लखनऊ: निवेश की संभावनाओं को तलाशने ऑस्ट्रेलियाई राजनयिक फिलिप ग्रीन ने प्रतिनिधिमंडल के साथ बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में बहुत संभावनाएं हैं और ऑस्ट्रेलियाई कंपनियां इन संभावनाओं को विस्तार देने के लिए उत्साहित हैं. यहां के कृषि, खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर को मजबूत करने में ऑस्ट्रेलिया अच्छा सहयोगी करना चाहता है. इस मौके पर ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त फिलिप ग्रीन ने प्रतिनिधिमंडल में शामिल कंपनियों की खूबियों के बारे में मुख्यमंत्री को जानकारी दी.
फिलिप ग्रीन ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंधों का समृद्ध इतिहास रहा है. उत्तर प्रदेश इन संबंधों को और मजबूत बनाने में बड़ी भूमिका निभा सकता है. उत्तर प्रदेश के कृषि सेक्टर को बेहतर बनाने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों में ऑस्ट्रेलिया ने सहायक बनने की इच्छा जताई है.
वहीं ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त के यूपी में दूसरी बार आने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में सबसे बड़ी आबादी का यह प्रदेश, भारत के फूड बास्केट के रूप में विशिष्ट पहचान रखता है. हमारे पास देश की कुल कृषि भूमि का 12% हिस्सा है, लेकिन देश की खाद्यान्न जरूरतों का 20% उत्तर प्रदेश में ही पैदा होता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 85% कृषि भूमि सिंचित है और इसे आगे विस्तार दिया जा रहा है. ऐसे में यदि ऑस्ट्रेलिया की कृषि तकनीकी हमारे किसानों को मिलेगी तो निश्चित ही प्रदेश में कृषि, उद्यान, डेयरी और खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर को बड़ा लाभ मिलेगा.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश के डेयरी सेक्टर को और बेहतर बनाने में ऑस्ट्रेलिया अच्छा सहयोगी बन सकता है. यूपी के एक जिला-एक डेयरी के एक बड़े कार्यक्रम की आगे बढ़ाने वाला है. इसमें ऑस्ट्रेलिया से तकनीकी सहयोग मिलना उत्साहवर्धक होगा. कई ऑस्ट्रेलियाई शैक्षिक संस्थानों के प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि, बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश के युवा उच्च शिक्षा के लिए ऑस्ट्रेलिया जाते हैं. इसको आगे बढ़ाने के लिए ऑस्ट्रेलिया के विश्वविद्यालय, यूपी के शैक्षिक संस्थानों के साथ शोध, अनुसंधान करने और तकनीकी ज्ञान के ट्रांसफर के लिए एमओयू करे. साथ ही ऑस्ट्रेलिया के विश्वविद्यालय यूपी में कैंपस खोलने पर भी विचार करे.
ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनधिमंडल से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की चर्चा करते हुए कहा कि, उत्तर प्रदेश में आज जल, थल और नभ की बेहतरीन कनेक्टिविटी है. निवेश अनुकूल 27 इंडस्ट्रियल सेक्टोरल पॉलिसी हर सेक्टर के निवेशकों की जरूरतों को पूरा करने वाला है. मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश की एफडीआई और फॉर्च्यून 500 कंपनियों के लिए घोषित नीति को ऑस्ट्रेलियाई निवेशकों के लिए उपयोगी बताया.
ऑस्ट्रेलियाई टीम के साथ वार्ता के दौरान प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका गर्ग सहित कई अधिकारी मौजूद रहे. वहीं राजनयिक फिलिप ग्रीन के साथ मुख्यमंत्री से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में वरिष्ठ व्यापार और निवेश आयुक्त, जॉन साउथवेल, कृषि सलाहकार किरण करामिल, द्वितीय सचिव टॉम ओवरटॉन, व्यापार और निवेश निदेशक आशा सुंदरमूर्ति, ऑसन लैब के भारत निदेशक संदीप जायसवाल, ग्रेनकोर्प के निवेश प्रबंधक, जॉर्डन जेफरी, पश्चिमी सिडनी विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय रणनीति प्रमुख, निशा राकेश, तस्मानिया विश्वविद्यालय से मिसेल रोज सहित ऑस्ट्रेलियाई कंपनियों और शैक्षिक संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल थे