अशोकनगर। मध्य प्रदेश के चंदेरी की देश में एक अलग ही पहचान है. अति प्राचीन इतिहास और पुरातत्व के साथ-साथ हस्तशील से बनने वाली चंदेरी साड़ी के लिए यह जगह अलग पहचान रखती है. हस्तशिल्प के बने सामान के लिए देश-विदेश से चंदेरी में अलग पहचान है. हालांकि अब चंदेरी के प्राणपुर में देश का पहला क्राफ्ट हैंडलूम टूरिज्म प्लेस बनाया गया है. जिसका लोकार्पण बुधवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को करना था. पर देरी के कारण इसका उद्घाटन करने सीएम नहीं पहुंचे. जिसके बाद मंत्री सिंधिया ने उद्घाटन किया.
क्राफ्ट हैंडलूम टूरिज्म विलेज का विकास
मध्य प्रदेश टूरिज्म डिपार्टमेंट ने बताया कि ''मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में पर्यटन विभाग हस्तशिल्प उत्पादों की गुणवत्ता का विकास करने की ओर अग्रसर है. कारीगरों की कौशल विकास उन्नत विकास तकनीकी का प्रशिक्षण आधुनिक उपकरणों को पदार्थ तथा उत्पादों के मिश्रण सहायता उपलब्ध कराया जाना है. शिल्पकारों की कला को संरक्षित करने की कोशिश मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड की पहल पर इस गांव का विकास किया जा रहा है. वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार एवं मध्य प्रदेश शासन द्वारा 7 करोड़ 45 लख रुपए की लागत से प्राणपुर चंदेरी जिला अशोकनगर में क्राफ्ट हैंडलूम टूरिज्म विलेज का विकास किया गया है. इसका प्रमुख उद्देश्य स्थानीय बुनकर एवं शिल्पकारों की कला को संरक्षित करके हुए बाजार में मुहैया कराना है.''
साड़ी से चंदेरी की पहचान
बुनकरों ने बताया कि प्रत्येक साड़ी में कम से कम 3 दिन का समय लगता है. एक बुनकर परिवार ने कहा कि ''हमारा परिवार 200 वर्षों से इसे बनाने के कार्य में लगा हुआ है. यहां तक की नई पीढ़ियां भी बनाने में कुशल है. हम अपने काम पर गर्व करते हैं और विरासत को जारी रखने की उम्मीद करते हैं. क्योंकि विश्व भर में चंदेरी साड़ी के नाम से चंदेरी की पहचान है. क्षेत्र की कपड़ा संस्कृति को समझने के लिए प्राणपुर से बेहतर कुछ नहीं.'' एक अन्य ने कहा कि ''यह पिटलूम हैं जिनमें आधुनिक पावरलूम के विपरीत मैन्युअल श्रम की आवश्यकता होती है, यदि कोई क्षेत्र की कपड़ा संस्कृत में गहराई से जाना चाहता है तो प्राणपुर से बेहतर कोई जगह नहीं है.''