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आशा किरण शेल्टर होम मामला: बीजेपी ने दिल्ली सरकार को बर्खास्त करने की मांग की - Asha Kiran Home Death Case

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 2, 2024, 8:22 PM IST

Asha Kiran Home Death Case: दिल्ली के आशा किरण शेल्टर होम में जुलाई में 14 लोगों की मौत का मामला सामने आया है. इस मामले में दिल्ली सरकार ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं. वहीं, अब उस पूरे मामले पर बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है.

बीजेपी ने LG से की दिल्ली सरकार को बर्खास्त करने की मांग
बीजेपी ने LG से की दिल्ली सरकार को बर्खास्त करने की मांग (Etv Bharat)

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के रोहिणी सेक्टर वन स्थित आशा किरण शेल्टर होम एक बार फिर से सुर्खियों में है. दरअसल, आशा किरण होम में बीते जुलाई में एक दर्जन से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई थी. इन बच्चों की मौत आखिर कैसे हुई यह विषय सवालों के घेरे में है. वहीं, अब इस मामले को लेकर दिल्ली बीजेपी ने केजरीवाल सरकार को घेरा है. बीजेपी सांसद योगेंद्र चंदोलिया ने एलजी वीके सक्सेना से दिल्ली सरकार को बर्खास्त करने की मांग की है.

बीजेपी के सांसद योगेंद्र चंदोलिया ने बताया कि आशा किरण जो दिल्ली सरकार का सोशल वेलफेयर मिनिस्ट्री का एक डिपार्टमेंट है, यहां पर मंदबुद्धि बच्चे रहते हैं. यहां ऐसे बच्चों की संख्या लगभग 1100 है, जिसमें 13 बच्चों की मृत्यु हो गई है. चंदोलिया ने कहा कि "रोहिणी मेरे संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है. मैने वहां की व्यवस्था को देखा है. लगभग 30 वार्ड है वहां पर उसके अंदर 30 से 35 बच्चे उसमें रहते हैं. एक वार्ड में तीन आंटी जिनको आया कहते हैं, वह इन वार्डो की देखरेख करती हैं."

दुर्भाग्य इस बात का है उन बच्चों को देखरेख करने वाली आया को पिछले 5 महीनों से दिल्ली सरकार सैलेरी नहीं दी है. वह सब लोग मिनिमम वेज पर काम कर रहे हैं. अगर वह काम को छोड़ दें, तो वहां पर बच्चों की हालत क्या होगी. आशा किरण होम में 500 बच्चों की रहने की व्यवस्था है, लेकिन वहां पर 1100 से ज्यादा बच्चे हैं. उन बच्चों के साथ दिल्ली सरकार दुराचार कर रही है.

''आशा किरण आश्रय गृह के 14 कैदियों, जिनमें 13 वयस्क और एक नाबालिग की जुलाई में मृत्यु हो गई. इन 14 कैदियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का अभी भी इंतजार है. इन 14 कैदियों में से कई को कई अन्य बीमारियाँ भी थी. हालाँकि, यह एक गंभीर मुद्दा है. इसलिए, मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं, और अधिकारियों को 24 घंटे के भीतर प्रारंभिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है.'' -आतिशी, मंत्री , दिल्ली सरकार

बीजेपी सांसद चंदोलिया ने आतिशी द्वारा दिए गए जांच के आदेश पर कहा है कि हर बार जांच के आदेश दिल्ली सरकार देती है. 5 महीने से जिनको वेतन नहीं मिला है, अगर वो कर देती तो बहुत अच्छा होता. दिल्ली की सरकार सत्ता में रहने लायक नहीं है. बिजली की करंट से लोग मर रहे हैं. पानी के डूबने से लोगों की मृत्यु हो रही है. दिल्ली में एक के बाद एक हादसे पिछले कई दिनों से लगातार हो रहे हैं. दिल्ली की सरकार जेल से चल रही है. केजरीवाल के मंत्री एसी रुम में बैठकर सरकार को चल रही है. ऐसी सरकार को उपराज्यपाल के द्वारा बर्खास्त किया जाना चाहिए.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के रोहिणी सेक्टर वन स्थित आशा किरण शेल्टर होम एक बार फिर से सुर्खियों में है. दरअसल, आशा किरण होम में बीते जुलाई में एक दर्जन से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई थी. इन बच्चों की मौत आखिर कैसे हुई यह विषय सवालों के घेरे में है. वहीं, अब इस मामले को लेकर दिल्ली बीजेपी ने केजरीवाल सरकार को घेरा है. बीजेपी सांसद योगेंद्र चंदोलिया ने एलजी वीके सक्सेना से दिल्ली सरकार को बर्खास्त करने की मांग की है.

बीजेपी के सांसद योगेंद्र चंदोलिया ने बताया कि आशा किरण जो दिल्ली सरकार का सोशल वेलफेयर मिनिस्ट्री का एक डिपार्टमेंट है, यहां पर मंदबुद्धि बच्चे रहते हैं. यहां ऐसे बच्चों की संख्या लगभग 1100 है, जिसमें 13 बच्चों की मृत्यु हो गई है. चंदोलिया ने कहा कि "रोहिणी मेरे संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है. मैने वहां की व्यवस्था को देखा है. लगभग 30 वार्ड है वहां पर उसके अंदर 30 से 35 बच्चे उसमें रहते हैं. एक वार्ड में तीन आंटी जिनको आया कहते हैं, वह इन वार्डो की देखरेख करती हैं."

दुर्भाग्य इस बात का है उन बच्चों को देखरेख करने वाली आया को पिछले 5 महीनों से दिल्ली सरकार सैलेरी नहीं दी है. वह सब लोग मिनिमम वेज पर काम कर रहे हैं. अगर वह काम को छोड़ दें, तो वहां पर बच्चों की हालत क्या होगी. आशा किरण होम में 500 बच्चों की रहने की व्यवस्था है, लेकिन वहां पर 1100 से ज्यादा बच्चे हैं. उन बच्चों के साथ दिल्ली सरकार दुराचार कर रही है.

''आशा किरण आश्रय गृह के 14 कैदियों, जिनमें 13 वयस्क और एक नाबालिग की जुलाई में मृत्यु हो गई. इन 14 कैदियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का अभी भी इंतजार है. इन 14 कैदियों में से कई को कई अन्य बीमारियाँ भी थी. हालाँकि, यह एक गंभीर मुद्दा है. इसलिए, मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं, और अधिकारियों को 24 घंटे के भीतर प्रारंभिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है.'' -आतिशी, मंत्री , दिल्ली सरकार

बीजेपी सांसद चंदोलिया ने आतिशी द्वारा दिए गए जांच के आदेश पर कहा है कि हर बार जांच के आदेश दिल्ली सरकार देती है. 5 महीने से जिनको वेतन नहीं मिला है, अगर वो कर देती तो बहुत अच्छा होता. दिल्ली की सरकार सत्ता में रहने लायक नहीं है. बिजली की करंट से लोग मर रहे हैं. पानी के डूबने से लोगों की मृत्यु हो रही है. दिल्ली में एक के बाद एक हादसे पिछले कई दिनों से लगातार हो रहे हैं. दिल्ली की सरकार जेल से चल रही है. केजरीवाल के मंत्री एसी रुम में बैठकर सरकार को चल रही है. ऐसी सरकार को उपराज्यपाल के द्वारा बर्खास्त किया जाना चाहिए.

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