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यौन उत्पीड़न मामले में डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल के आरोपी असिस्टेंट प्रोफेसर निलंबित - Sexual Harassment Medical Students

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने एमबीबीएस छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल के असिस्टेंट प्रोफेसर को निलंबित कर दिया है.

उपराज्यपाल वीके सक्सेना
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Apr 6, 2024, 3:56 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने रोहिणी स्थित बाबा साहेब अंबेडकर मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी प्रोफेसर को निलंबित कर दिया है. एलजी की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल में होने और शहर में व्याप्त प्रशासनिक पंगुता के बावजूद, दिल्ली के उपराज्यपाल ने कथित यौन उत्पीड़न मामले में डॉ. बीएसए अस्पताल में कथित आरोपी सहायक प्रोफेसर को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की मंजूरी दे दी है.

गत माह मेडिकल कॉलेज की छात्राओं व उनके परिजनों ने आरोपी असिस्टेंट प्रो. डॉ सलीम शेख के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी और प्रदर्शन भी किया था. तब दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने 20 मार्च को पत्र लिखकर उपराज्यपाल से एमबीबीएस छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न के आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ तत्काल और कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया था.

शनिवार को उपराज्यपाल सचिवालय द्वारा आरोपी असिस्टेंट प्रोफेसर के खिलाफ की गई कार्रवाई को लेकर जारी आदेश में लिखा है कि हालाँकि इस तरह के मामलों में अनुशासनात्मक कार्रवाई की शुरुआत केवल राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (एनसीसीएसए) द्वारा ही की जा सकती है, जो कि सक्षम प्राधिकारी है. जिसके हेड मुख्यमंत्री हैं. लेकिन मेडिकल कॉलेज में महिला छात्रों के लिए डराने वाले माहौल का हवाला देते हुए उपराज्यपाल ने आरोपी सहायक प्रोफेसर डॉ. सलीम शेख के निलंबन को मंजूरी दे दी है.

हालांकि, उपराज्यपाल ने फ़ाइल में लिखा है कि अनुशासनात्मक कार्रवाई की शुरुआत और निर्णय एनसीसीएसए द्वारा किया जाना चाहिए और विभाग को उचित समय पर एनसीसीएसए की उचित अनुशंसा के साथ प्रस्ताव फिर से प्रस्तुत करना चाहिए था.

ये भी पढ़ें: यौन उत्पीड़न के आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सौरभ भारद्वाज ने LG को लिखा पत्र

बता दें कि मेडिकल कॉलेज की छात्राओं ने इसी साल फरवरी में सबसे पहले आरोपी असिस्टेंट प्रोफेसर के खिलाफ कॉलेज के प्रिंसिपल से शिकायत की थी. जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया था. लेकिन उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई. करीब महीने भर बाद छात्राओं ने विरोध प्रदर्शन किया तब स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने छात्रों पर शिकायत वापस लेने के लिए दबाव डालने के निंदनीय कृत्य के लिए प्रिंसिपल और विभाग प्रमुख के खिलाफ तत्काल कार्रवाई का निर्देश दिया था.

नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने रोहिणी स्थित बाबा साहेब अंबेडकर मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी प्रोफेसर को निलंबित कर दिया है. एलजी की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल में होने और शहर में व्याप्त प्रशासनिक पंगुता के बावजूद, दिल्ली के उपराज्यपाल ने कथित यौन उत्पीड़न मामले में डॉ. बीएसए अस्पताल में कथित आरोपी सहायक प्रोफेसर को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की मंजूरी दे दी है.

गत माह मेडिकल कॉलेज की छात्राओं व उनके परिजनों ने आरोपी असिस्टेंट प्रो. डॉ सलीम शेख के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी और प्रदर्शन भी किया था. तब दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने 20 मार्च को पत्र लिखकर उपराज्यपाल से एमबीबीएस छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न के आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ तत्काल और कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया था.

शनिवार को उपराज्यपाल सचिवालय द्वारा आरोपी असिस्टेंट प्रोफेसर के खिलाफ की गई कार्रवाई को लेकर जारी आदेश में लिखा है कि हालाँकि इस तरह के मामलों में अनुशासनात्मक कार्रवाई की शुरुआत केवल राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (एनसीसीएसए) द्वारा ही की जा सकती है, जो कि सक्षम प्राधिकारी है. जिसके हेड मुख्यमंत्री हैं. लेकिन मेडिकल कॉलेज में महिला छात्रों के लिए डराने वाले माहौल का हवाला देते हुए उपराज्यपाल ने आरोपी सहायक प्रोफेसर डॉ. सलीम शेख के निलंबन को मंजूरी दे दी है.

हालांकि, उपराज्यपाल ने फ़ाइल में लिखा है कि अनुशासनात्मक कार्रवाई की शुरुआत और निर्णय एनसीसीएसए द्वारा किया जाना चाहिए और विभाग को उचित समय पर एनसीसीएसए की उचित अनुशंसा के साथ प्रस्ताव फिर से प्रस्तुत करना चाहिए था.

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बता दें कि मेडिकल कॉलेज की छात्राओं ने इसी साल फरवरी में सबसे पहले आरोपी असिस्टेंट प्रोफेसर के खिलाफ कॉलेज के प्रिंसिपल से शिकायत की थी. जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया था. लेकिन उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई. करीब महीने भर बाद छात्राओं ने विरोध प्रदर्शन किया तब स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने छात्रों पर शिकायत वापस लेने के लिए दबाव डालने के निंदनीय कृत्य के लिए प्रिंसिपल और विभाग प्रमुख के खिलाफ तत्काल कार्रवाई का निर्देश दिया था.

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