पटनाः बिहारी जुगाड़ तो आपने बहुत देखे होंगे. कई युवाओं ने इसके माध्यम से इतिहास रचने का काम किया लेकिन इस बार एक 65 साल के बुजुर्ग इतिहास रचने जा रहे हैं. देश में सीएनजी से कार, ऑटो और बसें चल रही हैं. ऑटोमोबाइल सेक्टर सीएनजी बाइक लाने का अब तक विचार ही कर रहा है, वहीं बिहार के 65 वर्षीय अरुण सिन्हा ने कमाल कर दिखाया.
सीएनजी बाइक देखकर लोग हैरान: पटना के रहने वाले अरुण सिन्हा ने एक पेट्रोल से चलने वाली बाइक को सीएनजी में कन्वर्ट कर दिया है. खासियत यह है कि यह गाड़ी अब सीएनजी के साथ-साथ पेट्रोल से भी चलती है. सीएनजी खत्म होने के बाद आप इस गाड़ी को पेट्रोल मोड में भी चला सकते हैं. इस तरह का अविष्कार से लोग हैरान हैं.
बाइक को किया मॉडिफाइडः ईटीवी से बातचीत में अरुण सिन्हा ने बताया कि वे सीएनजी के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं. बस, ट्रक और ऑटो को सीएनजी में कन्वर्ट करते हैं. इसी बीच उन्हें ध्यान में आया कि क्यों न दोपहिया वाहन को भी सीएनजी में कन्वर्ट कर दिया जाए. इसके बाद उन्होंने ऑटो में लगने वाले सीएनजी उपकरण को नए तरीके से मॉडिफाई किया और अपने बाइक में असेंबल किया.
6 महीने में बाइक बनकर तैयारः बाइक को सीएनजी में बदलने में लगभग ₹12000 की लागत आई. 6 महीने तक का समय लगा. ऑटो में लगने वाले उपकरण बड़े होते हैं जो बाइक में भद्दे लगते ऐसे में उन्होंने उसे रिसाइज किया है. इसके लिए अलग से उन्हें कई उपकरण लगाने पड़े. सीएनजी टैंक डिक्की के साइड में लगा है. इसे फ्यूल टैंक में फिट करने की कोशिश में है. आधे पार्ट में पेट्रोल और आधे में सीएनजी रहेगा. डिजाइन पूरा हो गया है.
100 से ज्यादा का माइलेज:अरुण सिन्हा ने दावा किया कि इस तरीके का प्रयोग करने वाले वह देश में पहले और इकलौते हैं. पेट्रोल बाइक 40 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज देती थी वहीं 1 किलो सीएनजी पर 100 किलोमीटर से अधिक माइलेज दे रही है. सीएनजी खत्म होने के बाद गाड़ी के पेट्रोल को ऑन करके पेट्रोल मोड में चला सकते हैं. ईंधन के मामले में टू इन वन है.
"देश में अभी बाइक को सीएनजी में कन्वर्ट करने का आरटीओ से कोई नियम नहीं है. होली के बाद अपनी गाड़ी को आईकैट सर्टिफिकेशन के लिए ले जाएंगे. ICAT (इंटरनेशनल सर्टिफिकेशन फॉर आटोमोटिव टेक्नोलॉजी) मानेसर, हरियाणा में है, वहां अपने गाड़ी के अप्रूवल के लिए जाएंगे. अनुमति मिलने के बाद इसपर काम किया जाएगा." -अरुण सिन्हा, मैकेनिक
'पेटेंट के लिए भी अप्लाई करेंगे': अरुण सिन्हा ने बताया कि इसके लिए अनुमति मिलने के बाद पेटेंट के लिए भी अप्लाई करेंगे. इसके बाद जिस भी कंपनी को उनकी तकनीक अच्छी लगेगी और उसकी वाजिब कीमत लगाएंगे और रॉयल्टी बेसिस पर तकनीक दे देंगे. अन्यथा अपने नाम पर तकनीक होने के बाद पटना में आकर लोगों के वाहनों को सीएनजी प्लस पेट्रोल में असेंबल करना शुरू करेंगे. इसके लिए लोगों को लागत 15-16 हजार की आएगी.
क्या कहता है मोटर व्हीकल एक्ट: किसी भी व्हीकल को मूल रूप से बदलना कानून अपराध है. मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के अनुसार मोटर को वाहन का मालिक पंजीकरण में लिखी जानकारी के अनुसार फिजिकल हो, उससे अलग न हो. जैसे पेट्रोल से चलने वाली गाड़ी की आरसी पर पेट्रोल लिखा होगा तो बदले जाने पर इसकी परमीशन आरटीओ से प्राप्त करना जरूरी है.
सावधानी के लिए बनाए गए नियम : सड़क पर अनटेस्टेड क्वालिटी के वाहन को लेकर चलना भी मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन है. वैसे सीएनजी टंकी में कोई पंप पर सीएनजी फीलिंग नहीं करने का प्रावधान नहीं है जो ISI मार्का और आरटीओ द्वारा वेरीफाइड न हो. ऐसा इसलिए है क्योंकि सीएनजी ज्वलनशील है और किसी भी गड़बड़ी की वजह से विस्फोट हो सकता है और आग लग सकती है. दूसरों की जान भी जोखिम में पड़ सकती है.
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