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केजरीवाल को खाली करना होगा 'शीश महल', करोड़ों रुपए के लगे हैं कालीन-पर्दे - Arvind Kejriwal To Vacate Residence

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 17, 2024, 2:11 PM IST

Updated : Sep 17, 2024, 5:55 PM IST

Arvind Kejriwal to vacate CM house: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज अपने पद से इस्तीफा देंगे. पद छोड़ने के साथ ही कुछ ही हफ्तों में वह सिविल लाइंस स्थित मुख्यमंत्री का बंगला भी खाली कर देंगे. हालांकि यह प्रोटोकॉल का हिस्सा है. पद से इस्तीफा देने के बाद मुख्यमंत्री को अपने आवास को 15 दिनों के भीतर खाली करना पड़ता है.

15 दिनों के भीतर खाली करना होगा आवास
15 दिनों के भीतर खाली करना होगा आवास (Etv Bharat)

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के साथ ही अरविंद केजरीवाल सरकारी आवास भी खाली करेंगे. प्राप्त जानकारी के अनुसार, एक सप्ताह के भीतर केजरीवाल सिविल लाइंस के फ्लैग स्टाफ रोड में मिले सरकारी आवास को खाली कर देंगे. अरविंद केजरीवाल जिस सरकारी आवास में रह रहे हैं, पिछले कुछ वर्षों से विवादों में घिरा हुआ है.

केजरीवाल के सिविल लाइंस 6 फ्लैग स्टाफ रोड स्थित सरकारी आवास में रेनोवेशन के नाम पर करीब 45 करोड़ खर्च होने के मामले में अनियमितता की जांच उपराज्यपाल के आदेश पर हो रहा है. सरकारी आवास में हुए रेनोवेशन के संबंध में एलजी ने तत्कालीन मुख्य सचिव से विस्तृत जानकारी मांगी थी और इससे संबंधित सभी दस्तावेज सुरक्षित रखने को कहा था.

सरकारी आवास के सौंदर्यीकरण पर खर्च हुए थे 45 करोड़: गत वर्ष सीएम के सरकारी बंगले को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. बंगले में सौंदर्यीकरण के नाम पर 45 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. इसको लेकर विपक्ष ने बड़ा मुद्दा बनाया था. दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार यह सौंदर्यीकरण नहीं था पुराने ढांचे के स्थान पर एक नया घर बनाया गया और वहां उनका कैंप ऑफिस भी है. खर्च लगभग 45 करोड़ रुपये हुए हैं.

लोक निर्माण विभाग ने ऑडिट के बाद इसके जीर्णोद्धार की रिपोर्ट दी थी. पुराने ढांचे के स्थान पर एक नया ढांचा बनाया गया है. दस्तावेज के अनुसार निर्माण पर 43.70 करोड़ की स्वीकृति राशि के मुकाबले कुल 44.78 करोड़ रुपये सिविल लाइंस में के 6 फ्लैग स्टाफ रोड पर केजरीवाल के सरकारी आवास पर खर्च हुए हैं.

1970 में हुआ था सरकारी आवास का निर्माण: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी बंगले पर करोड़ों खर्च और जो दस्तावेज सामने आए हैं, उसको लेकर कहा जा रहा था कि यह 70-80 साल पुराना है. जबकि लोक निर्माण विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार 1970 के आसपास इस घर का निर्माण हुआ था और यह घर दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी को रहने के लिए बनाया गया था.

यह भी पढ़ें- आतिशी को CM बनाने पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, ये अरविंद केजरीवाल की मजबूरी...

मुख्यमंत्री बनने के बाद केजरीवाल ने लिया था फ्लैट: वर्ष 2013 में जब अरविंद केजरीवाल दिल्ली के पहली बार मुख्यमंत्री बने थे तब सरकारी आवास के नाम पर वह एक छोटा सा फ्लैट ही चाहते थे. लेकिन फरवरी 2015 में जब दिल्ली में उनकी प्रचंड बहुमत से सरकार बनी तब उन्होंने सरकारी बंगले के तौर पर सिविल लाइंस के 6 फ्लैग स्टाफ रोड स्थित इस बंगले को अपने लिए चुना था. बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर के अनुसार आम आदमी के सामने केजरीवाल ऐसे पेश आते हैं कि मानों वे निम्न वर्ग से ताल्लुक रखते हों. ऐसे चप्पल पहनना, ऐसे कपड़े पहनना और सस्ती सी पेन अपनी जेब में रखना.

लाखों रुपए के कालीन और करोड़ों रुपए का पर्दे लगाने का दावा: दावा किया जाता है कि आलीशान बंगले में लाखों रुपए के कालीन और करोड़ों रुपए के पर्दे लगाए गए हैं. पत्थर वियतनाम से मंगवाए गए हैं. स्विमिंग पूल ऐसा है कि दिल्ली में गिने-चुने ऐसे स्विमिंग पूल ही होंगे. दस्तावेज के अनुसार, मुख्यमंत्री के नाम आवंटित सरकारी आवास के निर्माण कार्य के लिए 9 सितंबर 2020 से जून 2022 में जारी की गई.

कुल खर्च में 11.30 करोड़ों के आंतरिक साज-सज्जा में, 6.02 करोड़ रुपये पत्थर और मार्बल लगाने के इस्तेमाल पर, एक करोड़ रुपये इंटीरियर कंसल्टेंसी के लिए, 2.58 करोड़ रुपये बिजली संबंधित फीटिंग और उपकरणों पर खर्च किए गए, 2.85 करोड़ रुपए अग्निशमन प्रणाली लगाने पर और 1.41 करोड़ रुपये वार्डरोब एसेसरीज सेटिंग पर खर्च किए गए. केजरीवाल के बंगले में दो किचन हैं, जिसके निर्माण में 1.1 करोड़ रुपये खर्च शामिल है.

