वाराणसीः सनातन संस्कृति की पहचान बनारस की गंगा आरती (Banaras Ganga Aarti) के दुरुपयोग को लेकर काशी की कमेटियों ने कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने इस संबंध में एकजुट होकर बैठक की और अपनी आपत्ति दर्ज कराई. निर्णय लिया गया कि जल्द ही इस संबंध में धर्मार्थ मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर एक्शन लेने की मांग करेंगी ताकि गंगा आरती का दुरुपयोग न हो सके.
आखिर क्या है नाराजगी की वजहः दरअसल, कमेटियों की ओर से आरोप लगाया गया है कि शादी विवाह के मौके पर गंगा आरती के नाम पर दिखावटी आयोजन हो रहे हैं. काशी की गंगा आरती को इंवेंट कंपनियां समारोहों में इस्तेमाल कर रही है. गंगा आरती को इवेंट मैनेजमेंट के नाम पर इस्तेमाल करना पूरी तरह से गलत है. इस पर रोक लगनी चाहिए. गंगा आरती की भव्यता और दिव्यता को समेट कर शादी विवाह में गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है वह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
धार्मिक अपराध पर दंड का प्रावधान हो: गंगा समितियों के साथ गंगा सेवा निधि के संरक्षक श्याम लाल सिंह ने बैठक के दौरान कहा कि प्राय देखा जा रहा है कि गंगा आरती की हूंबहू कॉपी करके शादी विवाह और अन्य कार्यक्रमों में लोग मां गंगा की इस आरती का मजाक उड़ा रहे हैं यह उचित नहीं है. यह एक धार्मिक अपराध है इसका दंड होना चाहिए. अगर हमारे देश में झोला छाप डॉक्टरों को विधि के अनुसार कारावास एवं आर्थिक दंड के प्राविधान है तो इन कथित धार्मिक अपराधियों का भी दंड होना चाहिए.
काशी विद्वत परिषद विरोध करेः उन्होंने कहा कि मैं तो कमाना करता हूं कि काशी विद्वत परिषद या काशी तीर्थ पुरोहित सामाजिक घटनायों का संज्ञान ले और एक बृहद आंदोलन हो तभी हम सुरक्षित हो पाएंगे. इस दिशा में सकारात्मक तथा कठोर निर्णय लेना होगा, अन्यथा इवेंट मैनेजमेंट संस्थाएं संपूर्ण पैकेज में पुरोहित को भी जोड़ लेंगीं और वे कथित पुरोहित कैसेट बजाकर विवाह कराएंगे. गंगा सेवा निधि के कार्यालय कैम्पस में आयोजित बैठक में श्री देव दीपावल- आरती महासमिति ने कई प्रस्तावों पर मोहर लगाई गई.
ये प्रस्ताव हुए पास
1. मां गंगा की आरती की मर्यादा, पवित्रता का उल्लंघन किसी कीमत पर नहीं बर्दाश्त किया जाएगा.
2. इवेंट मैनेजमेंट कंपनियां शादियों में गंगा आरती आयोजित कर रही है, इस पर प्रतिबंध लगना चाहिए.
3. गंगा आरती कार्यक्रम में भाग लेने के नाम पर कुछ ठगों ने फर्जी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू किया है. वे पैसा ले रहे हैं जबकि गंगा आरती पूरी तरह से निशुल्क है. ऐसे ठगों पर नकेल कसी जानी चाहिए.
4. प्रसिद्ध गंगा आरती स्थलों पर गंगा आरती के पश्चात कुछ लोगों द्वारा फर्जी थाली में दीपक जला करके गंगा आरती के नाम पर लोगों को आरती देकर धन वसूली की जा रही है, जो निंदनीय है. इस पर रोक लगे.
5. देव दीपावली के आयोजन से पूर्व समस्त घाटों एवं कुंडो-तालाबों की साफ -सफाई, लाइट व्यवस्था, मरम्मत आदि के आवश्यक कार्य पूर्ण किए जाने की मांग की जाएगी.
6. कुछ लोग गंगा के घाटों पर नावों तथा स्टीमरों की मरम्मत आदि का कार्य करते हैं उनसे निवेदन है कि वह पक्के घाटों पर जहां श्रद्धालु, स्नान, पर्यटक आवागमन करते हैं उन स्थानों पर टूटी-फूटी और जर्जर नावों को तत्काल हटाकर गंगा पार अथवा जिन घाटों का स्नान हेतु उपयोग नहीं होता है वहां रखें. इससे काशी की छवि देश दुनिया में बेहतर बन सके.
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