अशोकनगर: फसलों के उचित दाम की मांग को लेकर भारतीय किसान संघ ने शव यात्रा निकाली. शव यात्रा अस्पताल चौराहे से कलेक्ट्रेट के गेट पर पहुंची, जहां अर्धनग्न होकर किसानों ने प्रदर्शन किया. इसके बाद अपनी मांगों को लेकर, उन्होंने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा. किसानों ने चेतावनी दी है कि '15 दिन में यदि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो ग्रामीण क्षेत्र से शहर में आ रही सब्जी और दूध को बंद कर दिया जाएगा.'
कलेक्ट्रेट पहुंच किसानों ने किया प्रदर्शन
इस बारे में बताया गया कि सोयाबीन सहित अन्य फसलों के दाम बढ़ाने को लेकर भारतीय किसान संघ लंबे समय से मांग कर रहा है. लेकिन सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं कर रही है, जिसके कारण मंगलवार की दोपहर किसान संघ ने फसलों की अर्थी सजाकर शव यात्रा निकाली. इस शव यात्रा में बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए. इसके बाद शव यात्रा कलेक्ट पहुंची, जहां कलेक्ट्रेट के गेट पर अर्थी रख किसान अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किए. इस दौरान चिता के समक्ष किसानों ने जमकर विलाप किया. इसके साथ ही उन्होंने अपनी 3 सूत्री मांगों को लेकर एसडीएम सुभ्रता त्रिपाठी को ज्ञापन सौंपा.
इन मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन
संघ के पदाधिकारी ने बताया कि मध्य प्रदेश सोयाबीन उत्पादक राज्य है, जिसका दाम बाजार में बहुत ही कम है. किसानों ने बताया कि 6 हजार प्रति क्विंटल सोयाबीन का दाम किया जाए. इसके साथ ही मक्का की फसल में भी समर्थन मूल्य 300 प्रति क्विंटल बढ़ाया जाए. वहीं, प्रदेश में धान की खेती भी अत्यधिक हो रही है. जिसका समर्थन मूल्य 4 हजार प्रति क्विंटल किया जाए और घोषित मूल्य पर खरीदी भी शुरू की जाए.
'मांग पूरी नहीं होने पर निकलेगी किसानों की अर्थी'
भारतीय किसान संघ के संभागीय उपाध्यक्ष रामकृष्ण रघुवंशी ने बताया कि "हम लोगों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है. जिसमें 3 सूत्री मांग की गई है. यदि इन मांगों के हिसाब से फसलों का दाम नहीं बढ़ाया गया, तो वह दिन दूर नहीं जब किसानों की भी अर्थियां निकलना शुरू हो जाएंगी."
ये भी पढ़ें: मध्य प्रदेश में किसानों का सोयाबीन आंदोलन, MSP पर नहीं बन रही बात, मंदसौर कांड की दिलाई याद यूथ कांग्रेस का उग्र प्रदर्शन, पुलिस ने छोड़ा वाटर कैनन, कई कार्यकर्ताओं की हुई गिरफ्तारी |
'दूध से लेकर सब्जी तक की सप्लाई करेंगे बंद'
किसान संघ के पदाधिकारी ने चेतावनी देते हुए कहा, कि "यदि हमारी मांगे केंद्र सरकार पूरी नहीं करती है तो, जल्द ही हम ग्रामीण क्षेत्र से दूध और सब्जी सहित अन्य सामग्री शहर में भेजना बंद कर देंगे और पूरी तरह से बाजार भी बंद किया जाएगा. इसलिए हमारी केंद्र सरकार से अपील है, कि वह हमारी मांगों को जल्द पूरा करें."