नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली के न्यू बॉर्न चाइल्ड बेबी केयर सेंटर में आग लगने की घटना के बाद नवजात बच्चों के परिजन उनकी तलाश में कभी जीटीबी अस्पताल तो कभी ईस्ट दिल्ली एडवांस एनआईसीयू सेंटर में भटक रहे हैं. 5 बच्चों का इलाज चल रहा है जिनके पेरेंट्स उनकी छुट्टी होने का इंतजार कर रहे हैं. जबकि कुछ ऐसे भी माता-पिता हैं, जिनको अभी तक उनके बच्चों के बारे में पता नहीं चला है. साथ ही उन्हें अस्पताल के अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है. बाहर पुलिस तैनात है. उनसे बच्चों की डिटेल मांगी जा रही है. उसके बाद ही उन्हें अंदर जाने देने की बात कही जा रही है.
ईस्ट दिल्ली एडवांस एनआईसीयू सेंटर के बाहर मौजूद एक बच्चे के परिजन दिनेश कुमार ने बताया कि उनका भतीजा 20 तारीख को पैदा हुआ था. दिलशाद गार्डन स्थित मंगलम अस्पताल में डिलीवरी हुई थी. डॉक्टर ने बताया कि बच्चे का जन्म समय से पहले हो गया है. इसलिए इसको एनआईसीयू में रखना जरूरी है. मंगलम अस्पताल से उसे विवेक विहार स्थित न्यू बॉर्न चाइल्ड बेबी केयर सेंटर में भर्ती करने की सलाह दी गई है. वहां, बच्चे को 20 मई को भर्ती कराया गया था. वहां पर 6000 रूपये रोज बेड का खर्चा था. इसके अलावा तीन से 4000 रूपए के रोज टेस्ट कराए जाते थे. वहीं, 24 घंटे में 10 मिनट के लिए एक बार ही बच्चे से मिलने दिया जाता था.
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दिनेश कुमार ने बताया की सुबह 9:00 बजे जब वह बेबी केयर सेंटर के बाहर से गुजर रहे थे तो उन्होंने वहां भीड़ लगी देखी. उन्होंने अपने भाई को फोन करके पूछा कि अपना बच्चा यहां पर भर्ती था. आप उसको ले गए या नहीं. तब उनके भाई ने बताया कि नहीं अभी उसकी छुट्टी नहीं हुई है. आग लगने के बारे में बताया तो उनके भाई दौड़कर बेबी केयर सेंटर पर आए. यहां उन्हें बताया गया कि बच्चों को विवेक विहार में ही ईस्ट दिल्ली एडवांस एनआईसीयू में भर्ती कर दिया गया है. यह सेंटर डॉक्टर रामजी भारद्वाज द्वारा संचालित है. यहां पर न्यू बोर्न बच्चों को एनआईसीयू की सुविधा दी जाती है.
दिनेश कुमार के भाई मधु राजकुमार अभी सेंटर के अंदर ही हैं. उन्होंने बताया बच्चा ठीक है. बेबी केयर सेंटर से आज बच्चे की छुट्टी होने वाली थी. लेकिन, अब घटना के बाद दूसरे सेंटर में जहां अभी बच्चा भर्ती है यहां के डॉक्टर ही बताएंगे कि बच्चे की कब छुट्टी होगी. वहीं जिन 7 बच्चों की मौत हुई है उनको ज़ीटीबी अस्पताल में रखा गया है. बेबी केयर सेंटर के मालिक डॉक्टर नवीन के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और उसकी तलाश जारी है. डॉक्टर अभी फरार है.
वहीं, एक अन्य बच्चे के परिजन राज ने बताया कि 24 मई को गाजियाबाद के राधा कुंज के एक केंद्र पर उनकी पत्नी की डिलीवरी हुई थी. वहां बच्चे को सांस लेने में दिक्कत और तेज बुखार बताया गया था. जिसके बाद बच्चे को विवेक विहार स्थित न्यू बोर्न चाइल्ड बेबी केयर सेंटर में भर्ती करने की सलाह दी गई थी. एक अन्य 17 दिन की बच्ची की बुआ विनीता भी अपनी भतीजी की तलाश में इस दिल्ली एडवांस निक सेंटर पहुंची. उन्होंने बताया कि बच्ची को उन्होंने दिखा दिया गया है लेकिन अस्पताल वाले कह रहे हैं कि अभी बच्ची के पिता का ब्लड लेकर ब्लड टेस्ट करेंगे उसके बाद ही कंफर्म होने पर बच्चों को देंगे.
विनीता ने बताया कि वह गाजियाबाद के कड़कड़ मॉडल में रहती हैं. वहां से बच्ची को 2 दिन पहले ही रेफर किया गया, तब यहां भर्ती कराया था. बच्ची ठीक थी. उसे हल्का फीवर था. उन्होंने अस्पताल पर यह भी आरोप लगाया कि घटना के बाद अस्पताल की तरफ से उन्हें कोई भी जानकारी नहीं दी गई. उन्हें सुबह 11 बजे पता चला है तो वह भाग कर बेबी केयर सेंटर पहुंची. वहां से उन्हें जीटीबी अस्पताल जाने के लिए कहा गया. ज़ीटीबी पहुंची तो वहां भी बच्ची के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई. उन्हें ईस्ट दिल्ली एडवांस एनआईसीयू सेंटर भेज दिया गया. वह 2 घंटे से अस्पतालों के चक्कर काट रही हैं.
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