ETV Bharat / state

वैनगंगा नदी के तटों पर दुनिया के सबसे सुंदर पक्षियों का जमावड़ा, गिनती के बाद देश खुश हुआ - Balaghat census of crane

बालाघाट में वन विभाग ने कई विभागों की मदद से जिले में पक्षी सारस की गणना की. गणना का काम सुबह 5 बजे से 9 बजे तक किया गया. इसमें सामने आया कि बालाघाट जिले में सारस की संख्या 45 है. ये संख्या बालाघाट से जुड़े महाराष्ट्र के जिलों से अधिक है.

Balaghat census of crane
बालाघाट के वेनगंगा नदी के तटों पर विशेष पक्षियों के आशियाने (ETV BHARAT)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 4, 2024, 10:37 AM IST

Updated : Jul 4, 2024, 11:12 AM IST

बालाघाट। महर्षि वाल्मीकि की रामायण के प्रारंभ में सारस पक्षी का उल्लेख है. ये पक्षी प्रेम, शांति व खुशी का प्रतीक माना जाता है. ये पक्षी अपने साथी के लिए जान भी दे सकता है. इन दिनों बालाघाट के वैनगंगा के तट सारस पक्षियों का डेरा है. वैनगंगा नदी के तट सारस पक्षी के लिए शरणस्थली माने जाते हैं. कुछ दिन पूर्व सेवा संस्था द्वारा वन विभाग, जिला पुरातत्व संस्कृति परिषद व स्थानीय किसान सारसमित्र के सहयोग से की गई गणना में कई बातें सामने आई हैं. जिले में 25 दलों द्वारा सारस पक्षियों की गणना की गई.

Balaghat census of crane
बालाघाट में गणना में मिले कुल 45 सारस (ETV BHARAT)

सारस के घोंसलों का किया निरीक्षण

सारस की गणना करने वाले दल ने ऐसे 60-70 स्थलों पर सारस या क्रोंच पक्षी के घोंसले या शरणस्थल देखे हैं. बालाघाट में गणना कार्य प्रकल्प प्रभारी सावन बहेकार के निर्देशन में किया गया. बालाघाट के अलावा गोंदिया और भंडारा जिले में भी इस तरह की गणना की गई है. हालांकि इस वर्ष की गणना में पिछले वर्ष की तुलना में 3 सारस की कमी आयी है. वर्ष 2023 में 48 क्रोंच पक्षी देखे गए थे. इस वर्ष 45 बालाघाट में, गोंदिया में 28 और भंडारा में 4 पक्षी मिले हैं.

क्या है सारस की विशेषताएं, क्यों आकर्षित करता है

सारस पक्षी को क्रोंच पक्षी के नाम से जाना जाता है. यह पक्षी बड़ा खूबसूरत है. ये एक ही घोंसले में वर्षों तक रहते हैं. उत्तर प्रदेश के राजकीय पक्षी के रूप में इसे मान्यता है. यह गंगा नदी के मैदानी भागों में बहुतायत में पाया जाता है. ये लम्बे पैरों और ऊंची गर्दन व चोंच वाले होते है. गर्दन कत्थई या लाल रंग की भी होती है, जबकि पूरा सफेद रंग के होने से जल में जब दिखाई पड़ते हैं तो बड़े ही खूबसूरत लगते हैं.

ये खबरें भी पढ़ें....

सफाई दारोगा का बनेगा नया आशियाना, मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व होगा गिद्ध रिजर्व

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र में गिद्धों की गणना पूरी, 300 कर्मचारियों ने 3 दिन में गिने 287 गिद्ध

बालाघाट जिले में सारस की ऐसे हुई गणना

सारस गणना के लिए दलों ने स्थानीय किसान सारस मित्रों की सहायता से इनके विश्रांति स्थलों पर सुबह 5 बजे से पहुंचना शुरू किया. गणना सुबह 9 बजे तक हुई. सारस गणना का पूरा अभियान कलेक्टर डॉ.गिरीश कुमार मिश्रा, वनमंडालिधिकारी अभिनव पल्लव, सीईओ जिपं डीएस रणदा, एसडीओ वन विनीता बामने, सेवा संस्था के अविजित परिहार, संस्कृति परिषद के रवि पालेवार और सेवा संस्था के शशांक लाडेकर, कन्हैया उदापुरे, डिलेश कुसराम, विशाल कटरे, प्रशांत मेंढे, प्रविण मेंढे, विकास फरकुंडे, बबलू चुटे, मधु डोये, निलू डोये, कैलाश हेमने, लोकेश भोयर, पप्पु बिमेन, बसंत बोपचे, राहुल भावे, रतिराम क्षीरसागर, निशांत देशमुख, सिंकदर मिश्रा, नखाते जी, प्रवीण देशमुख, अमित बेलेकर, पवन सोयम, रिशील डाहाके, संदीप राणा, मोहित पटले, निलेश राणे, जितु हरिनखेडे, हसीन चिखलोडे, विजय चित्रिय के प्रयासों से पूरी हुई.

