अलवर. बकरा ईद देश भर में सोमवार को मनाई जा रही है. ईद पर बकरों की कुर्बानी की प्रथा पुरानी है. यही कारण है कि ईद पर बकरों की मांग ज्यादा रहती है और कीमत भी ज्यादा मिलती है. ईद पर मेवात के बकरों की डिमांड देश की बड़ी बकरा मंडी में खूब रहती है. इस साल भी मेवात के बकरों की मुम्बई की देवनार मंडी में मांग रही है. इनकी कीमत भी प्रति बकरा 40 से 45 हजार मिली है.
बकरा ईद पर अलवर के मेवात में बकरों की खरीदारी अच्छी रही. साथ ही अलवर के मेवात से बड़ी संख्या में बकरे बिक्री के लिए मुम्बई की देवनार मंडी भेजे गए. इस बार ईद पर बकरा पालकों को भी अच्छा मुनाफा हुआ. मुंबई की देवनार मंडी देश में बकरों की बड़ी मंडी में शामिल है. यहां अलवर के मेवात के बकरों की मांग ज्यादा रहती है. बकरीद पर भारत से बकरे इस्लामिक देशों में भी भेजे जाते हैं. मुम्बई की देवनार मंडी में अलवर मेवात के बकरों की कीमत 40 से 45 हजार रुपए आसानी से मिल जाती है.
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मेवात में बकरा पालन व्यवसाय बढ़ा : अलवर के मेवात क्षेत्र की देश भर में बढ़ती मांग और अच्छी कीमत मिलने के कारण अलवर के ग्रामीण क्षेत्र में अनेक परिवार बकरा पालन व्यवसाय करने लगे हैं. अलवर जिले के मूनपुर, शेखपुर, बुर्जा सहित अनेक गांवों में अनेक परिवार बकरा पालन का व्यवसाय करने लगे हैं. ग्रामीणों का मानना है कि ईद पर बकरों की मांग खूब रहती है. इस कारण लोग बकरा पालन का व्यवसाय कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. अलवर जिले के रसगण गांव में बकरा पालना व्यवसाय किया जाता है.
तोतापुरी बकरोंं की मांग ज्यादा : बकरा पालन से जुड़े लोहारवाड़ी निवासी हनीफ खान ने बताया कि अलवर के मेवात क्षेत्र में कई नस्लों के बकरों को पाला जाता है. इनमें तोतापुरी, खस्सी और देसी नस्ल के बकरे लोगों की पसंद रहती है. बकरा पालन से जुड़े लोगों का कहना है कि दो-तीन माह का बकरा करीब 5-7 हजार रुपए में आसानी से मिल जाता है. इन्हें तैयार करने के लिए मक्का, ज्वार, तिल का तेल, हरा चारा खिलाया जाता है. इस खुराक से बकरों की सेहत अच्छी रहती है, जिससे पशुपालकों को बकरों के अच्छे दाम मिल पाते है. ईद से पूर्व इन नस्लों के बकरों की कीमत 15 से 20 हजार रुपए तक रहती है, लेकिन ईद के मौके पर इन बकरों की कीमत बढ़कर 40 से 45 हजार रुपए तक पहुंच जाती है.
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बकरों की एक गाड़ी पर तीन लाख रुपए की बचत : बकरा पालक जाकिर खान का कहना है कि एक बकरा लगभग 10 हजार रुपए की कमाई करा जाता है. बकरा ईद के चलते बकरों की कद काठी देखकर कीमत लगाई जाती है. अलवर के मेवात क्षेत्र से करीब 10 बकरों की गाड़ियां मुंबई के लिए भेजी जाती है. बकरों से भरी एक गाड़ी करीब 2 से 3 लाख रुपए तक कमाई करा देती है. एक गाड़ी में करीब 50 बकरे जाते हैं. बकरा ईद पर बेचे जाने से पहले बकरे को तैयार होने में करीब 1 साल का समय लगता है.