डूंगरपुर. शहर के राजकीय पुस्तकालय में खड़े पेड़ों पर बसरे डाले चमगादड़ों की पिछले 5 दिनों से लगातार मौतें हो रही हैं. यहां पेड़ों के नीचे और आसपास के क्षेत्र में चमगादड़ों के शव बिखरे पड़े हैं. इनकी संख्या करीब 300 के आसपास है. शवों के सड़ने से काफी दुर्गंध फैल रही है. अनेक शवों को आवारा श्वान अपना भोजन बना रहे हैं. वहीं, चमगादड़ों के शव सड़ने से यहां के लोगों को संक्रमण फैलने की आशंका सताने लगी है. जिला वन अधिकारी रंगास्वामी ने बताया कि चमगादड़ की मौत ज्यादा गर्मी की वजह से हो सकती गई, लेकिन पशु चिकित्सकों की ओर से जांच के बाद ही असली वजह का पता लग सकेगा.
5 दिन पहले मौत की घटना शुरू हुई: जानकारी के अनुसार, रियासतकालीन राजकीय पुस्तकालय में 15 से 20 पुराने पेड़ हैं, इन पर वर्षों से सैकड़ों चमगादड़ों का बसेरा है. हालात इतने वीभत्स हैं कि पेड़ पर ही उल्टे लटके हुए चमगादड़ों की मौत हो जा रही है. आसपास के लोगों का कहना है कि करीब 5 दिन पहले चमगादड़ों की मौत की घटना शुरू हुई है. पिछले दिन से अचानक मौत की संख्या में वृद्धि हो गई है.
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वन्य जीव विशेषज्ञ वीरेंद्र सिंह बेडसा का कहना है कि यह सुबह-शाम को ही पानी पीते हैं और दिन में पेड़ पर लटककर आराम करते हैं. दो दर्जन प्रजातियों में से यही इकलौती ऐसी प्रजाति है, जो फल सब्जी खाती है. अपने भारी शरीर के कारण ये खुले में रहते हैं. मरे हुए चमगादड़ों के शवों से संक्रमण फैलने से रोकने के लिए इनको जमीन में खड्डा खोदकर दफनाना चाहिए. फिलहाल चमगादड़ों के शव मौके पर ही पड़े हैं, जिसके चलते संक्रमण फैलने की आशंका बनी हुई है.