बालोद: बालोद जिले के झलमला में लाखों रुपये की लागत से सार्वजनिक शौचालय बनाया गया. हालांकि यहां अब ताला लटका हुआ है. शौचालय के बाहर गंदगी पसरी हुई है. पानी की भी कोई व्यवस्था नहीं है. ऐसे में राहगीर सहित दुकानदारों को भी काफी परेशान होती है. वहीं, पंचायत से समय-समय पर सफाई की बात तो कही गई. लेकिन कोई साफ सफाई नहीं हुई.
सफाई करने पंचायत लाचार: पंचायत से शौचालय के पास लाखों रुपये लगाकर दुकान खरीदने वाले विजय साहू ने ईटीवी भारत से बातचीत को दौरान कहा कि, "शौचालय तो बनाया गया है, परंतु उसका उपयोग लोग कर नहीं पाते हैं. आने-जाने वाले लोग अपनी व्यवस्था अनुसार शौचालय के बाहर ही शौच करने को मजबूर हो जाते हैं, जिसके कारण यहां पर गंदगी फैली रहती है. रोज क्रिमिनल टाइप के लोग शराब पीने के लिए इस जगह का उपयोग करते हैं. हम तो दुकान चला पाने में असमर्थ हैं. इतनी गंदी बदबू यहां है कि लोग यहां आते ही नहीं." वही गांव के वरिष्ठ नागरिक किशोर पटेल ने बताया कि, "यहां सरपंच और सचिव सफाई कर पाने में असफल साबित हो रहे हैं. यहां पर हम दुकानदार या फिर राहगीर शौचालय का उपयोग नहीं कर पाते हैं. एक तरफ हमारे गांव को धर्म नगरी कहा जाता है, तो दूसरी तरफ यह शौचालय बदनुमा दाग बना हुआ है, क्योंकि यह जो चौक है. वह प्रमुख चौक है. यहीं से कलेक्ट्रेट, दुर्ग, रायपुर, राजनांदगांव के लिए रोजाना हजारों लोग आना-जाना करते हैं."
सरपंच ने कैमरे के सामने आने से किया इंकार : इस पूरे मामले में सरपंच उमा पटेल ने कैमरे के सामने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि हम समय पर सफाई व्यवस्था कराते हैं." वहीं, सचिव रमेश निषाद ने कहा कि, "हमने नवरात्रि में सफाई कराई थी. यहां रोज सफाई करते हैं. रोज गंदगी हो जाती है." सचिव ने शौचालय को शुरू करने की बात कही. वहीं, पंचायत ने सफाई करने और एक व्यक्ति नियुक्त करने की बात कही है.