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बनारस सामूहिक हत्याकांड : 5 हत्याओं के संदिग्ध भतीजे का फोन बंद, पुलिस को अब महिला मित्र और दोस्तों की तलाश

Varanasi Mass Murder : बनारस में एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या के मामले में पुलिस अभी तक खाली हाथ है.

बनारस में पांच लोगों की हत्या.
बनारस में पांच लोगों की हत्या. (Photo Credit : ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 9, 2024, 7:55 AM IST

वाराणसी : बनारस में बीते 5 अक्टूबर को राजेंद्र गुप्ता, उनकी पत्नी नीतू गुप्ता, बड़े बेटे नवनेंद्र, छोटे बेटे सुबेन्द्र और बेटी गौरंगी की हत्या कर दी गई थी. मामले में पुलिस अब तक कुछ बड़ा हासिल नहीं कर पाई है. पुलिस को राजेंद्र गुप्ता के भतीजे विशाल उर्फ विक्की पर शक है, लेकिन उसका कोई लोकेशन पुलिस को मिल ही नहीं रहा है. हालांकि पुलिस को दो बड़े क्लू मिलने का दावा कर रही है.

बता दें, हत्याकांड के खुलासे के लिए पुलिस की 10 टीमें जांच में जुटी है. इनमें से एक टीम अहमदाबाद गई है. प्राथमिक जांच के बाद पुलिस के मुताबिक विशाल उर्फ विक्की एमसीए की पढ़ाई करने के बाद अहमदाबाद की एक सॉफ्टवेयर डेवलपर कंपनी में सॉफ्टवेयर डेवलपर के तौर पर काम कर रहा था. विक्की का महाराष्ट्र की एक लड़की के साथ अफेयर भी चल रहा था.

उससे फोन पर भी बातचीत होती थी. पुलिस को उस लड़की के मोबाइल नंबर भी तलाशने हैं. इसके अलावा पुलिस ने अहमदाबाद में विक्की के कई जानने वालों और उसके ऑफिस में काम करने वाले लोगों से पूछताछ की है. अभी एक टीम मोहम्मदाबाद में ही रुकी है. जबकि दूसरी टीम महाराष्ट्र पहुंच चुकी है.

इधर, डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल ने शुक्रवार को देर शाम पहुंचकर घर में मौजूद राजेंद्र की मां शारदा देवी से पूछताछ की. लगभग 1 घंटे से ज्यादा चली पूछताछ में शारदा देवी ने विक्की की तरफ से बार-बार चाचा की जान लेने की बात बताई है. साथ ही यह भी बताया कि विक्की 3 नवंबर नहीं, 4 नवंबर को घर से गया था. यानी भाई दूज के अगले दिन तक विक्की घर पर ही था और 4 जून को वह दादी से अपने काम पर वापस जाने की बात कह कर निकाला था. घटना 4 नवंबर की रात और 5 नवंबर की भोर में हुई है.

फिलहाल पुलिस के पास विक्की के 5 मोबाइल नंबर मौजूद हैं. जिनमें से तीन मोबाइल नंबर काफी पहले ही बंद हो चुके हैं और वह सिम किसी और को अलॉट भी है, जबकि एक मोबाइल नंबर जो पुलिस हिरासत में लिए गए उसके छोटे भाई प्रशांत उर्फ जुगनू के मोबाइल में भाई के नाम से सेव था वह भी स्विच ऑफ है. मौजूदा समय में विक्की जो मोबाइल नंबर इस्तेमाल कर रहा था वह भी 24, 25 अक्टूबर की रात में ही स्विच ऑफ कर दिया गया है.

तब से वह मोबाइल ऑन ही नहीं हुआ है. जिसकी वजह से पुलिस को विक्की की कोई लोकेशन नहीं मिल रही है. फिलहाल पुलिस अहमदाबाद के विक्की के कुछ दोस्तों और महाराष्ट्र की महिला मित्र की तलाश करके उससे पूछताछ की तैयारी में जुटी हुई है.

बता दें, पांच अक्टूबर को वाराणसी के भेलूपुर थाना क्षेत्र के भदैनी इलाके में रहने वाले राजेंद्र गुप्ता की पत्नी नीतू गुप्ता, बड़े बेटे नवनेंद्र, छोटे बेटे सुबेंद्र, बेटी गौरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पोस्टमार्टम में चार गोलियां नीतू को, चार गोलियां बड़े बेटे नवनेंद्र को और दो-दो गोलियां सुबेंद्र और बेटी गौरंगी को लगने की बात सामने आई थी.

प्राथमिक तौर पर हत्या का शक राजेंद्र गुप्ता पर गया और पुलिस उसकी तलाश में जुट गई. इसके बाद राजेंद्र की लाश उसके दूसरे निर्माणाधीन मकान में मिली. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में राजेंद्र को 3 गोलियां लगने की पुष्टि हुई. इसके बाद पुलिस की तफ्तीश की दिशा बदल गई. घटना के बाद शक के घेरे में आए राजेंद्र के भतीजे विक्की की तलाश पुलिस को है, लेकिन विक्की की कोई लोकेशन ट्रेस नहीं हो पा रही है. सबसे बड़ी बात यह है कि विक्की अपने सगे भाई और बहन डॉली से भी बहुत ज्यादा टच में नहीं रहता था.

