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4000 करोड़ के जीएसटी घोटाले के अभियुक्त की जमानत नामंजूर - bail of accused rejected high court

4000 करोड़ के जीएसटी घोटाले के अभियुक्त की जमानत हाईकोर्ट ने नामंजूर कर दी है. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 12, 2024, 1:16 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 4000 करोड़ से अधिक जीएसटी फ्रॉड में शामिल अभियुक्त अंशुल गोयल की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है. राष्ट्रीय स्तर पर किए गए इस घोटाले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने याची को कोई भी राहत दिए जाने के योग्य नहीं पाया. आरोपी अंशुल गोयल की याचिका पर न्यायमूर्ति समित गोपाल ने सुनवाई की.

मामले के अनुसार एक वेब न्यूज़ पोर्टल के संपादक सौरभ द्विवेदी ने नोएडा के सेक्टर 20 थाने में प्राथमिक की दर्ज कराई कि उनकी फर्जी आईडी इस्तेमाल कर बिना उनकी अनुमति के पंजाब और महाराष्ट्र में जीएसटी फर्मो का पंजीकरण कराया गया. उन्होंने इसका मुकदमा दर्ज कर जांच किए जाने की मांग की. पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एसआईटी गठित कर मामले की जांच शुरू की तो राष्ट्रीय स्तर पर किए जा रहे फ्रॉड का मामला सामने आया.

अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कोर्ट को बताया कि अभियुक्त गण फर्जी जीएसटी फर्म का रजिस्ट्रेशन करा कर इनपुट टैक्स क्रेडिट हासिल करके सरकार को हजारों करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंच चुके हैं.अब तक की जांच में उनके द्वारा 4000 करोड़ के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट का मामला सामने आया है जबकि 2,645 हजार करोड़ रुपए से अधिक का सरकार के खजाने को नुकसान पहुंचाया जा चुका है. जांच अभी चल रही है इस मामले में कई अभियुक्त सामने आए हैं जिनके बयान के आधार पर याची का नाम सामने आया.उसे गैर जमानती वारंट जारी किया गया है मगर वह फरार चल रहा है तथा जांच में सहयोग नहीं कर रहा है.

दूसरी तरफ याची अंशुल गोयल के अधिवक्ता का कहना था कि वह प्राथमिकी में नामजद नहीं है तथा उसका इस घटना में कोई हाथ नहीं है उसे फर्जी तरीके से फंसाया गया है. उसके खिलाफ कोई प्रमाण नहीं मिला है. कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 4000 करोड़ से अधिक जीएसटी फ्रॉड में शामिल अभियुक्त अंशुल गोयल की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है. राष्ट्रीय स्तर पर किए गए इस घोटाले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने याची को कोई भी राहत दिए जाने के योग्य नहीं पाया. आरोपी अंशुल गोयल की याचिका पर न्यायमूर्ति समित गोपाल ने सुनवाई की.

मामले के अनुसार एक वेब न्यूज़ पोर्टल के संपादक सौरभ द्विवेदी ने नोएडा के सेक्टर 20 थाने में प्राथमिक की दर्ज कराई कि उनकी फर्जी आईडी इस्तेमाल कर बिना उनकी अनुमति के पंजाब और महाराष्ट्र में जीएसटी फर्मो का पंजीकरण कराया गया. उन्होंने इसका मुकदमा दर्ज कर जांच किए जाने की मांग की. पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एसआईटी गठित कर मामले की जांच शुरू की तो राष्ट्रीय स्तर पर किए जा रहे फ्रॉड का मामला सामने आया.

अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कोर्ट को बताया कि अभियुक्त गण फर्जी जीएसटी फर्म का रजिस्ट्रेशन करा कर इनपुट टैक्स क्रेडिट हासिल करके सरकार को हजारों करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंच चुके हैं.अब तक की जांच में उनके द्वारा 4000 करोड़ के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट का मामला सामने आया है जबकि 2,645 हजार करोड़ रुपए से अधिक का सरकार के खजाने को नुकसान पहुंचाया जा चुका है. जांच अभी चल रही है इस मामले में कई अभियुक्त सामने आए हैं जिनके बयान के आधार पर याची का नाम सामने आया.उसे गैर जमानती वारंट जारी किया गया है मगर वह फरार चल रहा है तथा जांच में सहयोग नहीं कर रहा है.

दूसरी तरफ याची अंशुल गोयल के अधिवक्ता का कहना था कि वह प्राथमिकी में नामजद नहीं है तथा उसका इस घटना में कोई हाथ नहीं है उसे फर्जी तरीके से फंसाया गया है. उसके खिलाफ कोई प्रमाण नहीं मिला है. कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है.

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