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अखिलेश यादव ने अब STF को बताया 'सरेआम ठोको फोर्स', कहा-कृपा-प्राप्त लोगों का ‘व्यक्तिगत बल’ बनकर रह गया - Ayodhya Gangrape Victim

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 23 hours ago

Updated : 22 hours ago

अयोध्या की गैंगरेप पीड़िता से समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव अपने कार्यालय में मुलाकात की. इस दौरान अखिलेश यादव ने पीड़िता को न्याय का भरोसा दिलाया. वहीं, अखिलेश यादव ने एसटीएफ को लेकर एक बार फिर सरकार को घेरा है.

अखिलेश यादव से गैंगरेप पीड़िता ने की मुलाकात.
अखिलेश यादव से गैंगरेप पीड़िता ने की मुलाकात. (Photo Credit; Smajawadi party media cell)

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बार फिर स्पेशल टास्क फोर्स पर (STF) पर योगी सरकार को घेरा है. अखिलेश यादव ने एसटीएफ में तैनाती को लेकर X पोस्ट पर लिखा है कि "सरेआम ठोको फोर्स’ में तैनात लोगों का आंकड़ा बता रहा है कि ये तथाकथित ‘विशेष कार्य बल’ (विकाब) कुछ बलशाली कृपा-प्राप्त लोगों का ‘व्यक्तिगत बल’ बनकर रह गया है. जो जनसंख्या में 10% हैं, उनको 90% तैनाती और जो जनसंख्या में 90% हैं, उनको 10% तैनाती. इसका मतलब, इस बल के इस्तेमाल किये जाने का कोई खास मक़सद है, जिसके कारण ऐसी तैनाती हुई है. ‘विकाब’ के बारे में यूं भी कहा जा सकता है : बलशालियों द्वारा, बलशालियों के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए लेकिन निर्बलों के ख़िलाफ़. देखिएगा कि इस आंकड़े के सामने आते ही, कैसे अपना मुंह बचाने के लिए शासन-प्रशासन के स्तर पर कॉस्मैटिक उपचार होगा और कुछ उपेक्षित लोगों को दिखावटी पोस्टिंग दी तो जाएगी लेकिन ‘विशेष प्रयोजन की पूर्ति’ के समय, कोई भी बहाना बनाया जाएगा पर साथ नहीं ले जाया जाएगा. ‘विकाब’ वाले विकास कैसे कर सकते हैं? उप्र के लिए ‘विकाब’ विकार है.'

अखिलेश यादव ने वन नेशन वन इलेक्शन पर उठाए सवाल?
अखिलेश यादव ने X पर वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर के विरोध करते हुए लिखा कि "लगे हाथ महाराष्ट्र, झारखंड व यूपी के उपचुनाव भी घोषित करवा देते.'
अखिलेश यादव ने X पोस्ट पर लिखा है कि 'अगर ‘वन नेशन, वन नेशन’ सिद्धांत के रूप में है तो कृपया स्पष्ट किया जाए कि प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक के सभी ग्राम, टाउन, नगर निकायों के चुनाव भी साथ ही होंगे या फिर त्योहारों और मौसम के बहाने सरकार की हार-जीत की व्यवस्था बनाने के लिए अपनी सुविधानुसार? ⁠भाजपा जब बीच में किसी राज्य की चयनित सरकार गिरवाएगी तो क्या पूरे देश के चुनाव फिर से होंगे? ⁠किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने पर क्या जनता की चुनी सरकार को वापस आने के लिए अगले आम चुनावों तक का इंतज़ार करना पड़ेगा या फिर पूरे देश में फिर से चुनाव होगा? इसको लागू करने के लिए जो सांविधानिक संशोधन करने होंगे उनकी कोई समय सीमा निर्धारित की गयी है या ये भी महिला आरक्षण की तरह भविष्य के ठंडे बस्ते में डालने के लिए उछाला गया एक जुमला भर है? ⁠कहीं ये योजना चुनावों का निजीकरण करके परिणाम बदलने की तो नहीं है? ऐसी आशंका इसलिए जन्म ले रही है क्योंकि कल को सरकार ये कहेगी कि इतने बड़े स्तर पर चुनाव कराने के लिए उसके पास मानवीय व अन्य ज़रूरी संसाधन ही नहीं हैं, इसीलिए हम चुनाव कराने का काम भी (अपने लोगों को) ठेके पर दे रहे हैं. जनता का सुझाव है कि भाजपा सबसे पहले अपनी पार्टी के अंदर ज़िले-नगर, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह के चुनावों को एक साथ करके दिखाए फिर पूरे देश की बात करे. ⁠ चलते-चलते जनता यह भी पूछ रही है कि आपके अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव अब तक क्यों नहीं हो पा रहा है. जबकि सुना तो ये है कि वहां तो ‘वन पर्सन, वन ओपिनियन’ ही चलती है. कहीं कमज़ोर हो चुकी भाजपा में अब ‘टू पर्सन्स, टू ओपिनियन्स’ का झगड़ा तो नहीं है.

