वाराणसी: बनारस में पांच लोगों की हत्या को 60 घंटे से ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन, अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं. पुलिस अंधेरे में तीर चलाते हुए पूरे मामले में भतीजे विशाल उर्फ विक्की को ही मुख्य आरोपी मान रही है, लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि जिसे मुख्य आरोपी माना जा रहा है, उसका पुलिस के पास कोई रिकॉर्ड और लोकेशन ही नहीं है.
पुलिस सूत्रों का कहना है कि पुलिस के पास विक्की के जो तीन नंबर मौजूद हैं, वह पुलिस के लिए और कन्फ्यूजन की वजह बन गए हैं. क्योंकि, एक सेंट्रल बैंक एक यूनियन बैंक वह एक अन्य बैंक में दर्ज नंबर के आधार पर जब पुलिस में पड़ताल शुरू की गई तो पता चला यह तीनों नंबर विक्की के नाम हुआ करते थे, लेकिन लगभग 9 से 10 महीने पहले इन नंबरों के बंद हो जाने के बाद यह दक्षिण भारत पंजाब और यूपी के किसी शहर के अन्य व्यक्तियों को अलॉट हो गए हैं.
जिसकी वजह से पुलिस विक्की की लोकेशन जहां-जहां मानकर जांच कर रही थी, वहां इन नंबरों पर कोई और आदमी मिला. इतना ही नहीं राजेंद्र की मां शारदा देवी इस पूरे मामले में कुछ और चौंकाने वाली बातें कर रही हैं. उनका कहना है कि राजेंद्र विक्की को बहुत बुरी तरह से मारा करता था. पिता और मां की मौत के बाद राजेंद्र विक्की को हमेशा जान से मारने की धमकी देता था. जिसकी वजह से विक्की अपने चाचा से खुन्नस खाए बैठा था.
राजेंद्र की मां का कहना है कि राजेंद्र से विक्की आए दिन अपने पिता माता की हत्या के बाद प्रॉपर्टी में अपना हिस्सा मांगता था, लेकिन राजेंद्र देने को तैयार नहीं था. राजेंद्र ने दीपावली के बाद विक्की से अपने यहां नौकरी करने के लिए कहा था.
फिलहाल घटना के लगभग 60 घंटे बीतने के बाद 5 शवों का पोस्टमार्टम पूरा हो चुका है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक तीन गोली राजेंद्र को, चार गोली बड़े बेटे नवनेंद्र को, चार गोली नीतू को, जबकि दो-दो गोली बाकी दोनों बच्चों को लगी है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक पहले राजेन्द्र की मौत हुई थी, जो रात में करीब 2-3 बजे के बीच हुई है.
फिलहाल सभी का पोस्टमार्टम होने के बाद कुछ देर बाद डेड बॉडी परिवार को सुपुर्द की जाएगी, माना जा रहा है कि सभी संस्कार शाम में या रात के वक्त होंगे. पुलिस हिरासत में लिया गया राजेंद्र का भतीजा प्रशांत उर्फ जुगनू सभी का अंतिम संस्कार करेगा, इसके लिए परिवार ने हामी भर दी है.
पूरे मामले में पुलिस के हाथ इसलिए भी बंधे हैं क्योंकि विक्की की बहन डॉली प्रेग्नेंट है और वह पूछताछ के लिए वाराणसी नहीं आ सकती. जिस वजह से विक्की के बारे में पुलिस और जानकारी नहीं जुटा पा रही है. हिरासत में लिया गया विक्की का भाई जुगनू भी विक्की का एक नंबर अपने ही पास रखता था. जो पहले से ही किसी और के नाम अलॉट है.
पुलिस के अधिकारी मान रहे हैं कि विक्की ने इस पूरे मामले में 8 से 9 महीने पहले ही पूरी प्लानिंग शुरू की कर दी थी. जिसके तहत उसने पूरी पुलिस टीम और इन्वेस्टिगेशन को कंफ्यूज करने के लिए नंबरों को बंद कर दिया और वह नंबर अब किसी दूसरे के नाम अलॉट हैं जो पुलिस के लिए कन्फ्यूजन की बड़ी वजह बन रहे हैं.
पुलिस के मामले में राजेंद्र के भतीजे विक्की को ही आरोपी मान रही है. वहीं राजेंद्र की मां शारदा देवी भी इस पूरे मामले में अपने पोते विक्की को ही सस्पेक्ट मान रही है. उनका कहना है कि दीपावली की रात विक्की उनसे मिलने के लिए आया था और चाचा की हत्या की बात कर रहा था. बताया कि 2 साल पहले जब विक्की बनारस से गया था, उसके कुछ दिन पहले ही राजेंद्र ने विक्की को बहुत बुरी तरह से मारा था. लाठी डंडे और हॉकी से उसकी पिटाई की थी.
तपती दोपहर में छत पर उसको खड़ा कर दिया था, जिसकी वजह से विक्की बेहद नाराज था. दीपावली के बाद जब विक्की घर आया था तो राजेंद्र की बेटी गौरंगी ने भाई दूज का टीका भी उसे लगाया था और भाई से नेक भी ली थी. सबसे बड़ी बात यह है कि भाई दूज वाले दिन शाम को राजेंद्र और विक्की साथ में बैठे थे. राजेंद्र ने विक्की को 25000 महीने पर अपने यहां काम करने का ऑफर दिया था लेकिन, विक्की ने मना कर दिया था.
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