यह भी पढ़ें : बनारस सामूहिक हत्याकांड: कहीं राजेंद्र का भतीजा तो नहीं 5 हत्याओं का मास्टर माइंड, वारदात के बाद मोबाइल बंद, फरार

यह भी पढ़ें : बनारस सामूहिक हत्याकांड़; पुलिस की कहानी में फरार भतीजा मुख्य हत्यारा, नहीं मिल रही उसकी लोकेशन

वाराणसी : बनारस में बीते 5 अक्टूबर को राजेंद्र गुप्ता, उनकी पत्नी नीतू गुप्ता, बड़े बेटे नवनेंद्र, छोटे बेटे सुबेन्द्र और बेटी गौरंगी की हत्या कर दी गई थी. मामले में पुलिस अब तक कुछ बड़ा हासिल नहीं कर पाई है. पुलिस को राजेंद्र गुप्ता के भतीजे विशाल उर्फ विक्की पर शक है, लेकिन उसका कोई लोकेशन पुलिस को मिल ही नहीं रहा है. हालांकि पुलिस को दो बड़े क्लू मिलने का दावा कर रही है.

बता दें, हत्याकांड के खुलासे के लिए पुलिस की 10 टीमें जांच में जुटी है. इनमें से एक टीम अहमदाबाद गई है. प्राथमिक जांच के बाद पुलिस के मुताबिक विशाल उर्फ विक्की एमसीए की पढ़ाई करने के बाद अहमदाबाद की एक सॉफ्टवेयर डेवलपर कंपनी में सॉफ्टवेयर डेवलपर के तौर पर काम कर रहा था. विक्की का महाराष्ट्र की एक लड़की के साथ अफेयर भी चल रहा था.

उससे फोन पर भी बातचीत होती थी. पुलिस को उस लड़की के मोबाइल नंबर भी तलाशने हैं. इसके अलावा पुलिस ने अहमदाबाद में विक्की के कई जानने वालों और उसके ऑफिस में काम करने वाले लोगों से पूछताछ की है. अभी एक टीम मोहम्मदाबाद में ही रुकी है. जबकि दूसरी टीम महाराष्ट्र पहुंच चुकी है.

इधर, डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल ने शुक्रवार को देर शाम पहुंचकर घर में मौजूद राजेंद्र की मां शारदा देवी से पूछताछ की. लगभग 1 घंटे से ज्यादा चली पूछताछ में शारदा देवी ने विक्की की तरफ से बार-बार चाचा की जान लेने की बात बताई है. साथ ही यह भी बताया कि विक्की 3 नवंबर नहीं, 4 नवंबर को घर से गया था. यानी भाई दूज के अगले दिन तक विक्की घर पर ही था और 4 जून को वह दादी से अपने काम पर वापस जाने की बात कह कर निकाला था. घटना 4 नवंबर की रात और 5 नवंबर की भोर में हुई है.

फिलहाल पुलिस के पास विक्की के 5 मोबाइल नंबर मौजूद हैं. जिनमें से तीन मोबाइल नंबर काफी पहले ही बंद हो चुके हैं और वह सिम किसी और को अलॉट भी है, जबकि एक मोबाइल नंबर जो पुलिस हिरासत में लिए गए उसके छोटे भाई प्रशांत उर्फ जुगनू के मोबाइल में भाई के नाम से सेव था वह भी स्विच ऑफ है. मौजूदा समय में विक्की जो मोबाइल नंबर इस्तेमाल कर रहा था वह भी 24, 25 अक्टूबर की रात में ही स्विच ऑफ कर दिया गया है.

तब से वह मोबाइल ऑन ही नहीं हुआ है. जिसकी वजह से पुलिस को विक्की की कोई लोकेशन नहीं मिल रही है. फिलहाल पुलिस अहमदाबाद के विक्की के कुछ दोस्तों और महाराष्ट्र की महिला मित्र की तलाश करके उससे पूछताछ की तैयारी में जुटी हुई है.

बता दें, पांच अक्टूबर को वाराणसी के भेलूपुर थाना क्षेत्र के भदैनी इलाके में रहने वाले राजेंद्र गुप्ता की पत्नी नीतू गुप्ता, बड़े बेटे नवनेंद्र, छोटे बेटे सुबेंद्र, बेटी गौरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पोस्टमार्टम में चार गोलियां नीतू को, चार गोलियां बड़े बेटे नवनेंद्र को और दो-दो गोलियां सुबेंद्र और बेटी गौरंगी को लगने की बात सामने आई थी.

प्राथमिक तौर पर हत्या का शक राजेंद्र गुप्ता पर गया और पुलिस उसकी तलाश में जुट गई. इसके बाद राजेंद्र की लाश उसके दूसरे निर्माणाधीन मकान में मिली. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में राजेंद्र को 3 गोलियां लगने की पुष्टि हुई. इसके बाद पुलिस की तफ्तीश की दिशा बदल गई. घटना के बाद शक के घेरे में आए राजेंद्र के भतीजे विक्की की तलाश पुलिस को है, लेकिन विक्की की कोई लोकेशन ट्रेस नहीं हो पा रही है. सबसे बड़ी बात यह है कि विक्की अपने सगे भाई और बहन डॉली से भी बहुत ज्यादा टच में नहीं रहता था.

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