लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बहराइच में दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई, हिंसा के बाद आरोपियों के मकानों पर हुई बुलडोजर कार्रवाई और ध्वस्तीकरण के नोटिसों को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में सुनवाई होगी. न्यायमूर्ति ए.आर मसूदी और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ के सामने एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स संस्था की जनहित याचिका 27 नवंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है.
राज्य सरकार के मुख्य स्थायी अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार सिंह के मुताबिक, कोर्ट द्वारा राज्य सरकार को अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया था. सरकार ने कोर्ट के समक्ष, अपना जवाब दाखिल कर दिया है. इसके अलावा याची एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स संस्था ने भी इसका प्रतिउत्तर दाखिल कर दिया है. फिलहाल आज तक ध्वस्तीकरण नोटिस मामले में बहराइच के महाराजगंज बाजार के अतिक्रमणकर्ताओं को राहत मिली हुई थी.
पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने किए थे सवाल : पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मौखिक रूप में पूछा था कि क्या नोटिस जारी करने से पहले, किसी भी विभाग द्वारा वहां का सर्वे किया गया था? क्या जिन्हें नोटिस भेजी गई हैं, वे निर्मित परिसरों के स्वामी है या नहीं? महराजगंज बाजार की जिस सड़क पर बने निर्माणों को ध्वस्त की नोटिस जारी हुई, क्या पूरा निर्माण या उसका कोई हिस्सा अवैध निर्माण था या नहीं? हाईकोर्ट ने इन सवालों के जवाब मिलने तक ध्वस्तीकरण पर रोक लगाई हुई थी.
बता दें कि बहराइच के महाराजगंज में 13 अक्टूबर को दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई. हिंसा के बाद रामगोपाल मिश्रा की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. इसके बाद वहां के कथित अतिक्रमणकर्ताओं के निर्माणों को ध्वस्त करने की नोटिसें जारी की गई थीं.
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