बालाघाट। महर्षि वाल्मीकि की रामायण के प्रारंभ में सारस पक्षी का उल्लेख है. ये पक्षी प्रेम, शांति व खुशी का प्रतीक माना जाता है. ये पक्षी अपने साथी के लिए जान भी दे सकता है. इन दिनों बालाघाट के वैनगंगा के तट सारस पक्षियों का डेरा है. वैनगंगा नदी के तट सारस पक्षी के लिए शरणस्थली माने जाते हैं. कुछ दिन पूर्व सेवा संस्था द्वारा वन विभाग, जिला पुरातत्व संस्कृति परिषद व स्थानीय किसान सारसमित्र के सहयोग से की गई गणना में कई बातें सामने आई हैं. जिले में 25 दलों द्वारा सारस पक्षियों की गणना की गई.

Balaghat census of crane
बालाघाट में गणना में मिले कुल 45 सारस (ETV BHARAT)

सारस के घोंसलों का किया निरीक्षण

सारस की गणना करने वाले दल ने ऐसे 60-70 स्थलों पर सारस या क्रोंच पक्षी के घोंसले या शरणस्थल देखे हैं. बालाघाट में गणना कार्य प्रकल्प प्रभारी सावन बहेकार के निर्देशन में किया गया. बालाघाट के अलावा गोंदिया और भंडारा जिले में भी इस तरह की गणना की गई है. हालांकि इस वर्ष की गणना में पिछले वर्ष की तुलना में 3 सारस की कमी आयी है. वर्ष 2023 में 48 क्रोंच पक्षी देखे गए थे. इस वर्ष 45 बालाघाट में, गोंदिया में 28 और भंडारा में 4 पक्षी मिले हैं.

क्या है सारस की विशेषताएं, क्यों आकर्षित करता है

सारस पक्षी को क्रोंच पक्षी के नाम से जाना जाता है. यह पक्षी बड़ा खूबसूरत है. ये एक ही घोंसले में वर्षों तक रहते हैं. उत्तर प्रदेश के राजकीय पक्षी के रूप में इसे मान्यता है. यह गंगा नदी के मैदानी भागों में बहुतायत में पाया जाता है. ये लम्बे पैरों और ऊंची गर्दन व चोंच वाले होते है. गर्दन कत्थई या लाल रंग की भी होती है, जबकि पूरा सफेद रंग के होने से जल में जब दिखाई पड़ते हैं तो बड़े ही खूबसूरत लगते हैं.

ये खबरें भी पढ़ें....

सफाई दारोगा का बनेगा नया आशियाना, मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व होगा गिद्ध रिजर्व

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र में गिद्धों की गणना पूरी, 300 कर्मचारियों ने 3 दिन में गिने 287 गिद्ध

बालाघाट जिले में सारस की ऐसे हुई गणना

सारस गणना के लिए दलों ने स्थानीय किसान सारस मित्रों की सहायता से इनके विश्रांति स्थलों पर सुबह 5 बजे से पहुंचना शुरू किया. गणना सुबह 9 बजे तक हुई. सारस गणना का पूरा अभियान कलेक्टर डॉ.गिरीश कुमार मिश्रा, वनमंडालिधिकारी अभिनव पल्लव, सीईओ जिपं डीएस रणदा, एसडीओ वन विनीता बामने, सेवा संस्था के अविजित परिहार, संस्कृति परिषद के रवि पालेवार और सेवा संस्था के शशांक लाडेकर, कन्हैया उदापुरे, डिलेश कुसराम, विशाल कटरे, प्रशांत मेंढे, प्रविण मेंढे, विकास फरकुंडे, बबलू चुटे, मधु डोये, निलू डोये, कैलाश हेमने, लोकेश भोयर, पप्पु बिमेन, बसंत बोपचे, राहुल भावे, रतिराम क्षीरसागर, निशांत देशमुख, सिंकदर मिश्रा, नखाते जी, प्रवीण देशमुख, अमित बेलेकर, पवन सोयम, रिशील डाहाके, संदीप राणा, मोहित पटले, निलेश राणे, जितु हरिनखेडे, हसीन चिखलोडे, विजय चित्रिय के प्रयासों से पूरी हुई.

Last Updated : Jul 4, 2024, 11:12 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.