बीकानेर. वैदिक ज्योतिष में सूर्य को नवग्रहों में सबसे महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है जो कि जीवन ऊर्जा, आत्मा, पिता, सफलता, विजय, नेतृत्व या प्रशानिक क्षमता व यश कारक होता है. यह पूर्व दिशा , सोने व तांबे का स्वामी होता है. जन्मकुंडली में अनुकूल सूर्य जातक के जीवन में सफलता, ऊर्जा, प्रशासनिक पद, विजय, पिता या उच्च अधिकारियों से लाभ, मान सम्मान में वृद्धि करता है. इसके विपरीत प्रतिकूल सूर्य जातक को अहंकारी, क्रोधी, महत्वाकांक्षी, आत्म केंद्रित आदि बनाता है.
- मेष : रचनात्मक रुझान, संतान संबंधी कार्यों में ऊर्जा, सट्टेबाजी की मनोवृत्ति, प्रेम प्रसंग के अवसर बढ़ेंगे।
- वृषभ: गृहस्थान पर नवाचार, भूमि/मकान/वाहन के क्रय विक्रय के अवसर, माता संबंधित चिंता, मन में बेचैनी होगी।
- मिथुन: नव कार्य का आरंभ, अल्प दूरी की यात्रा छोटे भाई बहन अथवा अधीनस्थ से संबंधित चिंता या मतभेद, संप्रेषण कार्यों में लाभ होगा।
- कर्क: पारिवारिक कार्यों की अधिकता, स्थाई परिसंपत्ति निर्माण के योग, सामूहिक भोज के अवसर, नेत्र अथवा वाणी दोष की संभावना है।
- सिंह: आत्म चिंतन अथवा आत्ममनन, एकांतवास, व्यय में कमी, आर्थिक अनुकूलता, शारीरिक कष्ट दिख सकता है।
- कन्या: आय की अपेक्षा व्यय की अधिकता, लंबी दूरी की यात्रा के अवसर, अस्पताल संबंधी कार्य, विदेश या सुदूर प्रांत से लाभ होगा।
- तुला: आय में बढ़ोतरी हेतु प्रयास, संपर्क सूत्रों में बढ़ोतरी, बड़े भाई बहन से संबंधित चिंता या उनसे मतभेद, आर्थिक प्रतिकूलता देखने की मिल सकती है।
- वृश्चिक: कार्यक्षेत्र में अधिक ऊर्जा, उच्च अधिकारी अथवा पिता से मतभेद, सामाजिक प्रतिष्ठा को लेकर सजगता, पदोन्नति हेतु प्रयास होंगे।
- धनु: धार्मिक क्रियाकलाप अथवा धार्मिक अनुष्ठान के अवसर, गुरुजनों का आशीर्वाद, उच्च अध्ययन के अवसर, नव संस्कृति से संपर्क, सकारात्मक मानसिकता बढ़ेगी।
- मकर: मन में भय अथवा आशंका, नकारात्मक मानसिकता की अधिकता, यंत्र तंत्र मंत्र की और झुकाव, भूमिगत वस्तुओं से लाभ के योग बनेंगे।
- कुंभ: नव साझेदारी की इच्छा, विवाह अथवा सगाई के अवसर, जीवनसाथी अथवा मित्रों से सहयोग की अपेक्षा, जल यात्रा के योग योग हैं।
- मीन: रोग,ऋण अथवा शत्रु पीडा, दैनिक क्रियाकलाप को लेकर असंतुष्टि, तर्क वितर्क में बढ़ोतरी, कानूनी क्षेत्र में सफलता के योग बनेंगे।