रोहतकः भारतीय सेना के जवान हरविंद्र सिंह का मंगलवार को रोहतक जिला के पैतृक गांव भालौठ में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया. शहीद का पार्थिव शरीर जैसे ही गांव में पहुंचा तो लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. आउटर बाइपास से लेकर गांव भालौठ तक बाइक रैली निकाली गई. इस दौरान "हरविंद्र अमर रहे" के नारे लगाए गए. रास्ते में लोगों ने उनके पार्थिव शरीर पर फूल बरसाए. सेना की टुकड़ी ने उन्हें सलामी दी. सेना के अधिकारी ने पिता जगबीर को तिरंगा सौंपा. अंतिम यात्रा में सेना के जवान, अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल हुए. विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने भी शहीद को श्रद्धांजलि दी.
ड्यूटी के दौरान गोली लगने से हुई थी हरविंद्र सिंह की मौतः भालौठ गांव निवासी करीब 35 वर्षीय हरविंद्र सिंह वर्ष 2009 में भारतीय सेना में शामिल हुए थे. फिलहाल हवलदार के तौर पर उनकी ड्यूटी असम में थी. शनिवार को ड्यूटी के दौरान गोली लगने से उनकी मौत हो गई. सेना की ओर से इस बारे में परिजनों को उसी दिन सूचित कर दिया गया था. शहीद हरविंद्र सिंह तीन बच्चों के पिता थे. बड़ी बेटी 8 साल की, छोटी 4 साल की और बेटा करीब सवा साल का है. परिजनों से अंतिम बार पांच दिन पहले ही बातचीत हुई थी. वे करीब ढाई माह पहले छुट्टी पर गांव आए थे.
21 जाट बटालियन में तैनात थे हरविंद्र सिंहः रोहतक के तहसीलदार राजेश कुमार ने बताया कि शहीद हरविंद्र सिंह का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. प्रदेश सरकार की ओर से दी जाने वाली सभी प्रकार की सहायता परिवार को दी जाएगी. वहीं, शहीद के रिश्तेदार अभिमन्यु ने बताया कि हरविंद्र सिंह सितंबर 2009 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे. वे 21 जाट बटालियन में तैनात थे. परिवार में हरविंद्र के दादा सूरजमल और उनके पिता जगबीर ने भी भारतीय सेना में रहकर देश सेवा की. जबकि बड़ा भाई रविंद्र भी सेना में है. भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सतीश नांदल ने शहीद को श्रद्धासुमन अर्पित किए.