राम मंदिर में सफाई करने वाली गैंगरेप पीड़िता से मिले अखिलेश यादव
राम मंदिर में सफाईकर्मी और बीए की छात्रा से कुछ लोगों ने गैंगरेप किया था. गैंगरेप पीड़िता से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुलाकात की है. अखिलेश यादव ने पीड़िता को न्याय दिलाने के भरोसा दिलाया. इसके साथ ही दोबारा राम मंदिर में नौकरी देने की भी मांग की है. 20 वर्षीय पीड़िता ने 9 लोगों पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए अयोध्या कैंट थाने में केस दर्ज कराया था. जिसके बाद पुलिस 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है.

गैंगरेप पीड़िता बुधवार को लखनऊ पहुंचकर समाजवादी पार्टी कार्यालय में अखिलेश यादव से मुलाकात की. समाजवादी पार्टी की तरफ से X पोस्ट पर पीड़िता और अखिलेश यादव के मुलाकात की फोटो शेयर करते हुए लिखा है कि 'अयोध्या में राम मंदिर में साफ सफाई का काम करने वाली, सत्ता संरक्षित अपराधियों द्वारा सामूहिक बलात्कार का शिकार हुई पीड़िता छात्रा ने अखिलेश यादव से मुलाकात की एवं घटना की पूरी जानकारी दी. मुख्यमंत्री अपराधियों को संरक्षण देना बंद करे, सभी आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई हो. पीड़िता के साथ हो न्याय, मिले सुरक्षा, पुनः मंदिर में दी जाए नौकरी.'

गौरतलब है कि अयोध्या कैंट थाना क्षेत्र में रहने वाली एक बीए की छात्रा (20) राम मंदिर में सफाई का काम करती थी. छात्रा ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि 14 अगस्त को उसके परिचित एक युवक का जन्मदिन था. युवक अपने एक कमरे पर ले गया, वहां पर चार लोग पहले से ही मौजूद थे. जिसके बाद सभी किसी होटल में ले जाने का दबाव बनाया, लेकिन वह वहां से घर चली गई. इसके बाद 16 अगस्त को तीन युवक घूमने के बहाने से कोतवाली नगर के अंगूरी बाग स्थित एक गेस्ट हाउस में ले गए, जहां गैंगरेप किया. इसके बाद उसी रात दो आरोपी ने उसको एक गैराज में ले गए और रेप किया. पीड़िता ने बताया कि 18 अगस्त की सुबह आरोपियों ने छात्रा को देवकली बाईपास पर छोड़ दिया. पीड़िता की शिकायत पर 5 सितंबर को पुलिस ने केस दर्ज कर 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.

गाजीपुर डेरी फार्म फारमर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने अखिलेश यादव से की मुलाकात.
गाजीपुर डेरी फार्म फारमर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने अखिलेश यादव से की मुलाकात. (Photo Credit; ETV Bharat)

डेरी फार्मर्स ने अखिलेश यादव से मुलाकात कर अपनी समस्याएं बताई
गाजीपुर डेरी फार्म फारमर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने अखिलेश यादव से भेंटकर उन्हें अपनी समस्याओं के सम्बंध में ज्ञापन सौंपा. इसके साथ ही समाधान में सहयोग का निवेदन किया. ज्ञापन में कहा गया कि गाजीपुर डेयरी फार्म और दिल्ली के अन्य 10 डेयरी फार्मों को 1976 में दिल्ली के अंतिम कोनों पर जंगल में बसाया गया था. 2017 में घोघा डेयरी फार्म बसाया गया. गाजीपुर डेयरी फार्म के अलावा अन्य डेयरी फार्म, मसूदपुर डेयरी फार्म, मदनपुरी डेयरी फार्म (डीडीए द्वारा बनाए गए) घडोली डेयरी फार्म (अब आवासीय कालोनी में कन्वर्ट) गोयला डेयरी फार्म, ककरोला डेयरी फार्म, नांगली डेयरी फार्म, भलस्वा डेयरी फार्म, शाहबाद दौलतपुर डेयरी फार्म, झड़ौता डेयरी फार्म और घोघा डेयरी फार्म (एमसीडी द्वारा बनाए गए. एक एनजीओ की ओर से डेरी मालिकों के खिलाफ हाईकोर्ट में पशु क्रूरता के केस दर्ज करा दिए गए है और उनके विरूद्ध तमाम कुप्रचार भी हो रहा है. दिल्ली सरकार ने 2019 में मिक्स्ड लैंड यूज पालिसी बनाई थी, जो अब तक लंबित है. यह प्रदूषण मुक्त व्यापार करने की इजाजत देती है. इसके अलावा इस क्षेत्र में कूड़ा पड़ने से भी डेयरी फार्मों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है.

