रांची: राजधानी रांची में सैकड़ों ऑटो चालक ऐसे हैं जो बिना लाइसेंस के ही बेफिक्र होकर सड़क पर ऑटो चला रहे हैं. इन ऑटो चालकों का कहना है कि डीटीओ ऑफिस में जिस नियम के तहत ड्राइविंग टेस्ट लिया जाता है, उस नियम से ज्यादातर ऑटो चालक ड्राइविंग टेस्ट नहीं पास कर पाते हैं.
ऑटो चालकों ने बताया कि जब उन्हें तीन पहिया वाहन चलाना है तो फिर चार पहिया वाहन सीखने की क्या जरूरत है. ऑटो चालकों का कहना है कि कई ऐसे ऑटो चालक हैं जो चार पहिया वाहन चलाने नहीं जानते हैं. लेकिन वह आराम से ऑटो चला सकते हैं, क्योंकि ऑटो ड्राइव करने का तरीका चार पहिया वाहन से बहुत भिन्न है.
ऑटो चालक संघ के नेता ने कहा कि एक ऑटो चालक के संपर्क में ना तो कोई चार चक्का वाहन वाला होता है और ना ही कोई चार चक्का वाहन से उन्हें अपनी गाड़ी सीखने देता है. ऐसे में ऑटो चालकों के पास सिर्फ एक उपाय बचता है कि वह पैसे देकर ड्राइविंग सीखे और फिर ड्राइविंग टेस्ट में पास कर ऑटो चलाने का लाइसेंस ले सकें.
वहीं, ऑटो चालकों की इस परेशानी को लेकर हमने जब जिला परिवहन पदाधिकारी अखिलेश सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो नियमावली है, उसी के तहत ऑटो चालकों से चार चक्का वाहन चलवा कर उनका टेस्ट ड्राइव लिया जाता है और तभी उन्हें लाइसेंस निर्गत कराया जाता है. उन्होंने कहा कि जल्द ही ऑटो चालकों की यह परेशानी दूर हो जाएगी, क्योंकि यह जानकारी आ रही है कि थ्री व्हीलर ऑटो चालकों के लाइसेंस बनवाने के लिए उनका ड्राइविंग टेस्ट भी थ्री व्हीलर वाहन से ही लिया जाएगा.
गौरतलब है कि बिना लाइसेंस के सार्वजनिक वाहन या निजी वाहन चलाना गैर कानूनी है, लेकिन इसके बावजूद भी परिवहन विभाग के इस नियमावली का हवाला देते हुए राजधानी के कई ऐसे ऑटो चालक हैं जो बेखौफ होकर होकर बिना ड्राइविंग लाइसेंस के ही ऑटो चला रहे हैं।हालांकि कि जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर ऐसे लोगों पर कार्रवाई भी की जाती है.
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