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यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में बनारस हैंडीक्राफ्ट के दिखेंगे 23 प्रोडक्ट, जीआई उत्पादों की लगेगी प्रदर्शनी - UP International Trade Show

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 2 hours ago

उत्तर प्रदेश सरकार के जरिए आज यानी 25 सितंबर से 29 सितंबर तक इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट ग्रेटर नोएडा में इंटरनेशनल ट्रेड शो का आयोजन हो रहा है. जहां पर प्रदेश के सभी 75 जीआई टैग वाले उत्पाद अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं. इन उत्पादों में 58 हस्तशील औक 17 कृषि एवं खाद्य उत्पाद शामिल हैं. इसमें काशी की समृद्ध हैंडीक्राफ्ट की विरासत और हस्तशिल्पियों के हुनर वाले 23 जीआई टैग वाले उत्पादों की चमक भी दुनिया देखेगी.

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यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में जलवा बिखेरेंगे बनारस हैंडीक्राफ्ट उत्पाद. (Photo Credit; ETV Bharat)

वाराणसी: उत्तर प्रदेश के उत्पादों की चमक अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बिखरती हुई नजर आएगी. लोग यूपी के हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जान सकेंगे. इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से ग्रेटर नोएडा में इंटरनेशनल ट्रेड शो का आयोजन किया जा रहा है, जहां पर प्रदेश के कुल 75 जीआई उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा, जिसमें 23 काशी क्षेत्र के भी हैंडीक्राफ्ट होंगे.

उत्तर प्रदेश सरकार के जरिए आज यानी 25 सितंबर से 29 सितंबर तक इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट ग्रेटर नोएडा में इंटरनेशनल ट्रेड शो का आयोजन हो रहा है. जहां पर प्रदेश के सभी 75 जीआई टैग वाले उत्पाद अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं. इन उत्पादों में 58 हस्तशील औक 17 कृषि एवं खाद्य उत्पाद शामिल हैं. इसमें काशी की समृद्ध हैंडीक्राफ्ट की विरासत और हस्तशिल्पियों के हुनर वाले 23 जीआई टैग वाले उत्पादों की चमक भी दुनिया देखेगी.

Banaras Handicraft
यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में जलवा बिखेरेंगे बनारस हैंडीक्राफ्ट उत्पाद. (Photo Credit; ETV Bharat)

यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में जलवा बिखेरेंगे जीआई उत्पाद: पांच दिवसीय यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में सबसे ज्यादा काशी क्षेत्र के जीआई टैग वाले उत्पाद देखने को मिलेंगे. जीआई मैन ऑफ इंडिया के नाम से पहचान बनाने जाने वाले जीआई एक्सपर्ट पद्मश्री डॉ रजनीकांत ने बताया कि इंटरनेशनल ट्रेड शो में उत्तर प्रदेश के जीआई उत्पादों के स्टाल के लिए अलग से पवेलियन बनाया गया है.

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में कुल 75 जीआई टैग वाले उत्पाद हैं, जिसमें से हैण्डीक्राफ्ट, हैंडलूम और खाद्य उत्पादों के 60 जीआई टैग वाले उत्पाद ट्रेड शो में अपनी चमक विदेशों तक बिखेरेंगे. बताते चलें कि, उत्तर प्रदेश, देश का एकमात्र राज्य है जहां सभी प्रमुख श्रेणी के 75 जीआई उत्पाद हैं.

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यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में जलवा बिखेरेंगे बनारस हैंडीक्राफ्ट उत्पाद. (Photo Credit; ETV Bharat)

यही नहीं इन 75 में से सबसे ज्यादा 25 जीआई टैग उत्पाद अकेले काशी क्षेत्र के है, जिसमें 23 जीआई उत्पाद इंटरनेशनल ट्रेड शो में अंतरराष्ट्रीय उड़ान भरेंगे. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के प्रमुख ओडीओपी उत्पादों को भी जीआई टैग मिल चुका है और यह भारत की बौद्धिक संपदा अधिकार में शामिल है.

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यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में जलवा बिखेरेंगे बनारस हैंडीक्राफ्ट उत्पाद. (Photo Credit; ETV Bharat)

वाराणसी में 12 से 15 लाख कारीगर: डॉ. रजनीकांत ने बताया कि उत्तर प्रदेश जीआई उत्पाद में भी नंबर वन पर है. जबकि दूसरे नंबर पर तमिलनाडु, तीसरे नंबर पर कर्नाटक, चौथे नंबर पर महाराष्ट्र और पांचवे नंबर पर केरल है. काशी क्षेत्र में 2014 के पहले मात्र 2 जीआई पंजीकृत उत्पाद (बनारस ब्रोकेड एवं साड़ी तथा भदोही का हस्तनिर्मित कालीन) थे.

