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रांची में सैकड़ों ऑटो चालक बिना लाइसेंस चला रहे वाहन, परिवहन विभाग के एक नियम के कारण हुए मजबूर, जानिए क्या है इनका दर्द - Problem of Auto drivers - PROBLEM OF AUTO DRIVERS

रांची में सैकड़ों ऑटो चालकों को भारी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है, इनका लाइसेंस नहीं बन पा रहा है. इसके कारण वे बिना लाइसेंस के ही ऑटो चलाने को मजबूर हैं.

Problem of Auto drivers
स्टैंड पर ऑटो रिक्शा (फोटो- ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 3, 2024, 5:16 PM IST

रांची: राजधानी रांची में सैकड़ों ऑटो चालक ऐसे हैं जो बिना लाइसेंस के ही बेफिक्र होकर सड़क पर ऑटो चला रहे हैं. इन ऑटो चालकों का कहना है कि डीटीओ ऑफिस में जिस नियम के तहत ड्राइविंग टेस्ट लिया जाता है, उस नियम से ज्यादातर ऑटो चालक ड्राइविंग टेस्ट नहीं पास कर पाते हैं.

ऑटो चालक संघ और डीटीओ के बयान (वीडियो- ईटीवी भारत)
मोटर अधिनियम के तहत टू व्हीलर लाइसेंस, लाइट व्हीकल लाइसेंस, हैवी व्हीकल लाइसेंस बनवाने का प्रावधान है. ऑटो जैसे वाहनों को लाइट व्हीकल में रखा जाता है. लाइट व्हीकल लाइसेंस बनवाने के लिए फोर व्हीलर का सीखना जरूरी माना जाता है. इसलिए जिला परिवहन कार्यालय के द्वारा ऑटो चालकों से ड्राइविंग टेस्ट फोर व्हीलर चला कर कराया जाता है. लेकिन परिवहन विभाग के द्वारा बनाए गए इस नियम से ऑटो चालक काफी परेशान हैं. जिन ऑटो चालकों का लाइसेंस नहीं बन पाया वह भी सड़क पर अपना ऑटो चला रहे हैं.

ऑटो चालकों ने बताया कि जब उन्हें तीन पहिया वाहन चलाना है तो फिर चार पहिया वाहन सीखने की क्या जरूरत है. ऑटो चालकों का कहना है कि कई ऐसे ऑटो चालक हैं जो चार पहिया वाहन चलाने नहीं जानते हैं. लेकिन वह आराम से ऑटो चला सकते हैं, क्योंकि ऑटो ड्राइव करने का तरीका चार पहिया वाहन से बहुत भिन्न है.

ऑटो चालक संघ के नेता ने कहा कि एक ऑटो चालक के संपर्क में ना तो कोई चार चक्का वाहन वाला होता है और ना ही कोई चार चक्का वाहन से उन्हें अपनी गाड़ी सीखने देता है. ऐसे में ऑटो चालकों के पास सिर्फ एक उपाय बचता है कि वह पैसे देकर ड्राइविंग सीखे और फिर ड्राइविंग टेस्ट में पास कर ऑटो चलाने का लाइसेंस ले सकें.

वहीं, ऑटो चालकों की इस परेशानी को लेकर हमने जब जिला परिवहन पदाधिकारी अखिलेश सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो नियमावली है, उसी के तहत ऑटो चालकों से चार चक्का वाहन चलवा कर उनका टेस्ट ड्राइव लिया जाता है और तभी उन्हें लाइसेंस निर्गत कराया जाता है. उन्होंने कहा कि जल्द ही ऑटो चालकों की यह परेशानी दूर हो जाएगी, क्योंकि यह जानकारी आ रही है कि थ्री व्हीलर ऑटो चालकों के लाइसेंस बनवाने के लिए उनका ड्राइविंग टेस्ट भी थ्री व्हीलर वाहन से ही लिया जाएगा.

