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हेमंत सोरेन को खुद अपने विधायक पर भरोसा नहीं- बाबूलाल मरांडी - Champai Soren displeasure

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 19, 2024, 3:58 PM IST

Babulal Marandi blamed Hemant Soren for Champai Soren displeasure. चंपाई सोरेन की नाराजगी और झारखंड मुक्ति मोर्चा के अंदरूनी कलह के लिए बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन को ही जिम्मेदार ठहराया है. रांची में मीडिया के साथ बात करते हुए उन्होंने हेमंत सोरेन को लेकर कई बातें कही हैं.

Babulal Marandi blamed Hemant Soren for Champai Soren displeasure and internal strife in JMM
डिजाइन इमेज (Etv Bharat)

रांचीः पूर्व मुख्यमंत्री और जेएमएम उपाध्यक्ष चंपाई सोरेन की नाराजगी ने झारखंड की सियासत को गर्म कर रखा है. चंपाई के बीजेपी में शामिल होने की चर्चा के बीच बाबूलाल मरांडी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के अंदरूनी कलह के लिए हेमंत सोरेन को जिम्मेदार ठहराया है.

बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन पर निशाना साधा (ETV Bharat)

रांची में मीडिया कर्मियों से बात करते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हम लोगों कि ना तो उनकी पार्टी को तोड़ने की इच्छा है और ना ही परिवार को तोड़ने की बात है. इनके लोग खुद दुखी हैं. हेमंत सोरेन को उनके अपने लोगों पर भरोसा और विश्वास नहीं है. झारखंड में उनकी सरकार थी और जिस तरह से विधायकों को हैदराबाद, रायपुर और फिर रांची के होटल में रखा गया और जब विधानसभा आहूत होता है तो उन्हें लाया जाता है. यह क्या दर्शाता है कि उनको अपने विधायकों पर भरोसा नहीं है.

बाबूलाल मरांडी ने आगे कहा कि आखिर यह स्थिति क्यों पैदा हुई इसके पीछे वजह यह है कि जब कोई सरकार बनती है तो मुख्यमंत्री के साथ दो-तीन सलाहकार होते हैं जो राजनीति के क्षेत्र के होते हैं मगर हेमंत सोरेन के साथ कोई भी राजनीतिज्ञ नहीं हैं. अमित अग्रवाल प्रेम प्रकाश पंकज मिश्रा जैसे लोग उनके करीब हैं जो झारखंड के हर गलियारे में लोग जानते हैं कि यह लोग सत्ता के दलाल हैं कोई कोयला के तो कोई बालू के तो कोई दारू के जब कोई इस तरह के लोग सत्ता का संचालन करने लगेगा तो स्वाभाविक रूप से विधायक दुखी होंगे. आज जो विधायक नाराज हैं वह उनसे दुखी हैं ऐसे में यदि उनका कोई ठिकाना मिल जाता है तो छोड़ देता है लोग.

जेएमएम में सबकुछ ठीकठाक नहीं- बाबूलाल

चंपाई सोरेन ने जिस तरह से नाराजगी जताई है उसे साफ लग रहा है कि झामुमो में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है. चंपाई सोरेन के साथ हमारी संवेदना है चंपाई सोरेन आंदोलनकारी रहे हैं उनके साथ ऐसा अन्याय नहीं होना चाहिए था. हमारी उनके साथ सहानुभूति है यह हमारी सहानुभूति नहीं बल्कि झारखंड की जनता की सहानुभूति है.

इसे भी पढ़ें- कोल्हान के टाइगर चंपाई सोरेन को किसके कहने पर किया गया अपमानित, उधर से कौन दे रहा था आदेश? सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ - Who was insulting Champai Soren

इसे भी पढ़ें- चंपाई सोरेन के दर्द पर भाजपा का मरहम, कहा- मन की पीड़ा होती है सबसे बड़ी पीड़ा, कांग्रेस ने दी घर की बात घर में रखने की सलाह - Champai Soren post

इसे भी पढ़ें- चंपाई सोरेन की जुबां पर आ गई दिल की बात, बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाए तो एक्स पर लिख डाला - Champai Soren letter on X

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बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन पर निशाना साधा (ETV Bharat)

रांची में मीडिया कर्मियों से बात करते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हम लोगों कि ना तो उनकी पार्टी को तोड़ने की इच्छा है और ना ही परिवार को तोड़ने की बात है. इनके लोग खुद दुखी हैं. हेमंत सोरेन को उनके अपने लोगों पर भरोसा और विश्वास नहीं है. झारखंड में उनकी सरकार थी और जिस तरह से विधायकों को हैदराबाद, रायपुर और फिर रांची के होटल में रखा गया और जब विधानसभा आहूत होता है तो उन्हें लाया जाता है. यह क्या दर्शाता है कि उनको अपने विधायकों पर भरोसा नहीं है.

बाबूलाल मरांडी ने आगे कहा कि आखिर यह स्थिति क्यों पैदा हुई इसके पीछे वजह यह है कि जब कोई सरकार बनती है तो मुख्यमंत्री के साथ दो-तीन सलाहकार होते हैं जो राजनीति के क्षेत्र के होते हैं मगर हेमंत सोरेन के साथ कोई भी राजनीतिज्ञ नहीं हैं. अमित अग्रवाल प्रेम प्रकाश पंकज मिश्रा जैसे लोग उनके करीब हैं जो झारखंड के हर गलियारे में लोग जानते हैं कि यह लोग सत्ता के दलाल हैं कोई कोयला के तो कोई बालू के तो कोई दारू के जब कोई इस तरह के लोग सत्ता का संचालन करने लगेगा तो स्वाभाविक रूप से विधायक दुखी होंगे. आज जो विधायक नाराज हैं वह उनसे दुखी हैं ऐसे में यदि उनका कोई ठिकाना मिल जाता है तो छोड़ देता है लोग.

जेएमएम में सबकुछ ठीकठाक नहीं- बाबूलाल

चंपाई सोरेन ने जिस तरह से नाराजगी जताई है उसे साफ लग रहा है कि झामुमो में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है. चंपाई सोरेन के साथ हमारी संवेदना है चंपाई सोरेन आंदोलनकारी रहे हैं उनके साथ ऐसा अन्याय नहीं होना चाहिए था. हमारी उनके साथ सहानुभूति है यह हमारी सहानुभूति नहीं बल्कि झारखंड की जनता की सहानुभूति है.

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