नई दिल्लीः विधानसभा में आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार द्वारा आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश किया गया. आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में दिल्ली सरकार ने बताया कि शिक्षा पर 21.1 फीसदी और स्वास्थ्य पर 16.17 प्रतिशत बजट खर्च किया है. दिल्ली सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के लिए बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया. इससे न सिर्फ शिक्षा के स्तर में सुधार हुआ, बल्कि बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं लोगों को मिल रही है. साथ ही दिल्ली में नवजात शिशुओं की मृत्यु दर में भी कमी आई है.
विधानसभा में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में दिल्ली सरकार ने बताया कि शिक्षा पर केजरीवाल सरकार का बजट आवंटन सभी राज्य सरकारों और केंद्र सरकारों में सबसे अधिक रहा है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में दिल्ली सरकार ने अपने कुल व्यय का 21.1 प्रतिशत शिक्षा पर खर्च किया. जबकि, पूरे भारत में औसत 13.5 प्रतिशत था. दिल्ली का सकल नामांकन अनुपात (Gross Enrollment Ratio) व शुद्ध नामांकन (Net Enrollment Ratio) का अनुपात भारत के औसत GER और NER से अधिक है.
वरिष्ठ माध्यमिक कक्षाओं के लिए स्कूली शिक्षा में वरिष्ठ कक्षाओं में वित्तीय वर्ष 2021-22 में दिल्ली का जीईआर 95.01% है. जबकि, भारत के लिए यह 57.05 है. आतिशी ने कहा कि इसका मतलब यह है कि बच्चे न केवल स्कूल में प्रवेश लेते हैं, बल्कि अपनी स्कूली शिक्षा भी पूरी करते हैं. स्कूलों में बेहतर सुविधाएं दी जा रही है. दिल्ली सरकार लगातार दावा करती आ रही है कि दिल्ली के सरकारी स्कूल आज निजी स्कूलों को टक्कर दे रहे हैं. निजी स्कूलों से बच्चे नाम कटवाकर सरकारी स्कूलों में दाखिला ले रहे हैं. सरकारी स्कूलों में बच्चों को अच्छी और रोजगार परक शिक्षा दी जा रही है.
बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं से शिशु मृत्य दर कमः दिल्ली सरकार ने आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में बताया कि उन्होंने अपने कुल व्यय का 16.17 प्रतिशत सार्वजनिक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण पर खर्च किया. इसके साथ ही बड़ा इन्फ्रास्ट्रक्चर भी डेवलप किया है. इससे स्वास्थ्य सेवाओं में काफी सुधार दर्ज किया गया है. आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट में दिल्ली सरकार ने बताया है कि 31 मार्च 2023 तक दिल्ली में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में 92 अस्पताल, 39 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 1658 औषधालय, 124 प्रसूति गृह और उपकेंद्र, 46 पॉलीक्लिनिक, 1040 नर्सिंग होम, 405 विशेष क्लीनिक और स्वैच्छिक संगठन और 19 मेडिकल कॉलेज शामिल थे.
दिल्ली सरकार का स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं के मामले में अकेले 38 मल्टीस्पेशलिटी और सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, 174 एलोपैथिक डिस्पेंसरी, 60 सीड प्राथमिक शहरी स्वास्थ्य केंद्र, 521 आम आदमी मोहल्ला क्लीनिक, 30 पॉलीक्लीनिक, 55 आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी, 25 यूनानी डिस्पेंसरी, 117 होम्योपैथिक डिस्पेंसरी और 46 स्कूल स्वास्थ्य क्लीनिक के साथ महत्वपूर्ण योगदान है.
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इतना ही नहीं रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि दिल्ली की शिशु मृत्यु दर भारत की 2.8 प्रतिशत की तुलना में 1.2 प्रतिशत है. मई 2022 तक दिल्ली में नवजात शिशु मृत्यु दर भारत के 2.0 प्रतिशत की तुलना में 0.9 प्रतिशत है. पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर भारत के 3.2 प्रतिशत की तुलना में 1.4 प्रतिशत है.