इसे भी पढ़ें-अयोध्या में छात्रा के साथ दरिंदगी; बहाने से बुलाकर तीन बार किया गैंगरेप, 5 आरोपी गिरफ्तार, 4 की तलाश जारी

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बार फिर स्पेशल टास्क फोर्स पर (STF) पर योगी सरकार को घेरा है. अखिलेश यादव ने एसटीएफ में तैनाती को लेकर X पोस्ट पर लिखा है कि "सरेआम ठोको फोर्स’ में तैनात लोगों का आंकड़ा बता रहा है कि ये तथाकथित ‘विशेष कार्य बल’ (विकाब) कुछ बलशाली कृपा-प्राप्त लोगों का ‘व्यक्तिगत बल’ बनकर रह गया है. जो जनसंख्या में 10% हैं, उनको 90% तैनाती और जो जनसंख्या में 90% हैं, उनको 10% तैनाती. इसका मतलब, इस बल के इस्तेमाल किये जाने का कोई खास मक़सद है, जिसके कारण ऐसी तैनाती हुई है. ‘विकाब’ के बारे में यूं भी कहा जा सकता है : बलशालियों द्वारा, बलशालियों के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए लेकिन निर्बलों के ख़िलाफ़. देखिएगा कि इस आंकड़े के सामने आते ही, कैसे अपना मुंह बचाने के लिए शासन-प्रशासन के स्तर पर कॉस्मैटिक उपचार होगा और कुछ उपेक्षित लोगों को दिखावटी पोस्टिंग दी तो जाएगी लेकिन ‘विशेष प्रयोजन की पूर्ति’ के समय, कोई भी बहाना बनाया जाएगा पर साथ नहीं ले जाया जाएगा. ‘विकाब’ वाले विकास कैसे कर सकते हैं? उप्र के लिए ‘विकाब’ विकार है.'

अखिलेश यादव ने वन नेशन वन इलेक्शन पर उठाए सवाल?
अखिलेश यादव ने X पर वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर के विरोध करते हुए लिखा कि "लगे हाथ महाराष्ट्र, झारखंड व यूपी के उपचुनाव भी घोषित करवा देते.'
अखिलेश यादव ने X पोस्ट पर लिखा है कि 'अगर ‘वन नेशन, वन नेशन’ सिद्धांत के रूप में है तो कृपया स्पष्ट किया जाए कि प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक के सभी ग्राम, टाउन, नगर निकायों के चुनाव भी साथ ही होंगे या फिर त्योहारों और मौसम के बहाने सरकार की हार-जीत की व्यवस्था बनाने के लिए अपनी सुविधानुसार? ⁠भाजपा जब बीच में किसी राज्य की चयनित सरकार गिरवाएगी तो क्या पूरे देश के चुनाव फिर से होंगे? ⁠किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने पर क्या जनता की चुनी सरकार को वापस आने के लिए अगले आम चुनावों तक का इंतज़ार करना पड़ेगा या फिर पूरे देश में फिर से चुनाव होगा? इसको लागू करने के लिए जो सांविधानिक संशोधन करने होंगे उनकी कोई समय सीमा निर्धारित की गयी है या ये भी महिला आरक्षण की तरह भविष्य के ठंडे बस्ते में डालने के लिए उछाला गया एक जुमला भर है? ⁠कहीं ये योजना चुनावों का निजीकरण करके परिणाम बदलने की तो नहीं है? ऐसी आशंका इसलिए जन्म ले रही है क्योंकि कल को सरकार ये कहेगी कि इतने बड़े स्तर पर चुनाव कराने के लिए उसके पास मानवीय व अन्य ज़रूरी संसाधन ही नहीं हैं, इसीलिए हम चुनाव कराने का काम भी (अपने लोगों को) ठेके पर दे रहे हैं. जनता का सुझाव है कि भाजपा सबसे पहले अपनी पार्टी के अंदर ज़िले-नगर, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह के चुनावों को एक साथ करके दिखाए फिर पूरे देश की बात करे. ⁠ चलते-चलते जनता यह भी पूछ रही है कि आपके अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव अब तक क्यों नहीं हो पा रहा है. जबकि सुना तो ये है कि वहां तो ‘वन पर्सन, वन ओपिनियन’ ही चलती है. कहीं कमज़ोर हो चुकी भाजपा में अब ‘टू पर्सन्स, टू ओपिनियन्स’ का झगड़ा तो नहीं है.

