दुर्ग : कांग्रेस नेता अरुण सिसोदिया एक बार फिर चर्चा में हैं.इस बार अरुण सिसोदिया ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल पर मानहानि का नोटिस नहीं लेने का आरोप लगाया है.अरुण सिसोदिया की माने तो उन्होंने अपने वकील के माध्यम से पूर्व सीएम को नोटिस भेजा था.लेकिन भूपेश बघेल की ओर से नोटिस रिसीव नहीं किया गया.आपको बता दें कि भूपेश बघेल ने अरुण सिसोदिया पर बीजेपी का स्लीपर सेल होने का आरोप लगाया था.इस बयान के बाद अरुण सिसोदिया ने भूपेश बघेल को नोटिस देने की बात कही थी.
क्यों पूर्व सीएम ने कहा था स्लीपर सेल : आपको बता दें कि अरुण सिसोदिया ने कांग्रेस नेता विनोद वर्मा के बेटे की मल्टीमीडिया कंपनी को पार्टी फंड से करोड़ों रुपए भुगतान करने का आरोप लगाकर सनसनी फैला दी थी. सिसोदिया के मुताबिक बिना किसी सहमति के इतनी बड़ी राशि कांग्रेस पार्टी के फंड से दी गई.इन आरोपों के बाद पीसीसी चीफ दीपक बैज ने अरुण सिसोदिया को कारण बताओ नोटिस जारी किया था.वहीं जब इस बारे में पूर्व सीएम भूपेश बघेल से बात की गई तो भूपेश बघेल ने अरुण सिसोदिया को बीजेपी का स्लीपर सेल बता दिया था. इस बयान के बाद से ही सिसोदिया ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.
''पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने मुझे और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को स्लीपर सेल कहा है.इन्हीं कार्यकर्ताओं ने उन्हें सीएम बनाया.लेकिन मुझे स्लीपर सेल कहने पर मन व्यथित हुआ.इसलिए मैंने पूर्व सीएम भूपेश बघेल को मानहानि का नोटिस भेजा.जिसे उन्होंने लेने से इनकार कर दिया.इसकी जानकारी मैंने अपने वकील को दे दी है.आगे जो भी वैधानिक कार्रवाई होगी की जाएगी,ये लड़ाई जारी रहेगी.उन्होंने जो कहा है उसके लिए वो खेद प्रकट करें और माफी मांगें.''- अरुण सिसोदिया, कांग्रेस नेता
कांग्रेस नेता ने बताया था जान का खतरा : अरुण सिसोदिया ने आरोपों के बाद खुद की जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा की मांग की थी. जिसके बाद शासन ने अरुण सिसोदिया को सुरक्षा मुहैया करवाई थी.यही नहीं सिसोदिया ने स्लीपर सेल वाले बयान को लेकर भूपेश बघेल को नोटिस भिजवाने की तैयारी की थी.इसी के तहत अरुण सिसोदिया ने भूपेश बघेल को अपने वकील के माध्यम से नोटिस भिजवाया था.लेकिन अब जब भूपेश बघेल की ओर से नोटिस रिसीव नहीं करने की बात सामने आ रही है.