बहराइच: महसी-महाराजगंज में हिंसा और युवक राम गोपाल मिश्रा की हत्या के बाद आरोपियों पर बुलडोजर कार्रवाई की तैयारी की गई थी. इसमें 19 अक्टूबर को मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद सहित 23 के मकानों पर नोटिस चस्पा किया गया था. साथ ही तीन दिन में जवाब मांगा गया था. अब हाईकोर्ट ने बुलडोजर की कार्रवाई पर रोक लगा दी है. फिलहाल यह रोक 15 दिन तक रहेगी.
बता दें कि महसी-महाराजगंज में हिंसा और युवक राम गोपाल मिश्रा की हत्या के बाद लोक निर्माण विभाग ने मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद सहित 23 के मकान पर नोटिस चिपका किए हैं. इसके बाद शनिवार को लोगों ने खुद ही मकान खाली करने शुरू कर दिए.
नोटिस में लिखा गया था कि 3 दिन में जवाब नहीं दिया गया तो पूरे घर को ध्वस्त कर दिया जाएगा. जिन घरों पर नोटिस चिपकाए गए हैं वो ज्यादातर हिंसा में शामिल आरोपियों के ही बताए जा रहे हैं. पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड की टीम ने महाराजगंज हिंसा में नामजद आरोपी अब्दुल हमीद सहित करीब 23 घरों की नापजोख की है. उनके अवैध होने व अतिक्रमण हटाने का नोटिस भी चिपकाई गई है.
सूत्रों के अनुसार औपचारिकताएं पूरी कर शीघ्र इन पर बुलडोजर की कार्रवाई की जानी थी. सबसे पहले कार्रवाई अब्दुल हमीद के घर पर होनी थी. ग्रामीणों ने जो अधिकारी नाप जोख करने आए थे, उनका कहना था कि सड़क किनारे बने अब्दुल हमीद सहित काफी सारे मकान इस तरह अवैध बने हैं कि उनके कारण कभी भी कोई दुर्घटना हो सकती हैं. इन मकानों को गिराने की बात भी की जा रही थी.
अब्दुल हमीद वही नामजद आरोपी है जिसके घर पर राम गोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या की गई थी. महसी तहसील के महाराजगंज हिंसा के बाद गोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में अब महसी तहसीलदार रविकांत द्विवेदी को बहराइच डीएम ऑफिस में संबद्ध कर दिया गया है.
अब इस मामले में कोर्ट ने बुलडोजर की कार्रवाई पर अगले 15र दिनों तक रोक लगा दी है. इससे आरोपियों को फिलहाल राहत मिल गई है.
रामपुर सांसद ने बहराइच की घटना को बताया प्रशासन की नाकामी
रामपुर: समाजवादी पार्टी के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी रविवार को रामपुर पहुंचे जहां उन्होंने बहराइच हिंसा पर कहा कि, प्रशासन ने अगर पहले एक्शन ले लिया होता तो इतनी बड़ी दर्दनाक घटना नहीं होती. ये घटना पूरी तरह से एडमिनिस्ट्रेशन का फेलियर है. हमारे बीच हिंदू और मुसलमान में कोई फर्क नहीं है, हमारे लिए सब बराबर हैं.