नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद आवास के साथ अन्य सुविधाएं छोड़ रहे हैं. शुक्रवार को AAP सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि कानून के तहत सभी राष्ट्रीय पार्टियों के राष्ट्रीय संयोजक को सरकारी आवास मिला है. ऐसे में अरविंद केजरीवाल को भी राष्ट्रीय पार्टी का संयोजक होने के नाते दिल्ली में सरकारी आवास मिलना चाहिए.
राघव चड्ढा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल इस्तीफा देने के बाद मुख्यमंत्री को मिलने वाली सभी सुविधाओं को छोड़ने वाले हैं. इसके बाद वह जनता की अदालत में जाएंगे, क्योंकि यह लड़ाई सत्ता बदलने की नहीं, व्यवसस्था बदलने की है. आम आदमी पार्टी इस देश की सबसे तेजी से बढ़ाने वाली पार्टी है. 10 साल के अंदर ही हमें राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा गया.
हाईकोर्ट के आदेश पर मिला कार्यालय: उन्होंने कहा कि जब कोई भी पार्टी राष्ट्रीय पार्टी बनती है तो कानून के मुताबिक उसे दो साधन दिए जाते हैं. पहला पार्टी को काम करने के लिए राजधानी में कार्यालय दिया जाता है और दूसरा राष्ट्रीय पार्टी के संयोजक को आवास मिलता है. आम आदमी पार्टी को कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद हाईकोर्ट के आदेश पर कार्यालय तो मिल गया. हम सरकार से विनती करते हैं कि अरविंद केजरीवाल को दिल्ली में सरकारी आवास दिया जाए, क्योंकि वह एक राष्ट्रीय पार्टी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक हैं.
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मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अफेयर को लिखा पत्र: सांसद ने आगे कहा, "इसका कानून में प्रावधान इसलिए किया गया, ताकि विभिन्न राज्यों से आने वाले लोग कार्यालय पर पत्राचार कर सकें और वहां पहुंचकर अपने शीर्ष नेताओं से मिल सकें. मैं केंद्र सरकार से अपील करता हूं कि बिना किसी देरी के हमारे राष्ट्रीय संयोजक को सरकारी आवास दिया जाए. इसके लिए हमने मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अफेयर को पत्र लिखा है."
सरकारी आवास की मांग कहीं शीश महल में जमे रहने की चाहत तो नहींः दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह प्रेस वार्ता करके मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के लिए बोलते हैं कि वो शीश महल और सुरक्षा छोड़कर आम आदमी की तरह जनता के बीच रहेंगे. और आज राघव चढडा पार्टी कन्वीनर होने के नाते उनके लिए मध्य दिल्ली में सरकारी आवास की मांग कर रहे हैं. शायद AAP नेता लक्ष्य हीन उद्देश्य के कारण प्रतिदिन अपने वक्तव्यों को बदलकर बोल रहे हैं. कहीं केजरीवाल शीश महल को 15 दिनों में खाली करने के निर्णय से पीछे तो नहीं हट रहे?
यादव ने कहा कि केन्द्र सरकार राष्ट्रीय पार्टियों के अध्यक्षों को आवास आवंटित नहीं करती, बल्कि राष्ट्रीय पार्टी को कार्यालय के लिए बंगला आवंटित किया जाता है. आम आदमी पार्टी का केजरीवाल के लिए सरकारी आवास की मांग करना गैर संवैधानिक है, जिसका लोकतंत्र में कोई प्रावधान नहीं है.
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