गौरतलब है कि बिना लाइसेंस के सार्वजनिक वाहन या निजी वाहन चलाना गैर कानूनी है, लेकिन इसके बावजूद भी परिवहन विभाग के इस नियमावली का हवाला देते हुए राजधानी के कई ऐसे ऑटो चालक हैं जो बेखौफ होकर होकर बिना ड्राइविंग लाइसेंस के ही ऑटो चला रहे हैं।हालांकि कि जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर ऐसे लोगों पर कार्रवाई भी की जाती है.

ये भी पढ़ें:

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रांची: राजधानी रांची में सैकड़ों ऑटो चालक ऐसे हैं जो बिना लाइसेंस के ही बेफिक्र होकर सड़क पर ऑटो चला रहे हैं. इन ऑटो चालकों का कहना है कि डीटीओ ऑफिस में जिस नियम के तहत ड्राइविंग टेस्ट लिया जाता है, उस नियम से ज्यादातर ऑटो चालक ड्राइविंग टेस्ट नहीं पास कर पाते हैं.

ऑटो चालक संघ और डीटीओ के बयान (वीडियो- ईटीवी भारत)
मोटर अधिनियम के तहत टू व्हीलर लाइसेंस, लाइट व्हीकल लाइसेंस, हैवी व्हीकल लाइसेंस बनवाने का प्रावधान है. ऑटो जैसे वाहनों को लाइट व्हीकल में रखा जाता है. लाइट व्हीकल लाइसेंस बनवाने के लिए फोर व्हीलर का सीखना जरूरी माना जाता है. इसलिए जिला परिवहन कार्यालय के द्वारा ऑटो चालकों से ड्राइविंग टेस्ट फोर व्हीलर चला कर कराया जाता है. लेकिन परिवहन विभाग के द्वारा बनाए गए इस नियम से ऑटो चालक काफी परेशान हैं. जिन ऑटो चालकों का लाइसेंस नहीं बन पाया वह भी सड़क पर अपना ऑटो चला रहे हैं.

ऑटो चालकों ने बताया कि जब उन्हें तीन पहिया वाहन चलाना है तो फिर चार पहिया वाहन सीखने की क्या जरूरत है. ऑटो चालकों का कहना है कि कई ऐसे ऑटो चालक हैं जो चार पहिया वाहन चलाने नहीं जानते हैं. लेकिन वह आराम से ऑटो चला सकते हैं, क्योंकि ऑटो ड्राइव करने का तरीका चार पहिया वाहन से बहुत भिन्न है.

ऑटो चालक संघ के नेता ने कहा कि एक ऑटो चालक के संपर्क में ना तो कोई चार चक्का वाहन वाला होता है और ना ही कोई चार चक्का वाहन से उन्हें अपनी गाड़ी सीखने देता है. ऐसे में ऑटो चालकों के पास सिर्फ एक उपाय बचता है कि वह पैसे देकर ड्राइविंग सीखे और फिर ड्राइविंग टेस्ट में पास कर ऑटो चलाने का लाइसेंस ले सकें.

वहीं, ऑटो चालकों की इस परेशानी को लेकर हमने जब जिला परिवहन पदाधिकारी अखिलेश सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो नियमावली है, उसी के तहत ऑटो चालकों से चार चक्का वाहन चलवा कर उनका टेस्ट ड्राइव लिया जाता है और तभी उन्हें लाइसेंस निर्गत कराया जाता है. उन्होंने कहा कि जल्द ही ऑटो चालकों की यह परेशानी दूर हो जाएगी, क्योंकि यह जानकारी आ रही है कि थ्री व्हीलर ऑटो चालकों के लाइसेंस बनवाने के लिए उनका ड्राइविंग टेस्ट भी थ्री व्हीलर वाहन से ही लिया जाएगा.

गौरतलब है कि बिना लाइसेंस के सार्वजनिक वाहन या निजी वाहन चलाना गैर कानूनी है, लेकिन इसके बावजूद भी परिवहन विभाग के इस नियमावली का हवाला देते हुए राजधानी के कई ऐसे ऑटो चालक हैं जो बेखौफ होकर होकर बिना ड्राइविंग लाइसेंस के ही ऑटो चला रहे हैं।हालांकि कि जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर ऐसे लोगों पर कार्रवाई भी की जाती है.

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