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प्रदेशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा ईद उल-अजहा , ईदगाहों पर अदा की गई अकीदत की नमाज - Eid al Adha - EID AL ADHA

Bakra Eid 2024, राजस्थान सहित पूरे देश में बकरा ईद की धूम है. प्रदेश के कई जिलों में सोमवार सुबह अकीदत की नमाज अदा की गई. साथ ही देश-प्रदेश में सुख-समृद्धि की कामना की गई.

ईद उल अजहा
ईद उल अजहा (ETV Bharat Alwar)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 17, 2024, 11:12 AM IST

कुचामनसिटी/अलवर/टोंक/मकराना/धौलपुर. पूरे देश में आज अकीदत और अहतराम के साथ ईद उल अजहा त्योहार मनाया गया. इस दौरान ईदगाह में नमाज अदा करने पहुंचे लोगों में जबरदस्त उत्साह नजर आया. लोगों ने विशेष नमाज अदा किया.

डीडवाना में खुशहाली की उम्मीद : इस अवसर पर डीडवाना में पुरानी ईदगाह में शहरकाजी रेहान उस्मानी और नई ईदगाह में नायब शहरकाजी सादिक उसमानी ने मुस्लिम समुदाय के लोगों को ईद उल अजहा की नमाज अदा करवाई. लोगों ने सामूहिक रूप से खुदा की बारगाह में सजदा किया और नमाज के बाद मुल्क में अमन-चैन, भाईचारा और खुशहाली की दुआएं मांगी. एक दूसरे को गले लगाकर ईद की मुबारकबाद दी.

पढ़ें. ईद पर मुंबई की देवनार मंडी में रहती है मेवात के बकरों की मांग, 45 हजार तक मिलती है कीमत

अलवर में लोगों ने की खरीदारी : अलवर शहर के नयाबास स्थित ईदगाह पर सुबह 7:30 बजे ईद की नमाज अदा की गई. ईद की नमाज अदा करने के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक दूसरे को गले लगा कर ईद की मुबारकबाद दी. त्योहार को लेकर बाजार में तैयारियां जोरों पर रही. लोग देर रात तक बाजारों में खरीदारी करते हुए नजर आए.

टोंक में ईद पर मांगी गई अमन-चैन की दुआ : टोंक शहर की ईदगाह पर ईद उल जुहा के अवसर पर हजारों लोगों ने एक साथ नमाज अदा की और देश -दुनिया में अमन चैन की दुआ मांगी. इस अवसर पर मौलवी सईद ने नमाज अदा करवाई उसके बाद नवाब परिवार की ओर से शहर काजी को खिलहत पेश की गई, जो रियासत काल से चली आ रही परम्परा है. नमाज के बाद लोगों ने एक दूसरे को गले लगकर मुबारकबाद दी.

धौलपुर में भी त्योहार का जश्न : धौलपुर की विभिन्न मस्जिदों में सुबह लोगों ने पहुंचकर नमाज अदा की. मस्जिदों में हुई नमाज के बाद मुख्य नमाज जीटी रोड स्थित ईदगाह पर हुई. शहर काजी मतीन खां गौरी के नेतृत्व में नमाज पढ़ने के दौरान लोगों ने देश में अमन-शांति और भाईचारे के लिए दुआ मांगी और एक दूसरे को गले लगाकर ईद उल अजहा की बधाई दी.

पढ़ें. ईद उल अजहा की तैयारियों पर बाजारों में उमड़ी भीड़, सजा बकरा मंडी का बाजार, जमकर हुई खरीदारी

मकराना में अकीदत के साथ मनाया पर्व : मकराना शहर सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों में सोमवार को ईद उल अजहा का पर्व अकीदत के साथ मनाया गया. इस दौरान ईदगाह मैदान सहित शहर की सभी मस्जिदों में ईद उल अजहा की नमाज अदा की गई. आपको बता दें कि ईदगाह मैदान में 6:45 बजे संभल से आए मौलाना मुज्तबा हसन की ओर से ईद उल अजहा की नमाज अदा करवाई गई. इस दौरान उन्होंने तकदीर पेश करते हुए कहा कि इस्लाम हमें इंसानियत का पैगाम देता है. मुसलमान अल्लाह की बंदगी और उसके बंदों की खिदमत करे, तो वो कामयाब हो जाएगा.

क्यों देते हैं कुर्बानी : संरक्षक मेव पंचायत अलवर शेर मोहम्मद ने बताया कि हजरत इब्राहिम के अल्लाह पर विश्वास की याद में ईद का त्योहार मनाया जाता है. यह त्यौहार त्याग व समर्पण के लिए माना जाता है. इस दिन अल्लाह ने इब्राहिम को अपने बेटे की कुर्बानी देने का आदेश दिया था. इब्राहिम ने अल्लाह के आदेश को मानते हुए कुर्बानी देने के लिए आगे बढ़े, यह देखकर अल्लाह बहुत खुश हुए. इसके बाद उन्होंने इब्राहिम को अपने जान से भी प्यारे बेटे की कुर्बानी देने से रोकते हुए एक भेड़ की कुर्बानी देने का आदेश दिया. इसी के चलते मुस्लिम समुदाय के लोग इस दिन कुर्बानी देते हैं. शेर मोहम्मद ने बताया कि इसके बाद से ही सबसे खास चीज की कुर्बानी देने का रिवाज बनाया गया. माना जाता है जो व्यक्ति खास चीज की कुर्बानी देता है, उसे अल्लाह के प्रति और भी एतबार कायम होता है.

