रही है. जमीन का कागजात भी मेरे पास है.आरोपित राजेश उरांव असम का निवासी है.

मामले में आयोग की ओर से उपायुक्त को निर्देश दिया गया कि इस केस में सीओ को नोटिस किया जाए. स्थानीय थाना के माध्यम से आरोपित राजेश उरांव को गिरफ्तार किया जाए. एसएसपी निर्देश दिया गया कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई करें. आगामी सुनवाई नौ सितंबर को होगी. इस दौरान कुल 25 मामलों की सुनवाई हुई और पांच मामले निष्पादित किए गए.

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कांग्रेस नेता बंधु तिर्की पर गंभीर आरोप

ईटकी निवासी उषा किरण केरकेट्टा ने बताया कि विधायक बंधु तिर्की ने 150 करोड़ में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन को जमीन बेच दी. गांव की पूरी जमीन भुईंहरी है. गांव के लोग 1944 तक संबंधित जमीन पर खेती करते थे. अब जमीन पर तीन घेरा बनाया गया है और मात्र आठ फीट का रास्ता दिया गया है, जिसमें ऑटो भी नहीं जा सकता. जबरन रास्ता की मांग करने पर तीन फीट जमीन दी गई.

2015 से उपायुक्त के पास आवेदन लंबित है.2017 में दोबारा आवेदन दिया गया था. गांव में कुल 50 परिवार रहते हैं. ब्लॉक और थाना भी खतियानी जमीन पर ही है. आयोग की ओर से उपायुक्त को निर्देश दिया गया कि दो सप्ताह के अंदर इस मामले की रिपोर्ट दें. आगामी सुनवाई नौ सितंबर को होगी. गांव वालों को कम से कम 220 फीट चौड़ी सड़क दी जाए.

फर्जी वंशावली बनाकर हड़पी जमीन

टाटीसिलवे (बड़ाम) निवासी सावना टोप्पो ने बताया कि कृष्णा टोप्पो नामक व्यक्ति ने फर्जी वंशावली बनाकर उनकी जमीन (खाता नंबर-293) की बिक्री कर दी है. स्थानीय थाना में इस मामले की शिकायत भी की गई है. थाना में प्राथमिकी भी दर्ज करायी गई है. फर्जी वंशावली और मारपीट के मामले में थाने में केस दर्ज है. आयोग की ओर से डीएसपी को निर्देश दिया गया कि थाना प्रभारी से बातचीत कर इस मामले में समझौता कराएं. वहीं डीएसपी ने बताया कि इस मामले में वंशावली फर्जी पाया गया है. चार्जशीट की जा रही है. आयोग की ओर से निर्देश दिया गया कि सावना टोप्पो को उनकी जमीन वापस दिलाई जाए.

संदीप उरांव की जमीन पर हरमू अस्पताल

हरमू स्थित टुंगरी टोली निवासी संदीप उरांव ने बताया कि उनकी जमीन बकास्त भुईंहरी है. एक एकड़ 14 डिसमिल जमीन पर गलत तरीके से कब्जा कर साल 2020 में हरमू अस्पताल का निर्माण कराया गया है. अरगोड़ा निवासी सोमरा उरांव और उनके परिवार ने गलत तरीके से अस्पताल प्रबंधन को जमीन दे दी है. जमीन उनके दादा मंगरा उरांव के नाम पर है. नगर निगम की ओर से हरमू अस्पताल का जी प्लस-2 नक्शा स्वीकृत किया गया था, लेकिन अस्पताल का निर्माण जी प्लस-3 कराया गया है.

आवासीय भवन के नाम से नक्शा स्वीकृत है, लेकिन वहां कामर्शियल गतिविधि संचालित की जा रही है.इस मामले में दो लाख रुपये का जुर्माना और नियमानुसार भवन निर्माण कराने का निर्देश भी दिया जा चुका है. सीओ की रिपोर्ट भी है. सोमरा उरांव जमीन दलाल है. आयोग की ओर से कहा गया कि इस मामले में रांची नगर निगम के प्रशासक को एक पत्र भेजा जाएगा, ताकि जमीन से संबंधित जानकारी मिल सके. उपायुक्त को निर्देश दिया गया कि टीम गठित कर जांच कराएं और 9 सितंबर को इस मामले की रिपोर्ट दें. नगर निगम से यह भी पूछा जाएगा कि किस दस्तावेज के आधार पर हरमू अस्पताल या संबंधित भवन का नक्शा स्वीकृत किया गया है.

