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BHU में नए सत्र से राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आधारित होगी पढ़ाई, 4 वर्षीय पाठ्यक्रम होगा लागू - banaras hindu university admission

BHU में नए सत्र 2024-2025 से NEP 2020 पर आधारित पढ़ाई होगी. नए सत्र से 4 वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम को भी लागू कर दिया गया है. यह फैसला विश्वविद्यालय के विद्वत परिषद की बैठक में लिया गया.

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बनारस हिंदू विश्वविद्यालय
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 21, 2024, 5:43 PM IST

वाराणसी: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में नए सत्र 2024-2025 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आधारित पढ़ाई होगी. साथ ही नए सत्र से चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम को भी लागू कर दिया गया है. विश्वविद्यालय के विद्वत परिषद की बैठक में नई एजुकेशन पॉलिसी 2020 के क्रियान्वयन को मंजूरी दे दी गई है. साथ ही यह भी फैसला लिया गया है कि कौशल विकास से संबंधित पाठ्यक्रमों को लागू किया जाएगा. एलएलबी कोर्स और छात्रावास को लेकर भी फैसला लिया गया है.

स्नातक ऑनर्स विद रिसर्च का कोर्स

कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन की अध्यक्षता में हुई बैठक में फैसला लिया गया कि ऑनर्स कोर्स व शोध कोर्स में चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा. इन पाठ्यक्रमों को स्नातक ऑनर्स और स्नातक ऑनर्स विद रिसर्च नाम दिया गया है. विश्वविद्यालय में प्रवेश पाने वाले कुल विद्यार्थियों में ऐसे 10 प्रतिशत विद्यार्थी मेरिट के आधार पर स्नातक ऑनर्स विद रिसर्च में प्रवेश पा सकेंगे, जिनका सीजीपीए 7.5 या इससे अधिक होगा. प्रस्तावित पाठ्यक्रम विद्यार्थियों को माइनर कोर्स के कई विकल्पों में चुनाव करने की सहूलियत देगा. इसको लेकर बैठक में मंजूरी दे दी गई है.

छात्रावास आवंटन को लेकर हुआ फैसला
वहीं, विश्वविद्यालय के विद्वत परिषद की बैठक में यह फैसला हुआ है कि सभी स्नातक विद्यार्थियों को मल्टीडिसिप्लिनरी कोर्स, कौशल विकास, क्षमता विकास, वैल्यू ऐडेड कोर्स के साथ-साथ इंटर्नशिप भी करनी होगी. साथ ही विधि संकाय में चल रहा पांच वर्षीय बीएएलएलबी पाठ्यक्रम अपने मौजूदा स्वरूप में ही चलता रहेगा. वहीं, छात्रावास आवंटन को लेकर भी बैठक में फैसला लिया गया है. इस दौरान यह तय किया गया है कि कक्षाओं में कम से कम 70 प्रतिशत उपस्थिति वाले छात्रों को ही छात्रावास दिया जाएगा.

वाराणसी: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में नए सत्र 2024-2025 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आधारित पढ़ाई होगी. साथ ही नए सत्र से चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम को भी लागू कर दिया गया है. विश्वविद्यालय के विद्वत परिषद की बैठक में नई एजुकेशन पॉलिसी 2020 के क्रियान्वयन को मंजूरी दे दी गई है. साथ ही यह भी फैसला लिया गया है कि कौशल विकास से संबंधित पाठ्यक्रमों को लागू किया जाएगा. एलएलबी कोर्स और छात्रावास को लेकर भी फैसला लिया गया है.

स्नातक ऑनर्स विद रिसर्च का कोर्स

कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन की अध्यक्षता में हुई बैठक में फैसला लिया गया कि ऑनर्स कोर्स व शोध कोर्स में चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा. इन पाठ्यक्रमों को स्नातक ऑनर्स और स्नातक ऑनर्स विद रिसर्च नाम दिया गया है. विश्वविद्यालय में प्रवेश पाने वाले कुल विद्यार्थियों में ऐसे 10 प्रतिशत विद्यार्थी मेरिट के आधार पर स्नातक ऑनर्स विद रिसर्च में प्रवेश पा सकेंगे, जिनका सीजीपीए 7.5 या इससे अधिक होगा. प्रस्तावित पाठ्यक्रम विद्यार्थियों को माइनर कोर्स के कई विकल्पों में चुनाव करने की सहूलियत देगा. इसको लेकर बैठक में मंजूरी दे दी गई है.

छात्रावास आवंटन को लेकर हुआ फैसला
वहीं, विश्वविद्यालय के विद्वत परिषद की बैठक में यह फैसला हुआ है कि सभी स्नातक विद्यार्थियों को मल्टीडिसिप्लिनरी कोर्स, कौशल विकास, क्षमता विकास, वैल्यू ऐडेड कोर्स के साथ-साथ इंटर्नशिप भी करनी होगी. साथ ही विधि संकाय में चल रहा पांच वर्षीय बीएएलएलबी पाठ्यक्रम अपने मौजूदा स्वरूप में ही चलता रहेगा. वहीं, छात्रावास आवंटन को लेकर भी बैठक में फैसला लिया गया है. इस दौरान यह तय किया गया है कि कक्षाओं में कम से कम 70 प्रतिशत उपस्थिति वाले छात्रों को ही छात्रावास दिया जाएगा.

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