बलौदाबाजार: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के घनाराम वर्मा नाम के शख्स को 30 मई 2023 को एक सड़क दुर्घटना में गंभीर चोट आई. हादसे में बांह और पैर की हड्डी टूट गई. घनाराम ने बताया कि पहले एक अस्पताल में इलाज हुआ. फिर 2 जून 2023 को एक निजी नर्सिंग होम में भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने ऑपरेशन करने का सुझाव दिया. ऑपरेशन के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया. नियमित ड्रेसिंग और एक्स रे किए गए, लेकिन दर्द में कोई कमी नहीं आई.
डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप, गंवाना पड़ा पैर: घनाराम वर्मा का कहना है कि डॉक्टरों से स्थिति के बारे में पूछा, तो उन्हें बताया कि इलाज सही तरीके से चल रहा है. लेकिन दर्द बढ़ता रहा. 17 अक्टूबर 2023 को रायपुर स्थित एम्स अस्पताल में जांच कराई गई, जहां पाया गया कि मरीज की हड्डी जुड़ी नहीं थी और स्थिति अत्यंत गंभीर थी. इसके बाद मरीज को दो और ऑपरेशनों की जरूरत पड़ी, लेकिन उसके बावजूद स्थिति में सुधार नहीं हुआ.
तीन सर्जरी के बाद काटना पड़ा पैर: घनाराम वर्मा के परिवार ने एक अन्य अस्पताल में इलाज कराया, जहां डॉक्टर ने दूसरी सर्जरी की सलाह दी और कहा कि 4 महीने में सुधार करेंगे. लेकिन इन 4 महीनों के दौरान भी मरीज को दर्द और मवाद की समस्या बनी रही.
10 अगस्त 2024 को एक अन्य अस्पताल में एक नई जांच में पाया गया कि पैर की हड्डी नहीं जुड़ी थी और संक्रमण पूरी तरह से पैर में फैल चुका था. 17 अगस्त को तीसरी बार ऑपरेशन किया गया , लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ.
6 सितंबर 2024 को डॉक्टरों ने मरीज का पैर काटने का निर्णय लिया, क्योंकि संक्रमण और मवाद से स्थिति बेहद बिगड़ चुकी थी. अब परिवार को भारी आर्थिक और मानसिक संकट का सामना करना पड़ रहा है.
मैंने जब डॉक्टरों से पूछा तो सब ठीक है ठीक है कहते रहे. लेकिन हमारी तो जिंदगी खराब हो गई है. हम चाहते हैं कि कुछ राहत मिले. तभी जीवन मिल पाएगा: घनाराम वर्मा, पीड़ित व्यक्ति
परिवार ने की शिकायत, मुआवजे की मांग: मरीज के परिवार ने इस मामले को लेकर कलेक्टर दीपक सोनी से शिकायत की है और अस्पतालों पर कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने आरोप लगाया है कि डॉक्टरों और अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण उनके परिवार का जीवन बर्बाद हो गया है. परिवार की मांग हैं कि नर्सिंग होम और अस्पताल के ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए.
परिवार अब पूरी तरह से कर्ज में डूब चुका है. पिता के इलाज के खर्चों के कारण घर में आर्थिक संकट हो गया है. अस्पतालों से कोई मदद नहीं मिली है. सभी डॉक्टरों ने एक के बाद एक असफल इलाज कर निराश किया है: योगेश्वरी वर्मा, मरीज की बेटी
प्रशासन की प्रतिक्रिया: स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के प्रभारी जिले में एक मरीज को डॉक्टरों की लापरवाही के कारण अपना पैर कटवाना पड़ा. मरीज को शारीरिक और आर्थिक रूप से बड़ा नुकसान हुआ. हालांकि पीड़ित परिवार की शिकायत पर कलेक्टर दीपक सोनी ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और घटना की जांच के आदेश दिए हैं. कलेक्टर ने कहा कि यदि डॉक्टरों की लापरवाही साबित होती है तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को सुधारने के लिए प्रशासन कदम उठाएगा, ताकि इस तरह की घटनाओं से भविष्य में बचा जा सके.