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बोकारो की शिक्षिका आशा रानी ने बढ़ाया झारखंड का मान, राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित, राष्ट्रपति करेंगी सम्मानित - NATIONAL TEACHERS AWARD

NATIONAL TEACHERS AWARD. बोकारो की शिक्षिका आशा रानी ने झारखंड का मान बढ़ाया है. उन्हें राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चुना गया है. पांच सितंबर को दिल्ली में होने वाले कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उन्हें सम्मानित करेंगी.

NATIONAL TEACHERS AWARD
शिक्षिका आशा रानी (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 28, 2024, 6:32 PM IST

रांची: बोकारो के चंदनक्यारी स्थित प्लस टू हाई स्कूल की शिक्षिका डॉ आशा रानी का चयन राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार, 2024 के लिए हुआ है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उनको शिक्षक दिवस के दिन 5 सितंबर को दिल्ली के विज्ञान भवन में उन्हें सम्मानित करेंगी. खास बात है कि देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कुल 50 शिक्षकों को ही इस पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है. इस लिस्ट में डॉ आशा रानी झारखंड की एकमात्र शिक्षिका हैं. डॉ आशा रानी 9वीं से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं को संस्कृत पढ़ाती हैं.

केंद्र सरकार के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के स्तर पर हर साल इस पुरस्कार के लिए शिक्षकों का चयन किया जाता है. तीन चरण में सेलेक्शन की प्रक्रिया चलती है. इस पुरस्कार के लिए चयनित डॉ आशा रानी को सर्टिफिकेट के साथ-साथ सिल्वर मेडल और 50 हजार नकद राशि दी जाएगी. उनके दिल्ली जाने, लौटने और ठहरने की सारी व्यवस्था विभाग के स्तर पर होगी. विभाग ने झारखंड के स्कूली शिक्षा विभाग को इस बाबत पत्र भेजकर डॉ आशा रानी को रिलिव करने और 3 सितंबर से 6 सितंबर तक ऑन ड्यूटी सुनिश्चित करने को कहा है.

आपको बता दें कि पिछले साल देशभर से कुल 75 शिक्षकों को इस पुरस्कार के लिए चयनित किया गया था. इसमें झारखंड से मध्य विद्यालय दीवानखाना, चतरा के प्रभारी प्रधानाध्यापक मो. इजाजुल हक और सैनिक स्कूल तिलैया, कोडरमा के कंप्यूटर साइंस के शिक्षक मनोरंजन पाठक शामिल थे.

रांची: बोकारो के चंदनक्यारी स्थित प्लस टू हाई स्कूल की शिक्षिका डॉ आशा रानी का चयन राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार, 2024 के लिए हुआ है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उनको शिक्षक दिवस के दिन 5 सितंबर को दिल्ली के विज्ञान भवन में उन्हें सम्मानित करेंगी. खास बात है कि देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कुल 50 शिक्षकों को ही इस पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है. इस लिस्ट में डॉ आशा रानी झारखंड की एकमात्र शिक्षिका हैं. डॉ आशा रानी 9वीं से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं को संस्कृत पढ़ाती हैं.

केंद्र सरकार के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के स्तर पर हर साल इस पुरस्कार के लिए शिक्षकों का चयन किया जाता है. तीन चरण में सेलेक्शन की प्रक्रिया चलती है. इस पुरस्कार के लिए चयनित डॉ आशा रानी को सर्टिफिकेट के साथ-साथ सिल्वर मेडल और 50 हजार नकद राशि दी जाएगी. उनके दिल्ली जाने, लौटने और ठहरने की सारी व्यवस्था विभाग के स्तर पर होगी. विभाग ने झारखंड के स्कूली शिक्षा विभाग को इस बाबत पत्र भेजकर डॉ आशा रानी को रिलिव करने और 3 सितंबर से 6 सितंबर तक ऑन ड्यूटी सुनिश्चित करने को कहा है.

आपको बता दें कि पिछले साल देशभर से कुल 75 शिक्षकों को इस पुरस्कार के लिए चयनित किया गया था. इसमें झारखंड से मध्य विद्यालय दीवानखाना, चतरा के प्रभारी प्रधानाध्यापक मो. इजाजुल हक और सैनिक स्कूल तिलैया, कोडरमा के कंप्यूटर साइंस के शिक्षक मनोरंजन पाठक शामिल थे.

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