कांकेर : छत्तीसगढ़ के बस्तर में अनुपम सौंदर्य की छटा बिखरी बड़ी है. इस संभाग ने पर्यटन के नक्शे में नई पहचान बनाई है. हाल ही में बस्तर के धुड़मारास गांव को राफ्टिंग के लिए नेशनल पुरस्कार मिला है.इस गांव को पर्यटन के लिए अवॉर्ड से नवाजा गया है.इसी गांव से प्रेरणा लेकर कांकेर जिले का खमढोड़गी गांव ने बैंबू राफ्टिंग की शुरुआत की है.आपको बता दें कि खमढोड़गी गांव चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है. इस जगह पर कई छत्तीसगढ़ी फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है.
खमढोड़गी गांव में शुरु हुई बम्बू राफ्टिंग : कांकेर जिला मुख्यालय से 10 किमी दूर कांकेर देवरी मार्ग में खमढोड़गी गांव है. यहां ग्रामीणों ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए खमढोड़गी बांध में बैंबू राफ्टिंग की शुरुआत की है. गांव के सरपंच प्यारेलाल मंडावी के मुताबिक कांकेर से उनका गांव 10 किलोमीटर दूर है. यहां कई लोग दूर दूर से आते हैं, इसलिए बांस राफ्टिंग की शुरुआत की गई है.
जितना भी छत्तीसगढ़ी फिल्म शूट होता है एक बार यहां आते ही हैं और अपनी फिल्म की शूटिंग करते हैं. इसलिए हमने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बैंबू राफ्टिंग शुरू किया है. अभी हमने 100 रुपए प्रति व्यक्ति टिकट निर्धारित किया है- प्यारेलाल मंडावी, सरपंच
ग्रामीण युवती प्रियंका कोमरा ने बताया कि उनके गांव को कम्युनिटी फॉरेस्ट राइट एक्ट का अधिकार पत्र मिला है. इसीलिए ग्राम सभा का गठन किया गया है. ग्राम सभा में मिलकर उन्होंने सोचा कि जो युवा बाहर काम करने जाते हैं उनको स्थानीय स्तर में रोजगार मिले. इसीलिए पर्यटन के क्षेत्र में बैंबू राफ्टिंग की शुरूआत की गई है.
पहले भी हमारे यहां पर्यटक आते थे. लेकिन अब पर्यटक बैंबू राफ्टिंग करेंगे. उनको और भी आनंद मिलेगा. पानी के बीच में जाकर उनको जो व्यू मिलेगा चारों तरफ से उनका गांव जंगल से घिरा हुआ है. फोटो और वीडियो बनाएंगे तो बढ़िया आनंद आएगा- प्रियंका कोमरा, ग्रामीण युवती
गांव को सशक्त बनाना लक्ष्य : आपको बता दें कि खमढोड़गी गांव को सीएफआर मिला हुआ है. इसके तहत ग्रामीणों ने प्रबंधन का काम किया है. गांव पर्यटन की ओर आगे बढ़ रहा है, पर्यटन के क्षेत्र में बैंबू राफ्टिंग की शुरुआत की गई है. ग्रामीणों की माने तो उनका उद्देश्य ग्राम सभा को सशक्त बनाना और स्थानीय स्तर पर रोजगार को बढ़ावा देना है. गांव में आगे चलकर होम स्टे और ट्रेकिंग की सुविधा भी होगी.
बस्तर का स्वागत द्वार कहलाने वाला कांकेर जिला अपनी प्राकृतिक सम्पदाओं के अलावा सांस्कृतिक, पुरातात्विक एवं ऐतिहासिक धरोहरों को समेटे हुए है. यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. जिन्हें संरक्षित एवं विकसित करने की दरकार है. कांकेर के खमढोड़गी गांव में शुरू हुई बैंबू राफ्टिंग स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर तो देगी ही, साथ ही साथ पर्यटन को नया आयाम मिलेगा.
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