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सौर ऊर्जा सिटी; अयोध्या मंडल के 76 हजार से अधिक घरों तक पहुंचा सौर बिजली कनेक्शन - Solar Energy City Ayodhya

अयोध्या को सोलर सिटी (Solar Energy City Ayodhya) के रूप में विकसित करने का संकल्प योगी सरकार ने लिया है. इस कड़ी में पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत अयोध्या मंडल के 76 हजार से अधिक घरों में कनेक्शन लगाने का दावा किया गया है.

सोलर सिटी के रूप में विकसित ही रही अयोध्या.
सोलर सिटी के रूप में विकसित ही रही अयोध्या. (Photo Credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 10, 2024, 12:05 PM IST

अयोध्या : बिजली की बढ़ती आवश्यकताओं को देखते हुए केंद्र सरकार ने पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का शुभारंभ किया है. इसके तहत सूर्यवंश की राजधानी के लिए अयोध्या सौर ऊर्जा सिटी के रूप में विकसित हो रही है. इसी कड़ी में अयोध्या मंडल में सौर ऊर्जा कनेक्शन के लिए लगभग 76 हजार 108 लोगों के घरों में कनेक्शन लगाए जा चुके हैं.

योजना के तहत सीएम योगी ने अयोध्या को सोलर सिटी बनाने के लिए घोषणा की थी. इसके लिए यूपीनेडा की ओर से अयोध्या में 40 मेगावाट का सोलर प्लांट स्थापित किया जा रहा है. इसके अलावा घर-घर सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं. साथ ही लगने वाले कनेक्शन की वृद्धि के लिए योजना का प्रसार-प्रचार करने के लिए सोलर सखी द्वारा डोर टू डोर कैंपेन भी चलाया जा रहा है.

पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना : सोलर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना के लिए प्रति किलोवॉट 10 वर्गमीटर छाया रहित छत की आवश्यकता होती है. एक किलोवॉट के रूफटॉप संयंत्र से औसतन प्रतिदिन 4-5 यूनिट बिजली का उत्पादन होता है. संयंत्र से उत्पादित विद्युत का उपयोग भवन स्वामी द्वार करने के उपरांत अवशेष विद्युत ग्रिड में चली जाती है. इसका नेटमीटरिंग के माध्यम से विद्युत बिल में संबंधित डिस्कॉम द्वारा समायोजन किया जाता है. उपभोक्ता द्वारा सोलर संयंत्रों की स्थापना में व्यय की गई धनराशि की प्रतिपूर्ति विद्युत बिल के बचत के रूप में 3 से 4 वर्ष में हो जाती है.

अयोध्या में सोलर योजना की स्थिति.
अयोध्या में सोलर योजना की स्थिति. (Photo Credit: ETV Bharat)

केंद्र और प्रदेश सरकार से अनुदान : एक किलो वाॅट पर केन्द्र का अनुदान 30 हजार और राज्य का 15 हजार. दो किलो वाॅट पर केन्द्र का अनुदान 60 हजार और राज्य का 30 हजार. तीन किलो वाॅट पर केन्द्र का अनुदान 78 हजार और राज्य का 30 हजार.

एक से 10 किलोवॉट क्षमता के संयंत्र का अनुमानित मूल्य प्रति किलोवॉट लगभग 60 से 65 हजार रुपये प्रति किलोवाट के मध्य आता है. संयंत्र की स्थापना के उपरांत केंद्र एवं राज्य सरकार से प्राप्त अनुदान उपभोक्ता के खाते में प्राप्त होता है.

योजना का लाभ पाने के लिए यह करें : योजना करने के लिए https://pmsuryaghar.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन करना होता है. प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा मोबाइल ऐप भी विकसित किया गया है. सोलर रूफटॉप संयंत्र की स्थापना बैंक से ऋण लेकर कराए जाने हेतु भारत सरकार के पोर्टल पर विभिन्न बैंकों को सूचीबद्ध किया गया है. सोलर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना हेतु एमएनआरई भारत सरकार के दिशा-निर्देशन में वेंडर इम्पैनलमेंट की कार्रवाई की जा रही है. इसके अंतर्गत प्रदेश में 525 वेंडर पंजीकृत हो चुके हैं. उत्तर प्रदेश में सोलर रूफटॉप संयंत्र की स्थापना के लिए 25 लाख का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके लिए डिस्कॉमवार/ जनपदवार लक्ष्य भी निर्धारित किया जाता है.

