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ऑर्कियोलॉजिस्ट डॉ अरुण शर्मा का निधन, अयोध्या राम मंदिर और विवादित केस में निभाई थी अहम भूमिका

Archaeologist Arun Sharma Passes Away ऑर्कियोलॉजिस्ट डॉ अरुण कुमार शर्मा अब हमारे बीच नहीं रहे.92 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली. सीएम विष्णुदेव साय ने देश के सुप्रसिद्ध पुरातत्वविद पद्मश्री डॉ अरूण कुमार शर्मा के निधन पर गहरा दुख प्रकट किया है.सीएम विष्णुदेव साय ने उनके योगदान की सराहना करते हुए,उन्हें नमन किया.CM Vishnudev Sai Paid Tribute

Archaeologist Arun Sharma Passes Away
ऑर्कियोलॉजिस्ट डॉ अरुण शर्मा का निधन
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 29, 2024, 5:17 PM IST

Updated : Feb 29, 2024, 7:38 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ के मशहूर पुरातत्ववेत्ता पद्मश्री डॉ अरुण कुमार शर्मा का 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया.डॉ अरुण शर्मा लंबे समय से बीमार थे.वो घर पर ही रहकर अपना इलाज करवा रहे थे. डॉ अरुण शर्मा को साल 2017 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था.अरुण शर्मा की खोज ने ही अयोध्या राम मंदिर और विवादित स्थल के केस में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.अरुण शर्मा के दलीलों के कारण ही कोर्ट में राम मंदिर से जुड़े कई साक्ष्य प्रस्तुत किए गए थे. उनके एकत्र किए गए सबूतों को पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय और फिर सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में विवादित स्थल पर सुनवाई के दौरान स्वीकार किया था.रामजन्मभूमि में प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर डॉ अरुण शर्मा काफी खुश थे. लेकिन स्वास्थ्यगत कारणों ने वो अयोध्या ना जा सके.उनकी राम मंदिर में रामलला के दर्शन करने की इच्छा पूरी ना हो सकी.

छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के मूल निवासी, शर्मा 1959 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) में शामिल हुए थे और विभिन्न पदों पर सेवा करने के बाद, 1992 में अधीक्षण पुरातत्वविद् के रूप में सेवानिवृत्त हुए. छत्तीसगढ़ में सेवा के दौरान शर्मा सिरपुर, तारीघाट, सिरकट्टी, आरंग, ताला, मल्हार जैसे कई स्थानों पर खुदाई में शामिल रहे. एएसआई में अपने करियर के दौरान, उन्होंने पूरे भारत में, विशेषकर गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, जम्मू, महाराष्ट्र, लक्षद्वीप, हिमाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ में स्थलों की खुदाई की और उनके बारे में रिपोर्ट दी. उन्होंने पुरातत्व पर 35 किताबें भी छापी. रिटायरमेंट के बाद भी उन्होंने पुरातात्विक स्थलों सिरपुर (छत्तीसगढ़) और मानसर (महाराष्ट्र) में खुदाई में एएसआई की काफी मदद की.

विष्णुदेव साय,सीएम छग : छत्तीसगढ़ के पुरातत्ववेत्ता, पद्मश्री डॉ अरूण कुमार शर्मा जी के निधन का समाचार दुःखद है. सिरपुर का उत्खनन उनके नेतृत्व में ही हुआ था. रामसेतु और अयोध्या के राममंदिर के पुरातात्विक विषयों पर उनकी राय अहम रही. ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति और उनके परिजनों और शुभचिंतकों को संबल प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं.

डॉ रमन सिंह, विधानसभा अध्यक्ष, छग : प्रसिद्ध पुरातत्ववेत्ता, पद्मश्री डॉ अरूण कुमार शर्मा जी के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है.अयोध्या के श्री रामजन्म भूमि, सिरपुर और राजिम के उत्खनन में उनकी अहम भूमिका रही. प्रदेश के ऐसे सपूत का जाना हम सभी के लिए अपूर्णीय क्षति है.प्रभु श्री राम दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान तथा परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें.

