गढ़वाः भवनाथपुर विधानसभा क्षेत्र आज भी काफी पिछड़ा है और पलायन इलाके के लोगों की नियति बन चुकी है. यहां न तो कोई रोजगार के साधन हैं और न ही सिंचाई की व्यवस्था, लेकिन यह क्षेत्र कभी गुलजार हुआ करता था. यह क्षेत्र सेल प्रबंधन के अधीन था. यहां कभी दो प्रमुख खदान थे. जिसमें एक भवनाथपुर के घाघरा में चूना पत्थर खदान और दूसरा तुलसी दामर का डोलोमाइट खदान. इन दो खदानों में हजारों मजदूरों को काम मिलता था. साथ ही खदान चलने के कारण रोजगार के अन्य साधन भी थे.
भवनाथपुर विधानसभा में ही एशिया का सबसे बड़ा क्रशर प्लांट है, जो लगभग 90 के दशक में लगा था. यह क्रशर प्लांट सेल प्रबंधन के अधीन है. जिसमें हजारों लोगों को काम मिलने की संभावना थी, लेकिन यह प्लांट आज नीलामी की भेंट चढ़ने वाला है.
नीलामी रुकवाने का करेंगे प्रयासः विधायक
भवनाथपुर विधायक अनंत प्रताप देव ने इस बाबत गढ़वा डीसी से मिलकर नीलामी रुकवाने की मांग की है. उन्होंने बताया कि भवनाथपुर क्षेत्र में पलायन एक बड़ी समस्या है. इसपर हमने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी बात की है. उन्होंने बताया कि हमारे यहां एशिया का सबसे बड़ा क्रशर प्लांट है. पिछले 10 वर्षों में उसमें कुछ नहीं बचा है. अब इस क्रशर प्लांट नीलामी होने वाली है. जिसे रुकवाने के लिए प्रयास किया जा रहा है.
10 वर्ष बाद भी नहीं लगा पावर प्लांट
वहीं सेल प्रबंधन के पास भवनाथपुर में सैकड़ों एकड़ भूमि है. इस भूमि पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पूर्व में पावर प्लांट की आधारशिला रख चुके हैं. लेकिन मामले में आज तक कुछ भी नहीं हुआ. इस मामले पर पूछे गए सवाल पर भवनाथपुर विधायक अनंत प्रताप देव ने सीधे केंद्र सरकार और पूर्व विधायक पर दोष मढ़ा है. उन्होंने कहा कि पावर प्लांट लगवाने की दिशा में पहल की जाएगी.
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