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RAS में चयन के बाद भी नहीं हुई ज्वाइनिंग, अब रिश्वत मामले में गिरफ्तारी के बाद निगम ने किया सस्पेंड - Bribery Case

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 14, 2024, 10:02 AM IST

Asha Kandara Bribery Case, रिश्वत मामले में गिरफ्तारी के बाद आशा कंडारा को जयपुर हेरिटेज नगर निगम ने निलंबित कर दिया है. वहीं, पाली कोर्ट में पेशी के बाद आरोपी आशा, उसके बेटे और एक दलाल को जेल भेज दिया गया.

Asha Kandara Bribery Case
गिरफ्तारी के बाद निगम ने किया सस्पेंड (ETV BHARAT JODHPUR)

जोधपुर. आरएएस परीक्षा पास करके चर्चा में आई जोधपुर की आशा कंडारा को जयपुर हेरिटेज नगर निगम ने निलंबित कर दिया है. खास बात यह है कि जोधपुर की रहने वाली आशा आज भी सफाईकर्मी ही है. आशा आरएएस अधीनस्थ सेवा में चयन के बाद भी अधिकारी नहीं बनी, क्योंकि उसने डाइवोर्सी कोटे से फॉर्म भरा था, जिसका प्रमाणपत्र वो ज्वाइनिंग के समय पेश नहीं कर पाई थी. इसके बावजूद वो पूरे देश में आरएएस चयनित के रूप में विख्यात हुई. वहीं, आगे चलकर उसने बतौर सफाईकर्मी अपना तबादला जोधपुर नगर निगम से जयपुर करवा लिया. जयपुर हेरिटेज नगर निगम के हवामहल क्षेत्र में वो बतौर सफाईकर्मी काम कर रही थी. इतना ही नहीं 42 साल की आशा ने अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल पर आज भी आरएएस लिख रखा है.

इसी बीच बुधवार रात को सफाईकर्मी भर्ती में चयन करवाने के नाम पर एक शख्स से रिश्वत राशि लेते एसीबी ने आशा को उसके ससुराल बलूंदा से गिरफ्तार किया था. साथ ही आरोपी आशा के पास से नकद 1 लाख 75 हजार रुपए बरामद हुए थे. वहीं, पूछताछ में कई अन्य भेदों के खुलने की भी बातें सामने आ रही हैं.

इसे भी पढ़ें - RAS क्लियर करने वाली आशा रिश्वत लेते गिरफ्तार, जानें पूरा मामला - ACB ACTION

तो इसलिए कराया था तबादला : RAS 2018 की भर्ती में चयनित होने के बाद आशा का नाम सफलता के लिए हर जुबां पर था, लेकिन उसने पति से अलग रहते हुए आवेदन किया था, जिसमें खुद को डाइवोर्सी बताया. साथ ही डाइवोर्स का प्रमाणपत्र भी उसके पास नहीं था. ऐसे में ज्वाइनिंग के समय डाइवोर्स प्रमाणपत्र न होने पर उसे बेरंग लौटा दिया गया. वहीं, आशा को कई जगहों पर सम्मानित भी किया गया, लेकिन आरएएस ज्वाइनिंग की बात छुपाने के लिए आशा ने अधिकारियों से मिलकर जोधपुर नगर निगम से बतौर सफाईकर्मी अपना तबादला जयपुर करवा लिया. उसके बाद जयपुर शिफ्ट हो गई. यहां लोग समझते रहे कि ज्वाइनिंग हो गई है. खुद की इंस्टा प्रोफाइल पर भी उसने राजस्थान एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस लिख रखा था.