बृजमोहन अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री, छग : पुरातत्वविद पद्मश्री डॉ अरुण कुमार शर्मा के निधन की दुःखद सूचना प्राप्त हुई. डॉ. अरुण शर्मा जी से मेरे काफी मधुर संबंध थे. उनके मार्गदर्शन में बौद्ध तीर्थ के रूप में विकसित हो रहे हमारे छत्तीसगढ़ के सिरपुर का उत्खनन किया गया था. रामसेतु तथा अयोध्या के राममंदिर में पुरातत्व से जुड़े विषयों पर भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है. उनका गुजरना राष्ट्र के लिए अपूर्णीय क्षति है. ईश्वर उनकी दिवंगत आत्मा को श्री चरणों पर स्थान दें तथा परिवारजनों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें यही मेरी प्रार्थना है. ॐ शांति

रायपुर : छत्तीसगढ़ के मशहूर पुरातत्ववेत्ता पद्मश्री डॉ अरुण कुमार शर्मा का 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया.डॉ अरुण शर्मा लंबे समय से बीमार थे.वो घर पर ही रहकर अपना इलाज करवा रहे थे. डॉ अरुण शर्मा को साल 2017 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था.अरुण शर्मा की खोज ने ही अयोध्या राम मंदिर और विवादित स्थल के केस में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.अरुण शर्मा के दलीलों के कारण ही कोर्ट में राम मंदिर से जुड़े कई साक्ष्य प्रस्तुत किए गए थे. उनके एकत्र किए गए सबूतों को पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय और फिर सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में विवादित स्थल पर सुनवाई के दौरान स्वीकार किया था.रामजन्मभूमि में प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर डॉ अरुण शर्मा काफी खुश थे. लेकिन स्वास्थ्यगत कारणों ने वो अयोध्या ना जा सके.उनकी राम मंदिर में रामलला के दर्शन करने की इच्छा पूरी ना हो सकी.

छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के मूल निवासी, शर्मा 1959 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) में शामिल हुए थे और विभिन्न पदों पर सेवा करने के बाद, 1992 में अधीक्षण पुरातत्वविद् के रूप में सेवानिवृत्त हुए. छत्तीसगढ़ में सेवा के दौरान शर्मा सिरपुर, तारीघाट, सिरकट्टी, आरंग, ताला, मल्हार जैसे कई स्थानों पर खुदाई में शामिल रहे. एएसआई में अपने करियर के दौरान, उन्होंने पूरे भारत में, विशेषकर गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, जम्मू, महाराष्ट्र, लक्षद्वीप, हिमाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ में स्थलों की खुदाई की और उनके बारे में रिपोर्ट दी. उन्होंने पुरातत्व पर 35 किताबें भी छापी. रिटायरमेंट के बाद भी उन्होंने पुरातात्विक स्थलों सिरपुर (छत्तीसगढ़) और मानसर (महाराष्ट्र) में खुदाई में एएसआई की काफी मदद की.

विष्णुदेव साय,सीएम छग : छत्तीसगढ़ के पुरातत्ववेत्ता, पद्मश्री डॉ अरूण कुमार शर्मा जी के निधन का समाचार दुःखद है. सिरपुर का उत्खनन उनके नेतृत्व में ही हुआ था. रामसेतु और अयोध्या के राममंदिर के पुरातात्विक विषयों पर उनकी राय अहम रही. ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति और उनके परिजनों और शुभचिंतकों को संबल प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं.

डॉ रमन सिंह, विधानसभा अध्यक्ष, छग : प्रसिद्ध पुरातत्ववेत्ता, पद्मश्री डॉ अरूण कुमार शर्मा जी के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है.अयोध्या के श्री रामजन्म भूमि, सिरपुर और राजिम के उत्खनन में उनकी अहम भूमिका रही. प्रदेश के ऐसे सपूत का जाना हम सभी के लिए अपूर्णीय क्षति है.प्रभु श्री राम दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान तथा परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें.

बृजमोहन अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री, छग : पुरातत्वविद पद्मश्री डॉ अरुण कुमार शर्मा के निधन की दुःखद सूचना प्राप्त हुई. डॉ. अरुण शर्मा जी से मेरे काफी मधुर संबंध थे. उनके मार्गदर्शन में बौद्ध तीर्थ के रूप में विकसित हो रहे हमारे छत्तीसगढ़ के सिरपुर का उत्खनन किया गया था. रामसेतु तथा अयोध्या के राममंदिर में पुरातत्व से जुड़े विषयों पर भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है. उनका गुजरना राष्ट्र के लिए अपूर्णीय क्षति है. ईश्वर उनकी दिवंगत आत्मा को श्री चरणों पर स्थान दें तथा परिवारजनों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें यही मेरी प्रार्थना है. ॐ शांति

Last Updated : Feb 29, 2024, 7:38 PM IST
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