बगहा: बिहार के बगहा जिले के सरकारी स्कूल की हालत हर किसी को हैरान कर रही है. जहां इन्फ्रास्ट्रक्चर के अभाव में पूरी बरसात के महीने में चार महीने स्कूल में ताला लटक जाता है और दूसरे स्कूल से टैग कर दिया जाता है. हम बात कर रहे हैं शंकर प्रसाद यादव राजकीय प्राथमिक विद्यालय भतौड़ा की. इतना ही नहीं चार माह तक पांच कक्षाओं का संचालन सिर्फ एक कमरे में किया जाता है. लिहाजा दो वर्ग का संचालन या तो बरामदे में होता है या बच्चे पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ाई करते हैं.
बरसात में चार महीने लटका रहता है ताला: बगहा के महीपुर भतौड़ा गांव में वर्ष 2007 में शंकर प्रसाद यादव राजकीय प्राथमिक विद्यालय की स्थापना हुई. 17 वर्ष बीत जाने के बावजूद इस विद्यालय में जाने के लिए पक्की सड़क का निर्माण नहीं हुआ. मुख्य मार्ग से तकरीबन डेढ़ किमी दूर अवस्थित इस विद्यालय के बगल में चार सरकारी भवन हैं. जिसमें इस स्कूल समेत उप स्वास्थ्य केंद्र, पंचायत भवन, आंगनवाड़ी केंद्र शामिल है. बारिश के दिनों में आने जाने वाले रास्ते में पानी जम जाता है. इस वजह से चार महीने तक ताला लग जाता है और कोई भी कार्य नहीं होता.
"बरसात के दिनों में इस राजकीय प्राथमिक विद्यालय भतौड़ा को मेरे विद्यालय से टैग किया गया है. कच्ची सड़क होने की वजह से बरसात में जलजमाव हो जाता है. यहीं नहीं एक एक कमरा में दो से तीन कक्षाओं का संचालन होता है. इसके अलावा सबसे बड़ी समस्या विद्यालय से ठीक सटा एक पोखर है जो बच्चों के लिए कत्तई सुरक्षित नहीं है.चहारदीवारी के लिए बार बार डिमांड करने पर भी कोई सुधि नहीं ले रहा है." -राजेश पासवान, प्रधान शिक्षक, उर्दू
एक कमरे में होती तीन क्लास: प्रधान शिक्षिका शकुंतला चंदन ने बताया कि विद्यालय को उर्दू विद्यालय से टैग कर दिया गया है. विभाग द्वारा आदेश प्राप्त है कि जब बारिश खत्म हो जाए तब स्वतः आप अपने विद्यालय का संचालन अपने भवन में शुरू कर देंगी. यहां इस विद्यालय में हमें एक कमरा मुहैया कराया गया है. जहां एक कमरे में हमलोग तीन कक्षाओं का संचालन कर रहे हैं. बाकी के दो क्लास के बच्चों को बरामदा या बाहर बैठाया जाता है.
"बारिश में रास्ता इतना खराब हो गया है. बच्चों की बात छोड़िए बड़े बुजुर्गों का भी आने जाने में रिस्क रहता है. जब तक बारिश का मौसम खत्म नहीं होता है तब तक हमारा विद्यालय राजकीय प्राथमिक विद्यालय भतौड़ा उर्दू में हीं टैग कर चलाया जाएगा." -लव कुश कुमार, सहायक शिक्षक
बारिश में गड्ढे में तब्दील हो जाता रास्ता: ग्रामीण बताते हैं की शुरू शुरू में इस कच्ची सड़क पर आवागमन में ज्यादा परेशानी नहीं होती थी, लेकिन इन भवनों के चारों तरफ गन्ना की खेती बड़े पैमाने पर होती है. लिहाजा गन्ना के सीजन में बैल गाड़ी और ट्रैक्टर आने जाने से सड़क पर बड़े बड़े गड्ढे बन गए और वर्तमान समय में रास्ता पूरी तरह गड्ढे में तब्दील हो गया है. ऐसे में जब बारिश होती है तो खेतों से इसी रास्ते पानी का तेज बहाव होता है और कच्ची सड़क तालाब बन जाती है.
"बच्चों को पढ़ने के लिए विद्यालय भेजते हैं ना की डूबने के लिए. इसीलिए विद्यालय को ढ़ाई किलोमीटर दूर दूसरे विद्यालय से टैग किया गया है. पंचायत भवन, उप स्वास्थ्य केंद्र और आंगनवाड़ी केंद्रों को भी चार महीने के लिए बंद कर दिया जाता है. कई बार जनप्रतिनिधियों समेत अधिकारियों से ध्यान आकृष्ट कराया गया लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई."- बच्चा यादव,अभिभावक
विद्यालय के पास नहीं है प्ले ग्राउंड: विद्यालय में सबसे बड़ी समस्या भूमि की है. विद्यालय के पास जमीन कम होने के कारण प्ले ग्राउंड नहीं है. जिस वजह से बच्चों की चेतना सभा में बहुत समस्या आती है. बरामदे में या बगल के बगीचे में प्रार्थना सभा होती है. विद्यालय दो पार्ट में बंटा हुआ है. एक पुराना बिल्डिंग है जहां आंगनबाड़ी केंद्र संचालित होता है. करीब 100 मीटर दूर पुराने भवन में बच्चों को ले जाकर मिड डे मिल दिया जाता है. नये भवन में चार कमरे हैं. जिसमें दो विद्यालयों का संचालन हो रहा है.
"शंकर प्रसाद यादव राजकीय प्राथमिक विद्यालय भतौड़ा चारों तरफ से खेत के बीच में है और वहां आने जाने का रास्ता खराब है. वरीय अधिकारियों का आदेश आया था कि जिस विद्यालय में आवाजाही में परेशानी होती है उसको नजदीक के किसी विद्यालय से टैग कर दिया जाए. लिहाजा इस विद्यालय को उर्दू विद्यालय से टैग किया गया है. जहां तक बात चहारदीवारी की है."-पूनम कुमारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी
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