यह भी पढ़ें : सीएम योगी बोले- अयोध्या-प्रयागराज, वाराणसी और गोरखपुर को बनाया जा रहा सोलर सिटी, मिलेगा रोजगार - CM Yogi Adityanath on Solar Cities

यह भी पढ़ें : अयोध्या में श्री राम हेरिटेज वाॅक स्थल का लोकार्पण, सीएम योगी ने सोलर सिटी बनाने पर आखिर क्यों दिया जोर - AYODHYA NEWS

अयोध्या : बिजली की बढ़ती आवश्यकताओं को देखते हुए केंद्र सरकार ने पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का शुभारंभ किया है. इसके तहत सूर्यवंश की राजधानी के लिए अयोध्या सौर ऊर्जा सिटी के रूप में विकसित हो रही है. इसी कड़ी में अयोध्या मंडल में सौर ऊर्जा कनेक्शन के लिए लगभग 76 हजार 108 लोगों के घरों में कनेक्शन लगाए जा चुके हैं.

योजना के तहत सीएम योगी ने अयोध्या को सोलर सिटी बनाने के लिए घोषणा की थी. इसके लिए यूपीनेडा की ओर से अयोध्या में 40 मेगावाट का सोलर प्लांट स्थापित किया जा रहा है. इसके अलावा घर-घर सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं. साथ ही लगने वाले कनेक्शन की वृद्धि के लिए योजना का प्रसार-प्रचार करने के लिए सोलर सखी द्वारा डोर टू डोर कैंपेन भी चलाया जा रहा है.

पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना : सोलर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना के लिए प्रति किलोवॉट 10 वर्गमीटर छाया रहित छत की आवश्यकता होती है. एक किलोवॉट के रूफटॉप संयंत्र से औसतन प्रतिदिन 4-5 यूनिट बिजली का उत्पादन होता है. संयंत्र से उत्पादित विद्युत का उपयोग भवन स्वामी द्वार करने के उपरांत अवशेष विद्युत ग्रिड में चली जाती है. इसका नेटमीटरिंग के माध्यम से विद्युत बिल में संबंधित डिस्कॉम द्वारा समायोजन किया जाता है. उपभोक्ता द्वारा सोलर संयंत्रों की स्थापना में व्यय की गई धनराशि की प्रतिपूर्ति विद्युत बिल के बचत के रूप में 3 से 4 वर्ष में हो जाती है.

अयोध्या में सोलर योजना की स्थिति.
अयोध्या में सोलर योजना की स्थिति. (Photo Credit: ETV Bharat)

केंद्र और प्रदेश सरकार से अनुदान : एक किलो वाॅट पर केन्द्र का अनुदान 30 हजार और राज्य का 15 हजार. दो किलो वाॅट पर केन्द्र का अनुदान 60 हजार और राज्य का 30 हजार. तीन किलो वाॅट पर केन्द्र का अनुदान 78 हजार और राज्य का 30 हजार.

एक से 10 किलोवॉट क्षमता के संयंत्र का अनुमानित मूल्य प्रति किलोवॉट लगभग 60 से 65 हजार रुपये प्रति किलोवाट के मध्य आता है. संयंत्र की स्थापना के उपरांत केंद्र एवं राज्य सरकार से प्राप्त अनुदान उपभोक्ता के खाते में प्राप्त होता है.

योजना का लाभ पाने के लिए यह करें : योजना करने के लिए https://pmsuryaghar.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन करना होता है. प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा मोबाइल ऐप भी विकसित किया गया है. सोलर रूफटॉप संयंत्र की स्थापना बैंक से ऋण लेकर कराए जाने हेतु भारत सरकार के पोर्टल पर विभिन्न बैंकों को सूचीबद्ध किया गया है. सोलर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना हेतु एमएनआरई भारत सरकार के दिशा-निर्देशन में वेंडर इम्पैनलमेंट की कार्रवाई की जा रही है. इसके अंतर्गत प्रदेश में 525 वेंडर पंजीकृत हो चुके हैं. उत्तर प्रदेश में सोलर रूफटॉप संयंत्र की स्थापना के लिए 25 लाख का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके लिए डिस्कॉमवार/ जनपदवार लक्ष्य भी निर्धारित किया जाता है.

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