नई दिल्लीः अस्पतालों के आईसीयू, एचडीयू और क्रिटिकल एरिया में इंफेक्शन के बढ़ते खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य महानिदेशालय ने इन क्षेत्रों में मोबाइल फोन के उपयोग पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. इस संबंध में स्वास्थ्य महानिदेशक अतुल गोयल ने केंद्र सरकार के सभी अस्पतालों के मेडिकल डायेरक्टर व चिकित्सा अधिक्षकों को संबोधित करते हुए सभी चिकित्सकों एवं हेल्थ केयर वर्कर्स के लिए एक दिशा-निर्देश जारी किया है.
उन्होंने सर्कुलर जारी कर कहा है कि वह रोगियों और कर्मचारियों दोनों की सुरक्षा और भलाई को प्राथमिकता देते हैं और संक्रमण नियंत्रण को भी सुनिश्चित करते हैं. यह उनके ध्यान में आया है कि कार्यस्थल के भीतर (अस्पतालों में) कुछ सुरक्षा उपायों को सुदृढ़ करने की तत्काल आवश्यकता है. इस बात के पर्याप्त प्रमाण हैं कि कोहनी के नीचे हाथ के गहने पहनने से कुल त्वचा सूक्ष्मजीवों की संख्या बढ़ जाती है. इसी तरह ड्यूटी के दौरान विशेष रूप से आईसीयूएस, एचडीयू, पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड और ओटी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मोबाइल फोन के उपयोग से संक्रमण का खतरा होता है.
ड्यूटी के दौरान गहने और मोबाइल फोन पर रोकः इंफेक्शन के बढ़ते खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार के अस्पतालों के सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से अस्पतालों में ड्यूटी के दौरान कोहनी से नीचे के सभी प्रकार के आभूषण अनिवार्य रूप से उतारना है. इसमें अंगूठियां, चूड़ियां, कंगन, धार्मिक धागे और कलाई घड़ियां शामिल हैं. संक्रमण फैलने के जोखिम को कम करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि हर समय स्वच्छता और रोगी देखभाल का एक मानक बनाए रखा जाए. यह सावधानी आवश्यक है.
संबंधित अस्पताल हाथ की स्वच्छता पर अपने एसओपी को संशोधित कर सकते हैं और विशेष रूप से उल्लेख कर सकते हैं कि कलाई घड़ियों की अनुमति कहां कर सकते हैं और कहां नहीं. इसके अलावा रोगी क्षेत्रों और आईसीयू, एचडीयू, पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड और ऑपरेशन रूम जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मोबाइल फोन के उपयोग को प्रतिबंधित करने के लिए एक नीति विकसित करने और लागू करने की आवश्यकता हो सकती है.
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स्वास्थ्य महानिदेशक ने कहा कि वह समझते हैं कि इसके लिए कुछ समायोजन की आवश्यकता हो सकती है, लेकिन उन्हें विश्वास है कि स्वास्थकर्मी मरीजों की सुरक्षा और कल्याण को बाकी सभी चीजों से ऊपर प्राथमिकता देंगे. इस मामले में उनका सहयोग अपेक्षित है और यह सभी के लिए एक सुरक्षित और अधिक अनुकूल उपचार वातावरण बनाने में योगदान देगा.
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