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डिस्कस थ्रो इवेंट में बहादुरगढ़ के योगेश ने जीता सिल्वर मेडल, परिजन बोले- ढोल नगाड़ों के साथ करेंगे स्वागत - Paris Paralympics 2024 - PARIS PARALYMPICS 2024

Yogesh Kathunia Silver Medal Paris Paralympics 2024: हरियाणा के खिलाड़ी योगेश कथूनिया ने पेरिस पैरा ओलंपिक के डिस्कस थ्रो इवेंट में सिल्वर मेडल जीता है. योगेश की जीत से उनके गांव में खुशियों का माहौल है.

Yogesh Kathunia Silver Medal Paris Paralympics 2024
Yogesh Kathunia Silver Medal Paris Paralympics 2024 (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Sep 3, 2024, 6:39 PM IST

डिस्कस थ्रो इवेंट में बहादुरगढ़ के योगेश ने जीता सिल्वर मेडल (Etv Bharat)

बहादुरगढ़: हरियाणा के खिलाड़ी योगेश कथूनिया ने पेरिस पैरा ओलंपिक खेलों में सिल्वर मेडल जीत कर देश का नाम रोशन किया है. योगेश की जीत से उनके जिले बहादुरगढ़ में खुशी का माहौल है. योगेश कथूनिया के घर पर ढोल नगाड़े बजाए जा रहे हैं और परिजन खुशी से झूम रहे हैं. योगेश कथूनिया ने पैरा ओलंपिक खेलों के डिस्कस थ्रो इवेंट में लगातार दूसरी बार सिल्वर पदक हासिल किया है.

योगेश कथूनिया ने डिस्कस थ्रो में जीता सिल्वर मेडल: इससे पहले योगेश कथूनिया ने टोक्यो पैरालंपिक गेम्स में भी सिल्वर पदक हासिल किया था. योगेश ने 42.22 मीटर दूरी के साथ सिल्वर मेडल हासिल किया है. योगेश के परिजनों का कहना है कि वो पैरा ओलंपिक गेम्स में जाने से पहले अपने पदक का रंग बदलने का वादा करके गया था, लेकिन अब योगेश ने सिल्वर मेडल जीता है. इस पर भी परिजनों को बेहद खुशी है.

पैरा ओलंपिक में लगातार दूसरी बार जीता सिल्वर: बता दें कि योगेश कथूनिया को 2006 में पैरालिसिस हो गया था. इसके बाद घर वालों ने योगेश के वापस उठ खड़े होने की उम्मीद छोड़ दी थी. मगर योगेश ने हिम्मत नहीं हारी और व्हीलचेयर पर रहते हुए भी पूरे हौसले के साथ 2016 में खेलना शुरू किया. इसी का नतीजा है कि योगेश कथूनिया ने लगातार दूसरी बार पैरा ओलंपिक खेलों में सिल्वर मेडल हासिल किया है.

गोल्ड मेडल नहीं जीतने का मलाल: योगेश कथूनिया के दादा और पिता सेना में रहकर देश सेवा कर चुके हैं और योगेश पदक पर पदक जीतकर देश का नाम विदेश में रोशन कर रहा है. योगेश की माता मीना देवी का कहना है कि योगेश कथूनिया ने अपने सिल्वर मेडल का रंग बदलने का वायदा किया था, लेकिन उनका बेटा व्हीलचेयर पर बैठकर भी सिल्वर मेडल हासिल कर रहा है. इससे भी उन्हें संतोष है.

ढोल नगाड़ों से योगेश का स्वागत: मीना देवी को उम्मीद है कि उनका बेटा एक दिन पैरा ओलंपिक गेम्स में जरूर स्वर्ण पदक हासिल करेगा. पिता कैप्टन ज्ञानचंद को भी अपने बेटे पर फक्र है. योगेश की बहन पूजा का कहना है कि योगेश कथूनिया बहुत मेहनती है और सीधे -साधे स्वभाव का है. वो सरल तरीके से अपना जीवन व्यतीत कर रहा है और खेलों में उसे हिस्सा लेना बेहद पसंद है. प्रक्टिस के चलते योगेश एक डेढ़ साल से घर नहीं आया है.

9 सितंबर को दिल्ली पहुंचेंगे योगेश: बहन पूजा का कहना है कि जब उसका भाई वापस घर लौटेगा, तो उसका जोरदार स्वागत किया जाएगा. उन्होंने बताया कि 9 सितंबर को योगेश कथूनिया दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचेंगे. जहां से उसका स्वागत शुरू होगा और बहादुरगढ़ में भी परिजन योगेश का एक रोड शो निकलेंगे.

