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नाबालिग भाइयों से कुकर्म करने वाले बाबा करतारनाथ को 20 साल की सजा - पॉक्सो अदालत ने सुनाई सजा

जयपुर की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने नाबालिग भाईयों के साथ बदसलूकी करने वाले बाबा करतारनाथ को 20 साल की सजा सुनाई है. साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर अर्थदंड भी लगाया है.

पॉक्सो अदालत ने सुनाई सजा
पॉक्सो अदालत ने सुनाई सजा
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 8, 2024, 8:49 PM IST

जयपुर. जिले की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने नाबालिग भाइयों के साथ कई बार कुकर्म करने वाले बाबा करतारनाथ को बीस साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने अदालत को बताया की 20 जून, 2020 को पीड़ितों के पिता ने विराटनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया की करतारनाथ आश्रम चलाता है और वह उसका अनुयायी था. कोरोना के समय लॉकडाउन के चलते उसका बेटा आवासीय स्कूल से घर आया हुआ था. करतारनाथ ने एक जून को घर आकर बेटे को पढ़ाने का कहकर साथ ले गया. वहीं कुछ दिनों बाद वह अपने छोटे बेटे के साथ बाबा के आश्रम गया तो उसे छोटे बेटे को भी वहां छोड़ने को कहा.

पढ़ें: पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में दो भाइयों को सुनाई 20 साल की सजा

रिपोर्ट में कहा गया की कुछ दिनों बाद बाबा दोनों बच्चों को मिलवाने के लिया लाया, लेकिन बाद में बच्चों ने वापस आश्रम जाने से मना कर दिया. परिजनों से बातचीत के दौरान 19 जून को बच्चों ने बताया की अभियुक्त उनके साथ कई बार कुकर्म कर चुका है और इसकी जानकारी देने पर मारने की धमकी देता है. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. सुनवाई के दौरान दोनों पीड़ितों ने अदालत को अपनी आपबीती सुनाई. वहीं अभियुक्त की ओर से कहा गया की प्रकरण में उसे रंजिश के कारण फंसाया गया है. इसके अलावा प्रकरण में स्वतंत्र गवाह भी नहीं है इसलिए उसे दोषमुक्त किया जाए. दोनों पक्षों की बहस सुनने और डीएनए रिपोर्ट के आधार पर अदालत ने अभियुक्त को सजा और जुर्माने से दंडित किया है.

जयपुर. जिले की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने नाबालिग भाइयों के साथ कई बार कुकर्म करने वाले बाबा करतारनाथ को बीस साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने अदालत को बताया की 20 जून, 2020 को पीड़ितों के पिता ने विराटनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया की करतारनाथ आश्रम चलाता है और वह उसका अनुयायी था. कोरोना के समय लॉकडाउन के चलते उसका बेटा आवासीय स्कूल से घर आया हुआ था. करतारनाथ ने एक जून को घर आकर बेटे को पढ़ाने का कहकर साथ ले गया. वहीं कुछ दिनों बाद वह अपने छोटे बेटे के साथ बाबा के आश्रम गया तो उसे छोटे बेटे को भी वहां छोड़ने को कहा.

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रिपोर्ट में कहा गया की कुछ दिनों बाद बाबा दोनों बच्चों को मिलवाने के लिया लाया, लेकिन बाद में बच्चों ने वापस आश्रम जाने से मना कर दिया. परिजनों से बातचीत के दौरान 19 जून को बच्चों ने बताया की अभियुक्त उनके साथ कई बार कुकर्म कर चुका है और इसकी जानकारी देने पर मारने की धमकी देता है. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. सुनवाई के दौरान दोनों पीड़ितों ने अदालत को अपनी आपबीती सुनाई. वहीं अभियुक्त की ओर से कहा गया की प्रकरण में उसे रंजिश के कारण फंसाया गया है. इसके अलावा प्रकरण में स्वतंत्र गवाह भी नहीं है इसलिए उसे दोषमुक्त किया जाए. दोनों पक्षों की बहस सुनने और डीएनए रिपोर्ट के आधार पर अदालत ने अभियुक्त को सजा और जुर्माने से दंडित किया है.

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