बालाघाट। जिले में पिछले एक महीने में विदेश से आया तोहफा प्राप्त करने, बेटे को दुष्कर्म के मामले से बचाने पुलिस, क्राइम ब्रांच और सीबीआई अधिकारी बनकर धमकी देकर पैसे ऐंठने के मामले बढ़े हैं. महीने भर में ही इस तरह के करीब पांच से छह मामले सामने आ चुके हैं. ताजा मामला एक युवक से जुड़ा हुआ है, जिन्हें झूठे केस में फंसाने और इससे बचाने के नाम पर ठगों ने न सिर्फ पीड़ितों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया, बल्कि उनकी गाढ़ी कमाई भी ऐंठ ली. जिसके बाद पीड़ित युवक ने कोतवाली स्थित साइबर नोडल शाखा में शिकायत दर्ज कराई है.
पुलिस वाला बनकर किया कॉल
जानकारी के अनुसार, उकवा निवासी 25 वर्षीय निखित कुरैशी एक टेलीकाम कंपनी में एरिया सेल्स मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं. उन्होंने शनिवार को साइबर नोडल शाखा में शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि ''उनके पिता मो. हनीफ कुरैशी को शुक्रवार को एक अनजान नंबर से कॉल आया और कॉलर ने खुद को बिरसा पुलिस से होना बताते हुए कहा कि आपके बेटे और उसके कुछ दोस्तों को दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तार किया गया है. अगर उसे बचाना है, तो 60 हजार रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कर दो.''
डर गए पिता, बदमाशों के खाते में डाल दिये रुपये
मो. निखित ने बताया कि उनके पिता उकवा में ही पेशे से दर्जी का काम करते हैं. मुझे काम के सिलसिले में अक्सर विभिन्न क्षेत्रों में विजिट करना होता है. शुक्रवार को में दमोह गया हुआ था. इसी बीच पिता को पुलिस के नाम पर फर्जी कॉल आया. पुलिस और बेटे का दुष्कर्म में नाम सुनने से पिता डर गए. पिता ने पुलिस को बेटे से बात कराने कहा तो ठग ने बेटे का फोन जब्त होने की जानकारी देते हुए बात कराने से इंकार कर दिया. फर्जी पुलिस और पिता के बीच चल रही बातचीत के बीच बेटे की हू-ब-हू आवाज सुनाई पड़ने के कारण पिता इस धोखाधड़ी को सच मान बैठे. मो. हनीफ ने तीन बार में 15 हजार रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए. इसके बाद पड़ोसियों ने मो. हनीफ को इस फर्जीवाड़े के बारे में बताया, जिसके बाद उन्होंने सायबर थाने में शिकायत दर्ज कराई है.
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पुलिस के लिए चुनौती बने ऑनलाइन ठगी के मामले
प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद साइबर ठगी के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. नित नए ठगी के पैंतरे अपनाकर सायबर ठग लोगों के खून पसीने की कमाई में सेंध लगाने में कामयाब हो जा रहे हैं. हालांकि प्रशासन द्वारा लगातार लोगों को साइबर ठगों से सचेत रहने के लिए जागरूक किया जाता रहा है. बावजूद इसके जिले में साइबर अपराध के मामलों में बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है, जो कि पुलिस और प्रशासन के लिये एक चुनौती बनी हुई है.