अजमेर. पुष्कर के मिट्टी के दरडो में खास मौकों पर बनाई गई सैंड आर्टिस्ट अजय रावत की कला कृतिया तीर्थ यात्री और पर्यटकों को काफी आकर्षित करती है. इस बार सैंड आर्टिस्ट अजय सिंह रावत ने 31 दिन के अथक प्रयास से अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर की कलाकृति मिट्टी से बनाई है. सैंड आर्टिस्ट अजय सिंह रावत बताते हैं कि मिट्टी से बनी राम मंदिर की यह कलाकृति 30 फीट चौड़ी और 25 फुट लंबी है.
रावत ने बताया कि सर्दी के मौसम में मिट्टी ज्यादा ठंडी हो जाती है. ऐसे में दिन के वक्त दो-तीन घंटे ही काम करने के लिए मिल पाए थे. उन्होंने बताया कि 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा भव्य मंदिर में होगी. सभी लोग कार्यक्रम में नहीं जा पाएंगे. ऐसे में पुष्कर और पुष्कर आने वाले तीर्थ यात्रियों के दर्शनार्थ मिट्टी से यह कलाकृति तैयार की है. 1 हजार टन मिट्टी का उपयोग इस भव्य कलाकृति को बनाने में लगी है. वहीं, इतनी ही मिट्टी कलाकृति को पीछे सपोर्ट देने में लगाई गई है, ताकि यह लंबे समय तक बनी रहे.
संतों की उपस्थिति में विधि-विधान से हुई पूजा-अर्चना : सैंड आर्टिस्ट अजय रावत की ओर से बनाई गई कलाकृति का संतों ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ उद्घाटन किया गया. इसके बाद इस कलाकृति को पुष्कर और पुष्कर आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए समर्पित किया गया है. यानी जो लोग अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में नहीं जा सकते हैं. वह अयोध्या में मिट्टी से बनी राम मंदिर की कलाकृति का दर्शन पा सकते हैं. रामस्नेही संप्रदाय के महंत समताराम महाराज, संत धीरजराम रामस्नेही और स्थानीय पंडितों ने विधि-विधान से यहां पूजा-अर्चना की. इसके बाद आमजन के दर्शन के लिए इस कलाकृति को समर्पित कर दिया गया.
संत बोले- 22 जनवरी को भारत विश्व गुरु बनने की नींव रखेगा : रामस्नेही संप्रदाय के महंत संतराम महाराज ने कहा कि ब्रह्मा की नगरी पुष्कर में अयोध्या में राम मंदिर के प्रतीक के रूप में सैंड आर्टिस्ट अजय रावत ने सुंदर कलाकृति बनाई है. अयोध्या में राम मंदिर समूचे विश्व को भगवान वित्त करने वाला विषय है. उसके प्रतिक के रूप में मिट्टी से मंदिर को बनाना काफी कठिन होता है. उन्होंने कहा कि अयोध्या में 22 जनवरी को भव्य मंदिर में श्री राम बिराजने वाले हैं. इस दिन को महापर्व के रूप में सभी लोग मनाएं. यह पूरे विश्व का सबसे बड़ा उत्सव होना चाहिए. राम मानवता और चरित्र के प्रतीक हैं.
22 जनवरी को भारत विश्व गुरु बने की पहली नींव रखेगा. आगामी वर्षों में पूरे विश्व का नेतृत्व भारत करेगा. उन्होंने यह भी कहा कि राम का काम धक्का देने का नहीं है. राम का काम गले लगाने का है. राम का काम जोड़ने का है तोड़ने का नहीं. 22 जनवरी का समय आ गया है, हम सब मिलकर राष्ट्र निर्माण में अपना सहयोग करेंगे.