ये भी पढ़ें- हरियाणवी छोरे का कमाल, पैरालंपिक रिकॉर्ड के साथ सुमित अंतिल ने जीता गोल्ड, टूटे सपनों के बाद भी आसमान छूने की ख्वाईश को किया पूरा - sumit antil won gold

ये भी पढ़ें- पैरालंपिक में हरियाणा के छोरे का जलवा, स्वर्ण जीतकर रचा इतिहास, मेडलिस्ट के घर और स्टेडियम में जश्न, जानें संघर्ष की कहानी - Gold Winner Nitesh Kumar

डिस्कस थ्रो इवेंट में बहादुरगढ़ के योगेश ने जीता सिल्वर मेडल (Etv Bharat)

बहादुरगढ़: हरियाणा के खिलाड़ी योगेश कथूनिया ने पेरिस पैरा ओलंपिक खेलों में सिल्वर मेडल जीत कर देश का नाम रोशन किया है. योगेश की जीत से उनके जिले बहादुरगढ़ में खुशी का माहौल है. योगेश कथूनिया के घर पर ढोल नगाड़े बजाए जा रहे हैं और परिजन खुशी से झूम रहे हैं. योगेश कथूनिया ने पैरा ओलंपिक खेलों के डिस्कस थ्रो इवेंट में लगातार दूसरी बार सिल्वर पदक हासिल किया है.

योगेश कथूनिया ने डिस्कस थ्रो में जीता सिल्वर मेडल: इससे पहले योगेश कथूनिया ने टोक्यो पैरालंपिक गेम्स में भी सिल्वर पदक हासिल किया था. योगेश ने 42.22 मीटर दूरी के साथ सिल्वर मेडल हासिल किया है. योगेश के परिजनों का कहना है कि वो पैरा ओलंपिक गेम्स में जाने से पहले अपने पदक का रंग बदलने का वादा करके गया था, लेकिन अब योगेश ने सिल्वर मेडल जीता है. इस पर भी परिजनों को बेहद खुशी है.

पैरा ओलंपिक में लगातार दूसरी बार जीता सिल्वर: बता दें कि योगेश कथूनिया को 2006 में पैरालिसिस हो गया था. इसके बाद घर वालों ने योगेश के वापस उठ खड़े होने की उम्मीद छोड़ दी थी. मगर योगेश ने हिम्मत नहीं हारी और व्हीलचेयर पर रहते हुए भी पूरे हौसले के साथ 2016 में खेलना शुरू किया. इसी का नतीजा है कि योगेश कथूनिया ने लगातार दूसरी बार पैरा ओलंपिक खेलों में सिल्वर मेडल हासिल किया है.

गोल्ड मेडल नहीं जीतने का मलाल: योगेश कथूनिया के दादा और पिता सेना में रहकर देश सेवा कर चुके हैं और योगेश पदक पर पदक जीतकर देश का नाम विदेश में रोशन कर रहा है. योगेश की माता मीना देवी का कहना है कि योगेश कथूनिया ने अपने सिल्वर मेडल का रंग बदलने का वायदा किया था, लेकिन उनका बेटा व्हीलचेयर पर बैठकर भी सिल्वर मेडल हासिल कर रहा है. इससे भी उन्हें संतोष है.

ढोल नगाड़ों से योगेश का स्वागत: मीना देवी को उम्मीद है कि उनका बेटा एक दिन पैरा ओलंपिक गेम्स में जरूर स्वर्ण पदक हासिल करेगा. पिता कैप्टन ज्ञानचंद को भी अपने बेटे पर फक्र है. योगेश की बहन पूजा का कहना है कि योगेश कथूनिया बहुत मेहनती है और सीधे -साधे स्वभाव का है. वो सरल तरीके से अपना जीवन व्यतीत कर रहा है और खेलों में उसे हिस्सा लेना बेहद पसंद है. प्रक्टिस के चलते योगेश एक डेढ़ साल से घर नहीं आया है.

9 सितंबर को दिल्ली पहुंचेंगे योगेश: बहन पूजा का कहना है कि जब उसका भाई वापस घर लौटेगा, तो उसका जोरदार स्वागत किया जाएगा. उन्होंने बताया कि 9 सितंबर को योगेश कथूनिया दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचेंगे. जहां से उसका स्वागत शुरू होगा और बहादुरगढ़ में भी परिजन योगेश का एक रोड शो निकलेंगे.

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