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यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में जलवा बिखेरेंगे बनारस हैंडीक्राफ्ट उत्पाद. (Photo Credit; ETV Bharat)

आगे वो कहते हैं कि, काशी क्षेत्र में जीआई उत्पादों का सालाना कारोबार लगभग 22 हज़ार 500 करोड़ का है. इस कारोबार से लगभग 12 से 15 लाख लोग जुड़े हैं. पूरे कारोबार मे लगभग 30 प्रतिशत के करीब महिलाएं शामिल हैं. दुनिया के प्रमुख देशों में काशी क्षेत्र के जीआई उत्पादों का निर्यात होता है.

ये भी पढ़ेंः काशी विद्यापीठ के छात्रों को अब रिजल्ट के लिए नहीं लगाने होंगे चक्कर, विश्वविद्यालय डिजिलॉकर में उपलब्ध कराएगा मार्कशीट

वाराणसी: उत्तर प्रदेश के उत्पादों की चमक अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बिखरती हुई नजर आएगी. लोग यूपी के हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जान सकेंगे. इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से ग्रेटर नोएडा में इंटरनेशनल ट्रेड शो का आयोजन किया जा रहा है, जहां पर प्रदेश के कुल 75 जीआई उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा, जिसमें 23 काशी क्षेत्र के भी हैंडीक्राफ्ट होंगे.

उत्तर प्रदेश सरकार के जरिए आज यानी 25 सितंबर से 29 सितंबर तक इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट ग्रेटर नोएडा में इंटरनेशनल ट्रेड शो का आयोजन हो रहा है. जहां पर प्रदेश के सभी 75 जीआई टैग वाले उत्पाद अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं. इन उत्पादों में 58 हस्तशील औक 17 कृषि एवं खाद्य उत्पाद शामिल हैं. इसमें काशी की समृद्ध हैंडीक्राफ्ट की विरासत और हस्तशिल्पियों के हुनर वाले 23 जीआई टैग वाले उत्पादों की चमक भी दुनिया देखेगी.

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यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में जलवा बिखेरेंगे बनारस हैंडीक्राफ्ट उत्पाद. (Photo Credit; ETV Bharat)

यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में जलवा बिखेरेंगे जीआई उत्पाद: पांच दिवसीय यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में सबसे ज्यादा काशी क्षेत्र के जीआई टैग वाले उत्पाद देखने को मिलेंगे. जीआई मैन ऑफ इंडिया के नाम से पहचान बनाने जाने वाले जीआई एक्सपर्ट पद्मश्री डॉ रजनीकांत ने बताया कि इंटरनेशनल ट्रेड शो में उत्तर प्रदेश के जीआई उत्पादों के स्टाल के लिए अलग से पवेलियन बनाया गया है.

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में कुल 75 जीआई टैग वाले उत्पाद हैं, जिसमें से हैण्डीक्राफ्ट, हैंडलूम और खाद्य उत्पादों के 60 जीआई टैग वाले उत्पाद ट्रेड शो में अपनी चमक विदेशों तक बिखेरेंगे. बताते चलें कि, उत्तर प्रदेश, देश का एकमात्र राज्य है जहां सभी प्रमुख श्रेणी के 75 जीआई उत्पाद हैं.

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यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में जलवा बिखेरेंगे बनारस हैंडीक्राफ्ट उत्पाद. (Photo Credit; ETV Bharat)

यही नहीं इन 75 में से सबसे ज्यादा 25 जीआई टैग उत्पाद अकेले काशी क्षेत्र के है, जिसमें 23 जीआई उत्पाद इंटरनेशनल ट्रेड शो में अंतरराष्ट्रीय उड़ान भरेंगे. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के प्रमुख ओडीओपी उत्पादों को भी जीआई टैग मिल चुका है और यह भारत की बौद्धिक संपदा अधिकार में शामिल है.

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यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में जलवा बिखेरेंगे बनारस हैंडीक्राफ्ट उत्पाद. (Photo Credit; ETV Bharat)

वाराणसी में 12 से 15 लाख कारीगर: डॉ. रजनीकांत ने बताया कि उत्तर प्रदेश जीआई उत्पाद में भी नंबर वन पर है. जबकि दूसरे नंबर पर तमिलनाडु, तीसरे नंबर पर कर्नाटक, चौथे नंबर पर महाराष्ट्र और पांचवे नंबर पर केरल है. काशी क्षेत्र में 2014 के पहले मात्र 2 जीआई पंजीकृत उत्पाद (बनारस ब्रोकेड एवं साड़ी तथा भदोही का हस्तनिर्मित कालीन) थे.

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यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में जलवा बिखेरेंगे बनारस हैंडीक्राफ्ट उत्पाद. (Photo Credit; ETV Bharat)

आगे वो कहते हैं कि, काशी क्षेत्र में जीआई उत्पादों का सालाना कारोबार लगभग 22 हज़ार 500 करोड़ का है. इस कारोबार से लगभग 12 से 15 लाख लोग जुड़े हैं. पूरे कारोबार मे लगभग 30 प्रतिशत के करीब महिलाएं शामिल हैं. दुनिया के प्रमुख देशों में काशी क्षेत्र के जीआई उत्पादों का निर्यात होता है.

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