बालाघाट: जिले से एक तस्वीर सामने आई है जो विकास कार्यों के दावों पर सवालिया निशान लगा रही है. यहां हास्पिटल से घर आ रही एक प्रसूता एंबुलेंस से सीधे घर तक नहीं पहुंच पाई. घर से लगभग 600 मीटर तक का रास्ता बेहद खराब होने की वजह से एंबुलेंस आगे नहीं जा पाई. इस वजह से परिजनों ने महिला को खाट पर लिटाकर घर पहुंचाया. इस कच्चे रास्ते को पक्का करने की ग्रामीणों की मांग कई सालों से चल रही है. लेकिन अभी तक किसी जनप्रतिनिधि ने इनकी मांग को पूरा नहीं किया है.
सड़क दलदली होने से घर नहीं पहुंची एंबुलेंस
मामला बालाघाट के आदिवासी अंचल के लांजी क्षेत्र के जुनेवानी गांव का है. यहां एक महिला की बालाघाट जिला चिकित्सालय में आपरेशन से डिलिवरी हुई थी. डिलिवरी के बाद 3 अगस्त को महिला को हास्पिटल से छुट्टी मिल गई. जच्चा और बच्चा एंबुलेंस से घर जा रहे थे. लेकिन एंबुलेंस घर से लगभग 600 मीटर दूर चौंदाटोला मेन रोड पर ही रुक गई, क्योंकि आगे जाने के लिए रास्ता नहीं था. जो रास्ता था वो लगातार बारिश होने की वजह कीचड़ से भर गया था. उस कच्चे रास्ते से एंबुलेंस का जा पाना मुमकिन नहीं था. जिस वजह से प्रसूता को घर से दूर ही उतार दिया गया.
प्रसव पीड़ा से कराहती रही महिला, एंबुलेंस नहीं कर सका नाला पार, ग्रामीणों ने इस तरह पहुंचाया अस्पताल झमाझम बारिश से रीवा पानी-पानी, स्कूली बच्चे उफनती नदी पार करने को मजबूर, सालों से नहीं बना पुल |
बारिश के बाद सड़क होगी पक्की
मामले को लेकर लांजी से भाजपा विधायक राजकुमार कर्राहे का कहना है कि, 'हमारी सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर गम्भीर है. सरकार इसके लिए काम भी कर रही है. सड़क का यह मामला मेरे संज्ञान में है. ग्रामीणों ने इसकी जानकारी भी दी है. ग्रामीणों ने टेमनी से जुनेवानी तक सड़क बनाए जाने की मांग की है. मैं सड़क पक्की कराने के लिए प्रयासरत भी हूं. मैंने पीडब्लूडी विभाग में इसके लिए राशि की मांग की है. फिलहाल के लिए ग्राम सरपंच को नदी की गडगडा डालने के लिए कहा है, ताकि आवागमन चालू रह सके. बारिश के बाद सड़क को पक्का कराया जाएगा. इसके लिए मैं संकल्पित हूं.'