कांके थाना में अतीत कुमार लोहरा के साथ मारपीट

अतीत लोहारा ने बताया कि 5 जुलाई को कांके थाना में पुलिसकर्मियों ने उनके साथ मारपीट की थी. थाना में उपमुखिया के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा था तो मैंने कहा कि बदतमीजी क्यों कर रहे हैं. इसी बात पर थाना प्रभारी की ओर से चार जुलाई के एक मामले में मुझे थाना लाया गया. मामला कांके स्थित केसर अस्पताल का था. प्रत्यक्षदर्शी जिला विधिक सेवा प्राधिकार में पीएलवी के रूप में कार्यरत राजेंद्र महतो ने बताया कि बातचीत के दौरान राजीव थाना में थे.

उन्होंने तीन-चार पुलिसकर्मियों को बुलाया और थाना के अंदर अतीत कुमार लोहरा को घसीट कर ले गए और मुझे ढकेल कर बाहर कर दिया. यह सच है कि थाना के अंदर मौजूद पुलिसकर्मियों (राजीव कुमार, संजय नायक और बीरेंद्र मेहता) ने अतीत कुमार लोहरा के साथ मारपीट की थी. डीएसपी ने बताया कि इस मामले की जांच की जाएगी. आयोग की ओर से अतीत कुमार लोहरा और राजेंद्र महतो का बयान भी दर्ज किया गया. नौ सितंबर को इस मामले की सुनवाई होगी.

मांडर में महेश खलखो की जमीन पर अवैध कब्जा

मांडर प्रखंड स्थित कंजिया गांव निवासी आर्मी मैन महेश खलखो ने बताया कि उनकी जमीन पर साल 2016 से कब्जा है. वे हर साल अपनी जमीन पर धान की खेती करते हैं, लेकिन फसल तैयार करने होने के बाद दिनेश उरांव उनकी धान की फसल काट कर ले जाता है. 40 साल पहले उनके पिता ने पुंगी गांव में दिनेश उरांव और नारु उरांव से जमीन खरीदी थी. आयोग की ओर से कहा गया कि आर्मी मैन देश की सेवा करेंगे या अपने खेत में लगी फसल की सुरक्षा करेंगे. उपायुक्त को निर्देश दिया गया कि सीओ और थाना प्रभारी के माध्यम से इस मामले का समाधान कराएं.

असम निवासी पर आदिवासी जमीन कब्जा करने का आरोप

कुर्गी गांव के एतवा उरांव, सोनामनी उरांव (पत्नी), मांगा उरांव (भाई), अलन कुजूर (ग्रामीण) और तुनी उरांव (भाभी)ने बताया कि उनकी जमीन एनएच-23 पर है. जमीन की प्रकृति पुजारी जमीन (मुंडाइन भूमि) है. राजेश उरांव (जमीन दलाल) की ओर से साजिश के तहत रंगदार को पिला-खिलाकर जान मारने की धमकी दी जा रही है. साल 2020 में वंशावली भी बनाई गई है. इस मामले में ग्राम प्रधान की भूमिका संदिग्ध है. थाना में केस दर्ज नहीं किया जा रहा है.अंचल में भी इस मामले की सुनवाई नहीं की जा रही है. जमीन का कागजात भी मेरे पास है.आरोपित राजेश उरांव असम का निवासी है.

मामले में आयोग की ओर से उपायुक्त को निर्देश दिया गया कि इस केस में सीओ को नोटिस किया जाए. स्थानीय थाना के माध्यम से आरोपित राजेश उरांव को गिरफ्तार किया जाए. एसएसपी निर्देश दिया गया कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई करें. आगामी सुनवाई नौ सितंबर को होगी. इस दौरान कुल 25 मामलों की सुनवाई हुई और पांच मामले निष्पादित किए गए.

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