यह भी पढ़ेंः Kejriwal Bungalow Controversy: CM केजरीवाल के आवास का होगा CAG ऑडिट, गृह मंत्रालय ने दी मंजूरी

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के साथ ही अरविंद केजरीवाल सरकारी आवास भी खाली करेंगे. प्राप्त जानकारी के अनुसार, एक सप्ताह के भीतर केजरीवाल सिविल लाइंस के फ्लैग स्टाफ रोड में मिले सरकारी आवास को खाली कर देंगे. अरविंद केजरीवाल जिस सरकारी आवास में रह रहे हैं, पिछले कुछ वर्षों से विवादों में घिरा हुआ है.

केजरीवाल के सिविल लाइंस 6 फ्लैग स्टाफ रोड स्थित सरकारी आवास में रेनोवेशन के नाम पर करीब 45 करोड़ खर्च होने के मामले में अनियमितता की जांच उपराज्यपाल के आदेश पर हो रहा है. सरकारी आवास में हुए रेनोवेशन के संबंध में एलजी ने तत्कालीन मुख्य सचिव से विस्तृत जानकारी मांगी थी और इससे संबंधित सभी दस्तावेज सुरक्षित रखने को कहा था.

सरकारी आवास के सौंदर्यीकरण पर खर्च हुए थे 45 करोड़: गत वर्ष सीएम के सरकारी बंगले को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. बंगले में सौंदर्यीकरण के नाम पर 45 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. इसको लेकर विपक्ष ने बड़ा मुद्दा बनाया था. दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार यह सौंदर्यीकरण नहीं था पुराने ढांचे के स्थान पर एक नया घर बनाया गया और वहां उनका कैंप ऑफिस भी है. खर्च लगभग 45 करोड़ रुपये हुए हैं.

लोक निर्माण विभाग ने ऑडिट के बाद इसके जीर्णोद्धार की रिपोर्ट दी थी. पुराने ढांचे के स्थान पर एक नया ढांचा बनाया गया है. दस्तावेज के अनुसार निर्माण पर 43.70 करोड़ की स्वीकृति राशि के मुकाबले कुल 44.78 करोड़ रुपये सिविल लाइंस में के 6 फ्लैग स्टाफ रोड पर केजरीवाल के सरकारी आवास पर खर्च हुए हैं.

1970 में हुआ था सरकारी आवास का निर्माण: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी बंगले पर करोड़ों खर्च और जो दस्तावेज सामने आए हैं, उसको लेकर कहा जा रहा था कि यह 70-80 साल पुराना है. जबकि लोक निर्माण विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार 1970 के आसपास इस घर का निर्माण हुआ था और यह घर दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी को रहने के लिए बनाया गया था.

यह भी पढ़ें- आतिशी को CM बनाने पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, ये अरविंद केजरीवाल की मजबूरी...

मुख्यमंत्री बनने के बाद केजरीवाल ने लिया था फ्लैट: वर्ष 2013 में जब अरविंद केजरीवाल दिल्ली के पहली बार मुख्यमंत्री बने थे तब सरकारी आवास के नाम पर वह एक छोटा सा फ्लैट ही चाहते थे. लेकिन फरवरी 2015 में जब दिल्ली में उनकी प्रचंड बहुमत से सरकार बनी तब उन्होंने सरकारी बंगले के तौर पर सिविल लाइंस के 6 फ्लैग स्टाफ रोड स्थित इस बंगले को अपने लिए चुना था. बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर के अनुसार आम आदमी के सामने केजरीवाल ऐसे पेश आते हैं कि मानों वे निम्न वर्ग से ताल्लुक रखते हों. ऐसे चप्पल पहनना, ऐसे कपड़े पहनना और सस्ती सी पेन अपनी जेब में रखना.

लाखों रुपए के कालीन और करोड़ों रुपए का पर्दे लगाने का दावा: दावा किया जाता है कि आलीशान बंगले में लाखों रुपए के कालीन और करोड़ों रुपए के पर्दे लगाए गए हैं. पत्थर वियतनाम से मंगवाए गए हैं. स्विमिंग पूल ऐसा है कि दिल्ली में गिने-चुने ऐसे स्विमिंग पूल ही होंगे. दस्तावेज के अनुसार, मुख्यमंत्री के नाम आवंटित सरकारी आवास के निर्माण कार्य के लिए 9 सितंबर 2020 से जून 2022 में जारी की गई.

कुल खर्च में 11.30 करोड़ों के आंतरिक साज-सज्जा में, 6.02 करोड़ रुपये पत्थर और मार्बल लगाने के इस्तेमाल पर, एक करोड़ रुपये इंटीरियर कंसल्टेंसी के लिए, 2.58 करोड़ रुपये बिजली संबंधित फीटिंग और उपकरणों पर खर्च किए गए, 2.85 करोड़ रुपए अग्निशमन प्रणाली लगाने पर और 1.41 करोड़ रुपये वार्डरोब एसेसरीज सेटिंग पर खर्च किए गए. केजरीवाल के बंगले में दो किचन हैं, जिसके निर्माण में 1.1 करोड़ रुपये खर्च शामिल है.

यह भी पढ़ेंः Kejriwal Bungalow Controversy: CM केजरीवाल के आवास का होगा CAG ऑडिट, गृह मंत्रालय ने दी मंजूरी

Last Updated : Sep 17, 2024, 5:55 PM IST
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