मेरठ: खिलाड़ियों की नर्सरी के नाम से मशहूर मेरठ का कैलाश प्रकाश स्टेडियम अपने अनोखे खेल प्रशिक्षण और खिलाड़ियों को लेकर अक्सर चर्चा में रहता है. दरअसल संसाधनों के अभाव से जूझ रहे स्टेडियम में खिलाड़ियों को मूलभूत जरूरतों के लिए जूझना पड़ता है. ऐसी ही अव्यवस्था यहां के तीरंदाजी का हुनर सीखने वाले खिलाड़ियों को झेलनी पड़ रही है. ऐसे में खिलाड़ी खुद ही गुरु और शिष्य बनकर तीरंदाजी सीखने का मजबूर हैं. ईटीवा भारत ने तीरंदाजों के सामने आने वाली समस्याओं का जानने की कोशिश की.
मेरठ के कैलाश प्रकाश स्टेडियम में हर दिन अनेक बच्चे इस उम्मीद से तीरंदाजी सीखने आते हैं. हालांकि यहां तमाम अव्यवस्थाएं बनी हुई हैं. खिलाड़ियों के लिए न हीं कोच हैं और न हीं पर्याप्त इंतजाम. तीरंदाजी सीखने वाले खिलाड़ियों ने बताया कि उन्होंने कैलाश प्रकाश स्टेडियम के नियमों के अनुसार यहां दाखिला लिया है, लेकिन काफी समय से उन्हें कोई प्रशिक्षक नहीं मिला. लगभग 6 माह पूर्व एक प्रशिक्षक आए भी थे, लेकिन 10-15 दिन बाद वापस चले गए. ऐसे में खुद ही किसी तरह प्रैक्टिस करते हैं. अक्सर किसी सीनियर प्लेयर से वह निशानेबाजी के गुरु सीखते हैं. इसके अलावा निशानेबाजी से संबंधित उपयोगी सामग्री का भी अभाव है.
क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी योगेंद्र पाल सिंह का कहना है कि आदर्श आचार संहिता के चलते समस्या आ रही है. चुनावों के बाद कोच समेत तमाम संसाधनों का इंतजाम हो जाएगा. इसके लिए लगातार पत्राचार किया जा रहा है और निश्चित ही इस दिशा में सफलता मिलेगी. नेशनल लेवल तक खेल चुके आर्चरी खिलाड़ी से आग्रह के आधार पर खिलाड़ियों का मार्गदर्शन किया जा रहा है.
यह भी पढ़ें : समर वेकेशन में जमकर पसीना बहा रहे बच्चे; कैलाश स्टेडियम में ट्रेनिंग लेने पहुंचे 900 बच्चे, सालाना फीस मात्र 200 रुपये - Sports Training In Summer Vacation
यह भी पढ़ें : मेरठ के कैलाश प्रकाश स्टेडियम में चाकूबाजी, दो एथलीट घायल, आरोपी गिरफ्तार