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कब है शारदीय नवरात्रि की अष्टमी, जानें तिथि, समय, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Navratri Ashtami: शारदीय नवरात्रि की अष्टमी कब है. जानें तिथि, समय, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : 3 hours ago

Maa Durga Puja vidhi
कब है शारदीय नवरात्रि की अष्टमी (Etv Bharat)

चंडीगढ़: हिंदू धर्म में धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि को काफी ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है. अष्टमी के दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा की जाती है. मां दुर्गा देवी के आठवें स्वरूप के लिए व्रत रखकर लोग उपासना करते हैं. देवी दुर्गा की पूजा के बाद भक्त उनसे शक्ति और आशीर्वाद मांगते हैं. इस दिन कन्या पूजन और हवन भी किया जाता है. माना जाता है कि इस दिन मां शक्ति की आराधना करने से पुण्य फल मिलता है. नवरात्रि की अष्टमी तिथि को विशेष रूप से फलदायी माना गया है. इसी दिन मां दुर्गा ने चंड-मुंड नाम के दैत्यों का नाश किया था. अगर आपने 9 दोनों का व्रत नहीं रखा है तो अष्टमी पर व्रत रख सकते हैं. अष्टमी के दिन व्रत रखने और माता की आराधना करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है.

अष्टमी पूजा की विधि को जानिए

  1. पहले जगह को साफ करें और फिर पूजा स्थल स्थापित करें.
  2. देवी दुर्गा की चित्र या मूर्ति रखें.
  3. पूजा के लिए जरूरी सामान को इकट्ठा करें
  4. ताजे फूल, फल, मिठाई और पानी का एक छोटा कटोरा तैयार कीजिए
  5. फिर मां का गंगाजल से अभिषेक करें, ना होने पर हर-हर गंगे बोलते हुए पवित्र जल से अभिषेक करें.
  6. मां को अक्षत, चुनरी, लाल पुष्प अर्पित करें
  7. देवी को फूल और फल चढ़ाएं.
  8. दीया, धूप और अगरबत्ती जलाएं
  9. दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा का पाठ करें
  10. घंटी बजाते हुए और भक्ति गीत गाते हुए माता की आरती करें
  11. पान के पत्ते पर कपूर और लौंग रखकर माता की आरती उतारें
  12. प्रसाद वितरण के साथ समाप्त करें और परिवार, दोस्तों समेत सभी को बांटें

कब है शारदीय नवरात्रि की अष्टमी ? : अष्टमी तिथि पंचांग के मुताबिक 10 अक्टूबर को दोपहर 12.31 बजे से अष्टमी तिथि लग रही है जो 11 अक्टूबर की दोपहर 12.06 बजे तक रहेगी. वहीं उदया तिथि की मानें तो 11 अक्टूबर के दिन अष्टमी तिथि रहेगी.

ये भी पढ़ें: रिकॉर्ड भाव से सोने हुआ धड़ाम, खरीदने से पहले जान लें अपने शहर का ताजा रेट

चंडीगढ़: हिंदू धर्म में धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि को काफी ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है. अष्टमी के दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा की जाती है. मां दुर्गा देवी के आठवें स्वरूप के लिए व्रत रखकर लोग उपासना करते हैं. देवी दुर्गा की पूजा के बाद भक्त उनसे शक्ति और आशीर्वाद मांगते हैं. इस दिन कन्या पूजन और हवन भी किया जाता है. माना जाता है कि इस दिन मां शक्ति की आराधना करने से पुण्य फल मिलता है. नवरात्रि की अष्टमी तिथि को विशेष रूप से फलदायी माना गया है. इसी दिन मां दुर्गा ने चंड-मुंड नाम के दैत्यों का नाश किया था. अगर आपने 9 दोनों का व्रत नहीं रखा है तो अष्टमी पर व्रत रख सकते हैं. अष्टमी के दिन व्रत रखने और माता की आराधना करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है.

अष्टमी पूजा की विधि को जानिए

  1. पहले जगह को साफ करें और फिर पूजा स्थल स्थापित करें.
  2. देवी दुर्गा की चित्र या मूर्ति रखें.
  3. पूजा के लिए जरूरी सामान को इकट्ठा करें
  4. ताजे फूल, फल, मिठाई और पानी का एक छोटा कटोरा तैयार कीजिए
  5. फिर मां का गंगाजल से अभिषेक करें, ना होने पर हर-हर गंगे बोलते हुए पवित्र जल से अभिषेक करें.
  6. मां को अक्षत, चुनरी, लाल पुष्प अर्पित करें
  7. देवी को फूल और फल चढ़ाएं.
  8. दीया, धूप और अगरबत्ती जलाएं
  9. दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा का पाठ करें
  10. घंटी बजाते हुए और भक्ति गीत गाते हुए माता की आरती करें
  11. पान के पत्ते पर कपूर और लौंग रखकर माता की आरती उतारें
  12. प्रसाद वितरण के साथ समाप्त करें और परिवार, दोस्तों समेत सभी को बांटें

कब है शारदीय नवरात्रि की अष्टमी ? : अष्टमी तिथि पंचांग के मुताबिक 10 अक्टूबर को दोपहर 12.31 बजे से अष्टमी तिथि लग रही है जो 11 अक्टूबर की दोपहर 12.06 बजे तक रहेगी. वहीं उदया तिथि की मानें तो 11 अक्टूबर के दिन अष्टमी तिथि रहेगी.

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