राम मंदिर में सफाई करने वाली गैंगरेप पीड़िता से मिले अखिलेश यादव
राम मंदिर में सफाईकर्मी और बीए की छात्रा से कुछ लोगों ने गैंगरेप किया था. गैंगरेप पीड़िता से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुलाकात की है. अखिलेश यादव ने पीड़िता को न्याय दिलाने के भरोसा दिलाया. इसके साथ ही दोबारा राम मंदिर में नौकरी देने की भी मांग की है. 20 वर्षीय पीड़िता ने 9 लोगों पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए अयोध्या कैंट थाने में केस दर्ज कराया था. जिसके बाद पुलिस 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है.

गैंगरेप पीड़िता बुधवार को लखनऊ पहुंचकर समाजवादी पार्टी कार्यालय में अखिलेश यादव से मुलाकात की. समाजवादी पार्टी की तरफ से X पोस्ट पर पीड़िता और अखिलेश यादव के मुलाकात की फोटो शेयर करते हुए लिखा है कि 'अयोध्या में राम मंदिर में साफ सफाई का काम करने वाली, सत्ता संरक्षित अपराधियों द्वारा सामूहिक बलात्कार का शिकार हुई पीड़िता छात्रा ने अखिलेश यादव से मुलाकात की एवं घटना की पूरी जानकारी दी. मुख्यमंत्री अपराधियों को संरक्षण देना बंद करे, सभी आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई हो. पीड़िता के साथ हो न्याय, मिले सुरक्षा, पुनः मंदिर में दी जाए नौकरी.'

गौरतलब है कि अयोध्या कैंट थाना क्षेत्र में रहने वाली एक बीए की छात्रा (20) राम मंदिर में सफाई का काम करती थी. छात्रा ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि 14 अगस्त को उसके परिचित एक युवक का जन्मदिन था. युवक अपने एक कमरे पर ले गया, वहां पर चार लोग पहले से ही मौजूद थे. जिसके बाद सभी किसी होटल में ले जाने का दबाव बनाया, लेकिन वह वहां से घर चली गई. इसके बाद 16 अगस्त को तीन युवक घूमने के बहाने से कोतवाली नगर के अंगूरी बाग स्थित एक गेस्ट हाउस में ले गए, जहां गैंगरेप किया. इसके बाद उसी रात दो आरोपी ने उसको एक गैराज में ले गए और रेप किया. पीड़िता ने बताया कि 18 अगस्त की सुबह आरोपियों ने छात्रा को देवकली बाईपास पर छोड़ दिया. पीड़िता की शिकायत पर 5 सितंबर को पुलिस ने केस दर्ज कर 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.

गाजीपुर डेरी फार्म फारमर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने अखिलेश यादव से की मुलाकात.
गाजीपुर डेरी फार्म फारमर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने अखिलेश यादव से की मुलाकात. (Photo Credit; ETV Bharat)

डेरी फार्मर्स ने अखिलेश यादव से मुलाकात कर अपनी समस्याएं बताई
गाजीपुर डेरी फार्म फारमर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने अखिलेश यादव से भेंटकर उन्हें अपनी समस्याओं के सम्बंध में ज्ञापन सौंपा. इसके साथ ही समाधान में सहयोग का निवेदन किया. ज्ञापन में कहा गया कि गाजीपुर डेयरी फार्म और दिल्ली के अन्य 10 डेयरी फार्मों को 1976 में दिल्ली के अंतिम कोनों पर जंगल में बसाया गया था. 2017 में घोघा डेयरी फार्म बसाया गया. गाजीपुर डेयरी फार्म के अलावा अन्य डेयरी फार्म, मसूदपुर डेयरी फार्म, मदनपुरी डेयरी फार्म (डीडीए द्वारा बनाए गए) घडोली डेयरी फार्म (अब आवासीय कालोनी में कन्वर्ट) गोयला डेयरी फार्म, ककरोला डेयरी फार्म, नांगली डेयरी फार्म, भलस्वा डेयरी फार्म, शाहबाद दौलतपुर डेयरी फार्म, झड़ौता डेयरी फार्म और घोघा डेयरी फार्म (एमसीडी द्वारा बनाए गए. एक एनजीओ की ओर से डेरी मालिकों के खिलाफ हाईकोर्ट में पशु क्रूरता के केस दर्ज करा दिए गए है और उनके विरूद्ध तमाम कुप्रचार भी हो रहा है. दिल्ली सरकार ने 2019 में मिक्स्ड लैंड यूज पालिसी बनाई थी, जो अब तक लंबित है. यह प्रदूषण मुक्त व्यापार करने की इजाजत देती है. इसके अलावा इस क्षेत्र में कूड़ा पड़ने से भी डेयरी फार्मों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है.

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Last Updated : 22 hours ago
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