कुचामनसिटी/अलवर/टोंक/मकराना/धौलपुर. पूरे देश में आज अकीदत और अहतराम के साथ ईद उल अजहा त्योहार मनाया गया. इस दौरान ईदगाह में नमाज अदा करने पहुंचे लोगों में जबरदस्त उत्साह नजर आया. लोगों ने विशेष नमाज अदा किया.

डीडवाना में खुशहाली की उम्मीद : इस अवसर पर डीडवाना में पुरानी ईदगाह में शहरकाजी रेहान उस्मानी और नई ईदगाह में नायब शहरकाजी सादिक उसमानी ने मुस्लिम समुदाय के लोगों को ईद उल अजहा की नमाज अदा करवाई. लोगों ने सामूहिक रूप से खुदा की बारगाह में सजदा किया और नमाज के बाद मुल्क में अमन-चैन, भाईचारा और खुशहाली की दुआएं मांगी. एक दूसरे को गले लगाकर ईद की मुबारकबाद दी.

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अलवर में लोगों ने की खरीदारी : अलवर शहर के नयाबास स्थित ईदगाह पर सुबह 7:30 बजे ईद की नमाज अदा की गई. ईद की नमाज अदा करने के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक दूसरे को गले लगा कर ईद की मुबारकबाद दी. त्योहार को लेकर बाजार में तैयारियां जोरों पर रही. लोग देर रात तक बाजारों में खरीदारी करते हुए नजर आए.

टोंक में ईद पर मांगी गई अमन-चैन की दुआ : टोंक शहर की ईदगाह पर ईद उल जुहा के अवसर पर हजारों लोगों ने एक साथ नमाज अदा की और देश -दुनिया में अमन चैन की दुआ मांगी. इस अवसर पर मौलवी सईद ने नमाज अदा करवाई उसके बाद नवाब परिवार की ओर से शहर काजी को खिलहत पेश की गई, जो रियासत काल से चली आ रही परम्परा है. नमाज के बाद लोगों ने एक दूसरे को गले लगकर मुबारकबाद दी.

धौलपुर में भी त्योहार का जश्न : धौलपुर की विभिन्न मस्जिदों में सुबह लोगों ने पहुंचकर नमाज अदा की. मस्जिदों में हुई नमाज के बाद मुख्य नमाज जीटी रोड स्थित ईदगाह पर हुई. शहर काजी मतीन खां गौरी के नेतृत्व में नमाज पढ़ने के दौरान लोगों ने देश में अमन-शांति और भाईचारे के लिए दुआ मांगी और एक दूसरे को गले लगाकर ईद उल अजहा की बधाई दी.

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मकराना में अकीदत के साथ मनाया पर्व : मकराना शहर सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों में सोमवार को ईद उल अजहा का पर्व अकीदत के साथ मनाया गया. इस दौरान ईदगाह मैदान सहित शहर की सभी मस्जिदों में ईद उल अजहा की नमाज अदा की गई. आपको बता दें कि ईदगाह मैदान में 6:45 बजे संभल से आए मौलाना मुज्तबा हसन की ओर से ईद उल अजहा की नमाज अदा करवाई गई. इस दौरान उन्होंने तकदीर पेश करते हुए कहा कि इस्लाम हमें इंसानियत का पैगाम देता है. मुसलमान अल्लाह की बंदगी और उसके बंदों की खिदमत करे, तो वो कामयाब हो जाएगा.

क्यों देते हैं कुर्बानी : संरक्षक मेव पंचायत अलवर शेर मोहम्मद ने बताया कि हजरत इब्राहिम के अल्लाह पर विश्वास की याद में ईद का त्योहार मनाया जाता है. यह त्यौहार त्याग व समर्पण के लिए माना जाता है. इस दिन अल्लाह ने इब्राहिम को अपने बेटे की कुर्बानी देने का आदेश दिया था. इब्राहिम ने अल्लाह के आदेश को मानते हुए कुर्बानी देने के लिए आगे बढ़े, यह देखकर अल्लाह बहुत खुश हुए. इसके बाद उन्होंने इब्राहिम को अपने जान से भी प्यारे बेटे की कुर्बानी देने से रोकते हुए एक भेड़ की कुर्बानी देने का आदेश दिया. इसी के चलते मुस्लिम समुदाय के लोग इस दिन कुर्बानी देते हैं. शेर मोहम्मद ने बताया कि इसके बाद से ही सबसे खास चीज की कुर्बानी देने का रिवाज बनाया गया. माना जाता है जो व्यक्ति खास चीज की कुर्बानी देता है, उसे अल्लाह के प्रति और भी एतबार कायम होता है.

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