कोर्ट ने तीनों को भेजा जेल : एसीबी द्वारा बुधवार रात को जैतारण के पास एक रिसॉर्ट से आशा उसके बेटे ऋषभ और दलाल योगेंद्र चौधरी को गिरफ्तार किया था. इनसे 1 लाख 75 हजार नकद राशि बरामद की थी. गुरुवार को तीनों को पाली कोर्ट में पेश किया गया, जहां से कोर्ट ने तीनों को जेल भेज दिया. प्रदेश में होने वाली सफाईकर्मी भर्ती के लिए तीनों ने कई जगहों पर जाल बिछा रखा था. एसीबी को अंदेशा है कि इनके लिंक अधिकारियों से भी हो सकते हैं, जिसकी पड़ताल की जा रही है.

जोधपुर. आरएएस परीक्षा पास करके चर्चा में आई जोधपुर की आशा कंडारा को जयपुर हेरिटेज नगर निगम ने निलंबित कर दिया है. खास बात यह है कि जोधपुर की रहने वाली आशा आज भी सफाईकर्मी ही है. आशा आरएएस अधीनस्थ सेवा में चयन के बाद भी अधिकारी नहीं बनी, क्योंकि उसने डाइवोर्सी कोटे से फॉर्म भरा था, जिसका प्रमाणपत्र वो ज्वाइनिंग के समय पेश नहीं कर पाई थी. इसके बावजूद वो पूरे देश में आरएएस चयनित के रूप में विख्यात हुई. वहीं, आगे चलकर उसने बतौर सफाईकर्मी अपना तबादला जोधपुर नगर निगम से जयपुर करवा लिया. जयपुर हेरिटेज नगर निगम के हवामहल क्षेत्र में वो बतौर सफाईकर्मी काम कर रही थी. इतना ही नहीं 42 साल की आशा ने अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल पर आज भी आरएएस लिख रखा है.

इसी बीच बुधवार रात को सफाईकर्मी भर्ती में चयन करवाने के नाम पर एक शख्स से रिश्वत राशि लेते एसीबी ने आशा को उसके ससुराल बलूंदा से गिरफ्तार किया था. साथ ही आरोपी आशा के पास से नकद 1 लाख 75 हजार रुपए बरामद हुए थे. वहीं, पूछताछ में कई अन्य भेदों के खुलने की भी बातें सामने आ रही हैं.

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तो इसलिए कराया था तबादला : RAS 2018 की भर्ती में चयनित होने के बाद आशा का नाम सफलता के लिए हर जुबां पर था, लेकिन उसने पति से अलग रहते हुए आवेदन किया था, जिसमें खुद को डाइवोर्सी बताया. साथ ही डाइवोर्स का प्रमाणपत्र भी उसके पास नहीं था. ऐसे में ज्वाइनिंग के समय डाइवोर्स प्रमाणपत्र न होने पर उसे बेरंग लौटा दिया गया. वहीं, आशा को कई जगहों पर सम्मानित भी किया गया, लेकिन आरएएस ज्वाइनिंग की बात छुपाने के लिए आशा ने अधिकारियों से मिलकर जोधपुर नगर निगम से बतौर सफाईकर्मी अपना तबादला जयपुर करवा लिया. उसके बाद जयपुर शिफ्ट हो गई. यहां लोग समझते रहे कि ज्वाइनिंग हो गई है. खुद की इंस्टा प्रोफाइल पर भी उसने राजस्थान एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस लिख रखा था.

कोर्ट ने तीनों को भेजा जेल : एसीबी द्वारा बुधवार रात को जैतारण के पास एक रिसॉर्ट से आशा उसके बेटे ऋषभ और दलाल योगेंद्र चौधरी को गिरफ्तार किया था. इनसे 1 लाख 75 हजार नकद राशि बरामद की थी. गुरुवार को तीनों को पाली कोर्ट में पेश किया गया, जहां से कोर्ट ने तीनों को जेल भेज दिया. प्रदेश में होने वाली सफाईकर्मी भर्ती के लिए तीनों ने कई जगहों पर जाल बिछा रखा था. एसीबी को अंदेशा है कि इनके लिंक अधिकारियों से भी हो सकते हैं, जिसकी पड़ताल की जा रही है.

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